भारतीय पुरुष बलात्कार क्यों करते हैं?
अगर मैं शीर्षक से ‘क्यों’ हटा दूँ, तो यह न सिर्फ बड़े पैमाने पर चर्चित बयान हैं, बल्कि एक तथ्य भी है, जिसे हमारे मस्तिष्क में देश के कथित बुद्धिजीवी ठूँसना चाहते हैं, की ‘भारतीय पुरुष बलात्कार करते हैं’, ...
अगर मैं शीर्षक से ‘क्यों’ हटा दूँ, तो यह न सिर्फ बड़े पैमाने पर चर्चित बयान हैं, बल्कि एक तथ्य भी है, जिसे हमारे मस्तिष्क में देश के कथित बुद्धिजीवी ठूँसना चाहते हैं, की ‘भारतीय पुरुष बलात्कार करते हैं’, ...
सीमित सोच का एक जीता जागता उदाहरण है देवदत्त पटनायक सभी आधुनिक भारतीय इतिहासकार, सभी आधुनिक भारतीय शिक्षाविद, सभी आधुनिक भारतीय विचारकों मे एक समानता है, वे हिन्दू धर्म को हमेश अब्राहमिक या सेमिटिक चश्मे से देखते है। इसी ...
देखिये, मैं पहले ही ये बताना चाहता हूँ की भीड़ की हिंसा को सही तो नहीं ठहरा सकते, अगर एक बेकसूर आदमी की जान चली जाए तो। पर एक तरफ तो अपना लोकतन्त्र बहुमत को देश की दशा और ...
पूरा उपमहाद्वीप इस आगोश में घिरा हुआ है की कैसे स्वर्णिम युग में इस्लाम का परचम फहराया है। जहां सम्पूर्ण शांति और समृद्धि थी और समाज के हर समुदाय में सद्भवाना और प्रेम की हिलोरें उमड़ रही थी। गैर ...
अपने उपलब्धियों के टोकरी में एक और सफलता का फल जोड़ने जा रहे हैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो सनातन धर्म की महिमा को पुनर्स्थापित करने में भारतीय इतिहास के एक अहम पड़ाव होगा, जिसे हम ...
‘आईआईटी कानपुर लायी अपने दीक्षांत समारोह के परिधान में क्रांति!’ ‘आईआईआईटी हैदराबाद ने दीक्षांत के लिए धारण किए कुर्ता और अंगवस्त्रम’ ‘एमपी के विषविद्यालयों में देसी परिधान लेंगे विदेशी गाउन की जगह!’ सबको जोड़ती हुई बिन्दु को ध्यान से ...
"Not in my name" "मेरे नाम पे नहीं" पर मेरे नाम पे क्या नहीं; बेशक मेरे नाम पे गौहत्या रोकने के काम में होने वाली हत्याये नहीं, पर साथ ही मेरे नाम पे गौहत्या भी नहीं, और ना ही ...
कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश में कथित किसान आन्दोलन का एक नया बखेड़ा खड़ा किया गया। पुलिस फ़ायरिंग में कुछ लोगों की जानें भी गईं। इस कथित "किसान आन्दोलन "के सम्बन्ध में जो ख़बरें आई उनसे तो ये समग्र घटनाक्रम सिरे ...
चाणक्य से कालजयी राजनीतिज्ञ शायद ही इस दुनिया में कहीं पैदा हुआ होगा। जब उन्होने यह कहा था ‘बाहरी शत्रु से सीमा की सुरक्षा सरल है, परंतु अगर सीमा के अंदर देशद्रोही हो, तो कोई भी आपके देश को ...
मित्रों, ये तो सर्वविदित है की हिन्दू मंदिर और दर्शनीय स्थल भारत के धर्मनिरपेक्ष मनुष्यों के आँखों के नासूर है। मंदिरों से उनकी संपत्ति लूटने, पंडितों की नियुक्ति में हस्तक्षेप करने, उनके बौद्धिक शक्तियों पर लगाम कसने और मंदिरों ...
तवलीन सिंह की सबसे उत्र्कृष्ट विशेषताओं में से एक ये है की वो न सिर्फ सत्ता की, बल्कि प्रधानमंत्रियों और उनके मंत्रियों के अंदरूनी सर्कल के चापलूस सदस्यों की कड़वी आलोचक रही है। मसलन राजीव गांधी के उपलक्ष्य में ...
लोक सभा चुनाव हों या जम्मू कश्मीर राज्य के विधानसभा चुनाव, जब नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर कुछ ज़्यादा बोलने से मना किया था, तब हमारी बुद्धिजीवी वर्ग ने इन्हे इनके गुरु और पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपयी ...
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