खर्चा-पानी चलाने के लिए अब चीन को अपनी संपत्ति बेचेगा पाकिस्तान
कुनबा बचाने के लिए जब घर को नीलाम करना पड़ जाए तो समझ लो सब कुछ ख़त्म हो गया। पाकिस्तान का हाल भी इन दिनों कुछ ऐसा ही है जहाँ उसे अपने देश को चलाने के लिए अब दान-दक्षिणा ...
कुनबा बचाने के लिए जब घर को नीलाम करना पड़ जाए तो समझ लो सब कुछ ख़त्म हो गया। पाकिस्तान का हाल भी इन दिनों कुछ ऐसा ही है जहाँ उसे अपने देश को चलाने के लिए अब दान-दक्षिणा ...
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'मेरी राजनीतिक परिपक्वता पर संदेह मत करना।' यह बात उन्होंने यूं ही नहीं नहीं कही थी। आज भी ये बात भाजपा की राजनीतिक कार्यकुशलता को परिलक्षित करता है। कब भाजपा कौन ...
भारत की लोकतांत्रिक शक्ति का कोई सानी नहीं है, भारत का लोकतंत्र स्वयं में ही अन्य देशों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है. इसी क्रम में लोकतांत्रिक शक्तियों के सबसे बड़े पर्व के रूप में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव ...
टीएफ़आई प्रीमियम में आपका स्वागत है। आज के इस लेख में हम भारत के अगले राष्ट्रपति के नाम का ऐलान करने जा रहे हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि क्यों वही शख्स भारत का अगला राष्ट्रपति बनने जा ...
राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए "आरंभ है प्रचंड" हो चुका है, चुनाव का दिन भी तय कर लिया गया है। अटकलों और संभावित प्रत्याशियों के नामों की चर्चाओं के साथ ही कई प्रश्न जोर पकड़ने लगे हैं जैसे कि ...
जब इतिहास को तोड़ने मरोड़ने की बात आती है तो वैश्विक इतिहासकारों में ऑड्रे ट्रुशके का नाम काफी ज़ोर शोर से सामने आता है। औरंगज़ेब का दिन रात जाप करने वाली इस फर्जी इतिहासकार को इसी कारण से सोशल ...
देश में राज्य सरकारों की मनमानी बढ़ती ही जा रही है जिसका एक प्रमाण है तमिलनाडु की स्टालिन सरकार। दरअसल, तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को ...
केरल में वामपंथी सरकार में एक और कारनामा सामने आया है। केरल में शिक्षा व्यवस्था की हालत दिन-प्रतिदिन ख़राब होते जा रही है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हाल ही में परीक्षाओं में गड़बड़ी पर केरल और ...
राष्ट्रपति का चुनाव एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में होने वाली सबसे बड़ी चुनावी घटना है। राष्ट्रपति का पद राष्ट्र की संवैधानिक संस्कृति को वैधानिकता प्रदान करता है। राष्ट्रपति देश का राष्ट्राध्यक्ष होता है, राष्ट्रपति किसी दल का नहीं बल्कि देश ...
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने हाल ही में कहा है कि आम लोग न्यायालयों में प्रयोग होने वाली भाषा को आसानी से नहीं समझ पाते। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार लोग मंत्र का अर्थ नहीं ...
होइहि सोइ जो राम रचि राखा, यानी होना वही है जो प्रभु ने लिख दिया है तो हाथ-पांव और जबान चलाने से क्या ही हासिल हो जाएगा। कांग्रेस ने आज़ादी के बाद से ही अपनी छवि सेक्युलर बनाए रखी ...
हिजाब के मुद्दे पर कक्षाओं का बहिष्कार करने वाली छात्राओं को एक के बाद एक जोरदार झटके लग रहे हैं। पहले हाईकोर्ट ने सरकार के निर्णय को स्वीकृति प्रदान की और फिर अब हिजाब आंदोलनकारियों को और अच्छा सबक ...
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