कर्नाटक चुनाव परिणाम : यही समय है आत्ममंथन का!
कर्नाटक चुनाव के परिणाम आ चुके हैं, और कई दिनों के बाद काँग्रेसियों के पास मुस्कुराने का एक कारण है। एक के बाद एक चुनाव हारने के बाद और किसी भांति हिमाचल में सरकार बनाने के बाद अब कांग्रेस ...
कर्नाटक चुनाव के परिणाम आ चुके हैं, और कई दिनों के बाद काँग्रेसियों के पास मुस्कुराने का एक कारण है। एक के बाद एक चुनाव हारने के बाद और किसी भांति हिमाचल में सरकार बनाने के बाद अब कांग्रेस ...
एकनाथ शिंदे की सरकार: परिणाम जो भी हो, अपने कर्तव्य से मुंह मोड़ने वाले की कहीं पूछ नहीं होती। ये सीख उद्धव ठाकरे को अलग रूप में मिली। आए तो थे महोदय सुप्रीम कोर्ट ‘न्याय’ की आस में, परंतु ...
उमेश पाल हत्याकांड में विगत कुछ दिनों से अप्रत्याशित घटनाएँ देखने और सुनने को मिल रही है। 13 अप्रैल को अपने एक गुर्गे गुलाम मोहम्मद सहित झांसी के निकट मोहम्मद असद अहमद को यूपी एसटीएफ ने घेरा और भीषण ...
एक अपराधी को उसके भाई सहित पेशे पर लाया जाता है। अति उत्साही मीडिया उससे विभिन्न मुद्दों पर प्रश्नों के बुलेट दागती है। दोनों भाई जवाब दे ही रहे हैं कि सबके समक्ष, लाइव प्रसारण पे दोनों अपराधियों को ...
HINDUDVESHA: वर्तमान में विश्वभर में बढ़ते हिन्दुत्व के प्रभुत्व के बीच हिंदू संस्कृति और सभ्यता के लिए खतरा भी बढ़ रहा है। विश्वभर में बैठी हिंदू विरोधी शक्तियां सनातन धर्म को कलंकित करने का कोई प्रयास नही छोड़ रही, जिसे ...
“मुझे हैरानी नहीं होती जब कुछ लोग मुझे एंटी नेशनल बोलते हैं। मुझे अपना पुराना भारत पसंद है, और मैं उसके लिए कुछ भी करने को तैयार है” Bheed trailer review: विजन हो तो अनुभव सिन्हा जैसा। रोज़ नहा ...
Zwigato movie review: किसी विज्ञापन में एक बार सुने थे, जाँचो, परखो, तभी अपनाओ। इसका अर्थ स्पष्ट था : दूसरे के कहने में न आयें, थोड़ी अक्ल लगाएँ। पर शायद ये बात हम Zwigato के लिए टिकट बुक करते ...
अगर आपने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ देखा है, तो आपने शिक्षक आत्माराम तुकाराम भिड़े को अवश्य देखा होगा। जब भी वह समाज में होती उथल पुथल को देखते, तो वे निराश होकर अपने समय के परिस्थितियों की प्रशंसा ...
Tripura assembly elections 2023: 2014 के बाद की स्थितियों पर ध्यान दें तो पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी केवल उत्तर के हिन्दी-क्षेत्र की ही पार्टी नहीं रह गयी है बल्कि यह पार्टी सभी के लिए है और ...
'रक्तांचल' में एक बड़ा ही चर्चित संवाद है, “दंगल के नियम कितने भी बदल जाए लेकिन आज भी दंगल दांव से जीते जाते हैं!” यह बात राजनीति में भी शत प्रतिशत लागू होती है, जहां हर एक सीट, चाहे ...
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय 21 वीं शताब्दी, दिल्ली “हम चाहते हैं कि आप केशुभाई पटेल के नायब मुख्यमंत्री पद का भार संभालें!” “अच्छा?” “जी हां!” “ठीक है जी, जैसा पार्टी कहे परंतु ऑपरेशन में तो कई लोग होते हैं – ...
देश की आजादी में वीर सावरकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है लेकिन कांग्रेसियों की कुंठा, वामपंथियों का एजेंडा और कट्टरपंथियों ने अपने घृणित खेल से उनके योगदान को धुंधला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज ...
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