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क्यों होल्कर साम्राज्य को मराठों का मस्तकमणि माना जाता है?

कुछ महानुभावों को लगता है कि अंग्रेज़ न होते, तो भारत में सभ्यता दूर दूर तक नहीं थी। परंतु अंग्रेज़ों के आगमन से पूर्व भारत एक गणतांत्रिक राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर था, जहां जनता के समर्थन से सबसे ...

NCERT removes chapters on Mughal Empire: कैसे छाती पीट पीट के रो रहे हैं लिबरल मुगलों की सफाई पर

NCERT removes chapters on Mughal Empire: Nostalgia शब्द एक दोधारी तलवार समान है। अगर किसी ऐसे वस्तु या स्थान की पुरानी यादों को सहेजकर रखा जाए, जिससे समाज और संस्कृति का कल्याण हुआ हो, तो वो स्मृतियाँ व्यर्थ नहीं ...

रघुनाथ राव और माधवराव के बीच वह “महाभारत”, जिसे रोका जा सकता था

काफी समय पूर्व, जब औरंगज़ेब के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर कोने कोने से विद्रोह प्रारंभ हुआ था, तो एक व्यक्ति ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया। उन्होंने न केवल इस युद्ध में भाग लिया, अपितु संकल्प भी लिया, ...

जंजीरा दुर्ग का अद्भुत इतिहास

Janjira Fort History in Hindi: हम भारतीयों की एक अजब समस्या है। हम विदेश में रॉक ऑफ जिब्राल्टर देखने जा सकते हैं, परंतु अपने देश के अद्भुत दुर्ग को देखने में नाक भौं सिकोड़ते हैं। आगरा के दुर्ग पर ...

चिमाजी राव अप्पा : जिनके साथ संजय लीला भंसाली ने किया घोर अन्याय

सिनेमा से आप शत प्रतिशत सटीकता यानि एक्युरेसी की आशा नहीं कर सकते। परंतु इसका अर्थ यह भी नहीं है कि आप इतिहास के नाम पर कुछ भी दिखा दें। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित “बाजीराव मस्तानी” के साथ ...

Maruthu Brothers: मरुदु बंधुओं का वो इतिहास, जो आपसे छुपाया गया

Maruthu Brothers history in Hindi: कहते हैं, बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय दिखा देता है। कथित “फ़ैक्ट चेकर” मोहम्मद ज़ुबैर ने भाजपा को घेरने के प्रयास में दो स्वतंत्रता सेनानियों का उपहास उड़ाया, जिसके पीछे ...

एम एन रॉय : योजना आयोग के वास्तविक प्रणेता

एम एन रॉय: भारत में योजना आयोग यानि प्लानिंग कमीशन की नींव किसने रखी? अधिकतम लोगों बोलेंगे जवाहरलाल नेहरू, और कुछ अति बुद्धिमान लोग पी सी महालानोबिस का नाम भी लेंगे। ये सत्य है, परंतु कुछ ही हद तक। ...

शत्रु का शत्रु मित्र : मलिक अम्बर की अनोखी कथा

किसी ने सही कहा है, “जब दोस्त बनाके काम चल सकता है, तो दुश्मनी की कया जरूरत”। किसने सोचा होगा कि जिसे दास बनाकर अफ्रीका से भारत लाएंगे, वही एक दिन अपने “आकाओं” को चुनौती देने लगेगा, और उसी ...

5 अवसर, जब शत्रु के हाथ से रेत की भाँति फिसले हमारे वीर

जब जरासंध के निरंतर आक्रमण पर श्रीकृष्ण ने मथुरा त्याग दी, तो उन्हें "रणछोड़" की उपाधि दी गई। तो क्या वे कायर थे? नहीं, परंतु श्रीकृष्ण को ज्ञात था कि जरासंध को परास्त करने के लिए ये सही समय ...

समुद्री दस्यु, दहेज, और वाडिया समूह की उत्पत्ति

वाडिया समूह: आज भारत में उद्यमिता की स्थिति पहले से बेहतर है। अनेकों कंपनियां एक भीषण प्रतिस्पर्धा में सम्मिलित है, परंतु जिनका प्रभाव सबसे अधिक है भारतीय उद्योग पर, वह है धीरुभाई अंबानी का रिलायंस समूह , और गौतम ...

योगेंद्र शुक्ला और बैकुंठ शुक्ला: बिहार के वो महान लाल जिन्होंने अंग्रेजों की चूलें हिला दी थी

“हंस-हंस पड़ब फांसी, माँ देखबे भारतबासी, बिदाई दे माँ फिर आसी” अर्थात हँसते हँसते पड़ेंगे फांसी, माँ देखेंगे ये भारतवासी, अब बिदाई दे माँ, फिर आएंगे ये शब्द थे उस क्रांतिकारी के जिसने मृत्यु के पूर्व अपने स्वभाव से ...

खाटू श्याम की कथा हिंदी में एवं आरती

Khatu Shyam ki Katha : खाटू श्याम की कथा हिंदी में एवं आरती स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Khatu Shyam ki Katha साथ ही इससे जुड़े आरती के बारें में भी चर्चा की जाएगी ...

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