“बेचारे” असद पर लिबरलों का विधवा विलाप
उमेश पाल हत्याकांड में विगत कुछ दिनों से अप्रत्याशित घटनाएँ देखने और सुनने को मिल रही है। 13 अप्रैल को अपने एक गुर्गे गुलाम मोहम्मद सहित झांसी के निकट मोहम्मद असद अहमद को यूपी एसटीएफ ने घेरा और भीषण ...
उमेश पाल हत्याकांड में विगत कुछ दिनों से अप्रत्याशित घटनाएँ देखने और सुनने को मिल रही है। 13 अप्रैल को अपने एक गुर्गे गुलाम मोहम्मद सहित झांसी के निकट मोहम्मद असद अहमद को यूपी एसटीएफ ने घेरा और भीषण ...
तीतर के आगे दो तीतर, तीतर के पीछे दो तीतर, बोलो कितने तीतर? पहले मुर्गी आई कि अंडा? अगर आप इन प्रश्न के उत्तर नहीं ढूंढ पाए हैं, तो ठहरिए, एक और प्रश्न है : असली कांग्रेसी कौन? इस ...
अगर कांग्रेस पार्टी सारा समय एक ही व्यक्ति को पॉलिश करने में ना लगाती तो स्थिती शायद कुछ बेहतर होती। अगर कांग्रेस पार्टी एक व्यक्ति की लॉचिंग और रिलॉचिंग करने का विफल प्रयास नही करती तो शायद पार्टी और ...
बचपन में एक कहावत सुनी थी : जाके पाँव न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई, अर्थात जब तक खुद पे न आये, तब तक दूसरों का दर्द नहीं समझ में आता। अब 23 साल बाद अपनी भूमि ...
सत्ता गई, पार्टी गई और चला गया प्रभाव, इसके बाद भी उद्धव ठाकरे की अकड़ नहीं गई। जब चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह सीएम एकनाथ शिंदे को देकर उनके गुट को आधिकारिक शिवसेना बना दिया ...
कुछ लोगों पर एक कहावत बड़ी चरितार्थ होती है, “चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।” यशवंत सिन्हा, महुआ मोईत्रा जैसे राजनीतिज्ञ बालक प्रतीत होते हैं, जब बात आए उद्धव ठाकरे के सबसे प्रिय और पूर्व शिवसेना नेता संजय राउत ...
वर्ष 2004, सोनिया गांधी का पीएम बनना लगभग तय था, परंतु इनके इतालवी मूल के पीछे काफी आक्रोश उमड़ पड़ा। तब की भाजपा की प्रमुख नेत्री सुषमा स्वराज ने यहां तक घोषणा कर दी थी कि यदि सोनिया प्रधानमंत्री ...
भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री कौन थे? जिन्हें तनिक भी सामान्य ज्ञान की अनुभूति होगी वो तुरंत बोल उठेंगे– मौलाना अबुल कलाम आज़ाद। परंतु अगर हम कहें कि भारत के सर्वप्रथम शिक्षा मंत्री वे नहीं, मुरली मनोहर जोशी थे, ...
Bharat ke Shiksha Mantri kaun hai : भारत के शिक्षा मंत्री कौन है : करियर एवं दायित्व स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Bharat ke Shiksha Mantri kaun hai साथ ही इससे जुड़े करियर एवं ...
वाह क्या धंधा है? पहले दूसरों पर आरोप लगाओ, स्वयं को पीड़ित बताओ और उसकी आड़ में बहुत सारा धन बटोर लो और फिर कुछ दिनों बाद अपने कदम पीछे खींच लो। वाह क्या योजना है लेकिन इस तरह ...
'हिंदुत्व' या कहें कि सनातन संस्कृति के जिस वैभव को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे, उन्हें अब न केवल बेअसर किया जा रहा है बल्कि ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जो अपने आप ...
देश की अदालतों में भी एक एलीट मानसिकता का वास है। इसके कारण आम आदमी की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दबी पड़ी रहती हैं तो दूसरी ओर कुछ मामलों में अदालतें आधी रात तक को खोल दी जाती हैं। ...
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