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सारा अली खान की केदारनाथ यात्रा से तमतमाए कट्टरपंथी मुसलमान

जब ‘केदारनाथ’ फिल्म के लिए एक युवती पहली बार भगवान शंकर के धाम पधारी, तो लोगों ने इसे फिल्म के शूटिंग का हिस्सा बताते हुए अधिक ध्यान नहीं दिया। 4 वर्ष बाद जब वह फिर केदारनाथ आई, तो फिर ...

हर्षा भोगले ने वकार यूनुस की घटिया बातों को हल्के में लिया, तो वेंकटेश प्रसाद ने उसे “आमिर सोहेल” बना दिया

‘ऐसी वाणी बोलिए कि जमकर झगड़ा होये पर उनसे पंगा न लीजिए जो आपसे तगड़ा होये!’ सोशल मीडिया पर इस चुटकुले को आपने कई बार सुना होगा और फ़ेसबुक / वॉट्सएप पर शेयर भी किया होगा। परंतु शायद वकार ...

“कुफ़्र टूट गया, इस्लाम की जीत हुई”: पाकिस्तान और भारतीय कट्टरपंथियों का जश्न बहुत कुछ कहता है

‘ये खेल ही तो है, इसे दिल से क्यों लगाते हो?’ ‘हार जीत तो चलती रहती है, इससे क्यों विचलित होते हो?’ एक आदर्श समाज में ऐसे वाक्यों का बहुत मोल होता है, लेकिन वर्तमान भारतीय उपमहाद्वीप में इन ...

हिन्दुओं ने ‘बंगाली-अस्मिता’ के लिए जान दी, आज उसी अस्मिता में हिन्दुओं का रहना मुश्किल हो गया है!

2014, ढाका में भारत बनाम पाकिस्तान T20 वर्ल्डकप का मैच था। स्टेडियम में उपस्थित लगभग 99% बांग्लादेशी पाकिस्तान के सपोर्ट में थे। मुझे अब भी याद है एक पत्रकार ने जब एक बांग्लादेशी से इसका कारण पूछा तो उसने ...

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: जिहादी जल्लादों ने उसकी बहन को उठाना चाहा तब हाथ में हंसिया ले अकेले कूद पड़ी नारायणी

मोपला दंगों का वृहद और विस्तृत वर्णन हमारे पूर्ववर्ती अंकों में कर दिया गया है। जनसंहार का आरंभ, विस्तार, कारण, विभीषिका, समर्थन, ऐतिहासिक विकृतिकरण और मोपला दंगों से संबंध रखने वाले सभी व्यक्ति, वस्तु, स्थान और घटनाओं के बारे ...

अखुंदजादा मर गया और बरादर बंधक बन गया – तालिबान में जबरदस्त फूट पड़ी है  

वो कहते हैं न, शासन स्थापित करना एक बात है, उसे संभालना और संचालित दूसरी बात है। ये बात अफगानिस्तान में भी सिद्ध हो रही है। पाकिस्तान के सहयोग से आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण तो स्थापित ...

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: क्यों आवश्यक है “मोपला नरसंहार दिवस”

पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि 14 अगस्त को अब से 'विभाजन भयावह स्मरण दिवस' के रूप में मान्यता दी जाएगी। भावी पीढ़ी को भारत के विभाजन के दौरान ...

मोपला नरसंहार: 1921 कोई अकेली घटना नहीं थी, 1836 से 1921 के बीच 50 से अधिक दंगे हुए थे

1921 में केरल के मलाबार में हुए हिंदुओं के नरसंहार पर TFI द्वारा प्रस्तुत सीरीज के पिछले अंकों में हमने देखा कि कैसे मलिक इब्न दिनार के नेतृत्व में 15 मुस्लिम प्रचारकों का दल क्रैंगानोर उतरा और वहीं से ...

मोपला नरसंहार: कैसे टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली ने मोपला नरसंहार के बीज बोए थे

जब भी बात दंगों की होती है, तो हमें सबसे पहले 2002 स्मरण कराया जाता है। हमारे देश में अनेक दंगे, अनेक नरसंहार हुए, परंतु उन्हें हमारी स्मृतियों से ऐसे हटाया गया जैसे रेत पर बने किसी चित्र को ...

शरिया कानून: महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और बच्चों के लिए इसका क्या अर्थ है

इतिहास चाहे जो भी हो पर अंततः अफगानिस्तान बिखर गया। तालिबानी ने फिरसे कब्जा कर लिया। दुनिया ने जन-क्रांति से भागते क्रूर शासकों को तो देखा परंतु क्रूर सत्ताधीशों के भय से अपनी मातृभूमि को छोड़ भागती जनता पहली ...

अफगानिस्तान में अब तालिबान और ISIS के बीच में मचेगा रक्तपात, जंग के हालात तैयार हैं

अफगानिस्तान को दुनिया ने अपने हाल पर छोड़ दियाl सत्ता और मज़हबी वर्चस्व के लिए अलग-अलग गुट आपस में रक्तपात पर उतारू हैंl अफगानिस्तान में अब लड़ाई इस बात की है कि यहां अत्यधिक चरमपंथी गुट कौन है अर्थात ...

अब पाकिस्तान में भी ‘तालिबान राज’? पाकिस्तानी तालिबान ने कहा- शरिया कानून हो लागू

एक बड़ा प्रचलित मुहावरा है जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वो खुद ही उस गड्ढे में जा कर गिरता है। आज पाकिस्तान की भी दशा कुछ ऐसी ही है। यहाँ अफगानिस्तान में तालिबान राज स्थापित कराने का फल अब पाकिस्तान को यथावत ...

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