हिंदू पत्नियां सलाहकार और मार्गदर्शिका होती थीं फिर ‘मुगल’ आ गए
कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा। धर्मानुकूला क्षमया धरित्री भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा।। अर्थात कार्य के संदर्भ में मंत्री, गृहकार्य में दासी, भोजन प्रदान करने वाली मां, रति के संदर्भ में रंभा, धर्म में सनुकुल और क्षमा ...