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सिंधिया ने दिग्विजय को किया चारों खाने चित्त

“ऐसी वाणी बोलिए कि जमकर झगडा होए, पर उनसे पंगा न लीजिये जो आपसे तगड़ा होए!” काश ये बात कभी राघोगढ़ रियासत के पूर्व महाराज, दिग्विजय सिंह ने आत्मसात कर ली होती, तो आज वे अपनी पार्टी के साथ-साथ ...

स्वरा भास्कर का वो ‘करियर’ जिसे भुला दिया गया है

बचपन में हमने एक कहावत सुनी थी, “आधी को छोड़ सारी को धावे, न आधी मिले, ना पूरी पावे” , और स्वरा भास्कर इसी की जीती जागती प्रतिमूर्ति है। कोई इनकी विकृत मानसिकता के लिए इन्हें आड़े हाथ लेता ...

Savinay Avagya Andolan Information in Hindi

सविमय अवज्ञा आंदोलन - Savinay Avagya Andolan Information in Hindi 12 मार्च 1930 में साबरमती आश्रम से महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन (Savinay Avagya Andolan) की शुरुआत की गयी थी। गाँधी जी और आश्रम के 78 ...

जयराम रमेश को स्मरण होना चाहिए कि 1971 के विजय में इंदिरा गांधी की कोई भूमिका नहीं थी

कांग्रेस के नेताओं का एक ही गुरुवाक्य है, ‘प्राण जाए पर चाटुकारिता न जाए’, और जयराम रमेश उन्हीं में से एक है। जल्द ही देश के सबसे ऐतिहासिक विजयों में से एक, 1971 के भारत-पाक युद्ध के स्वर्णिम वर्षगांठ ...

Snake Charming क्रूर प्रथा है, जो प्राचीन भारत में नहीं थी और आधुनिक भारत में नहीं होनी चाहिए

भारत आज प्रगति के नए पैमाने स्थापित कर रहा है। भारतीय बुनियादी संरचनाओं से लेकर तकनीकी विकास तक, हर मोर्चे पर अद्वितीय उपलब्धियां हासिल की जा रही हैं लेकिन आज भी पश्चिम की नजर में भारत की छवि एक ...

मिलिए देश के ‘सबसे घटिया’ शिक्षा मंत्रियों से

शस्त्र और शास्त्र, ये दोनों ही राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन जिसे अपने शास्त्रों का आभास नहीं, वो समय आने पर शस्त्रों का भी अनुकूल उपयोग नहीं कर पायेगा। इसीलिए शायद आचार्य चाणक्य ने  कहा ...

मिलिए देश के ‘सबसे घटिया’ विदेश मंत्रियों से

हर युद्ध का परिणाम आवश्यक नहीं कि बल से ही निकले, कुछ युद्ध बुद्धि से भी जीते जाते हैं, और कूटनीति इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसी कूटनीति के बल पर एक प्रखर विद्वान् विष्णुगुप्त ने अखंड भारत का सृजन ...

मिलिए देश के 5 सबसे घटिया रक्षा मंत्रियों से

जयचंद तो यूँ ही बदनाम थे, असल देशद्रोही तो ये हैं, जिन्होंने स्वतंत्र भारत को बारम्बार अपने विश्वासघात से कलंकित और खंडित करने का प्रयास किया, और इनमें से कुछ तो अलग ही स्तर के प्राणी थे। आइये देखें ...

सोनिया गांधी के एक्शन के बाद अब कांग्रेस पार्टी से किनारा कर सकते हैं गुलाम नबी आज़ाद

'कांग्रेस' देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जिसने छह दशकों से अधिक समय तक सत्ता की बागडोर संभाली, लेकिन समय दर समय यह पार्टी ताश के पत्तों की तरह बिखरती जा रही है! साल 2014 में मोदी सरकार के ...

“सही बोल रही हैं कंगना”, Queen के समर्थन में साथ आए विक्रम गोखले

अभिनेत्री कंगना रनौत का विवादों से गहरा नाता रहा है, और इस बार भी मामला कोई अलग नहीं है । देश की स्वतंत्रता के विषय पर कंगना रनौत के अजीबो-गरीब बयान से उपजे विवाद के पश्चात उन्हें एक वयोवृद्ध ...

होमी भाभा को किसने मारा? भारत के परमाणु जनक की मृत्यु आज भी एक अबूझ पहेली है!

अक्टूबर 1965, में डॉ होमी जहांगीर भाभा ने ऑल इंडिया रेडियो पर घोषणा की थी कि अगर उन्हें अनुमति मिल जाती है, तो भारत के पास 18 महीने में परमाणु बम बनाने की क्षमता है। इसके ठीक तीन महीने ...

सिंधु जल संधि : नेहरूवादी युग की एक और ‘भूल’ जिसका प्रायश्चित अवश्यंभावी है

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना पर लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध काफी पहले से ही कुछ ठीक नहीं हैं। पठानकोट, उरी, जम्मू-कश्मीर में छद्म युद्ध और अफगानिस्तान प्रकरण ने ये साबित कर दिया ...

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