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सुनिए शरद पवार! बॉलीवुड में हिंदुओं का भी योगदान रहा है, यह लीजिए हम सूची दे रहे हैं

इतिहास भी विचित्र है, जिसके हाथ में कलम है वही उसे रच पाता है। हमारे देश के वामपंथियों ने बड़े चाव से बताया है कि कैसे अरबी आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण किया था और कैसे ...

सेक्युलरिज्म पर ज्ञान झाड़ने वाला बॉलीवुड आज तक एक भी दलित सुपरस्टार क्यों नहीं दे पाया?

#NotInMyName #IamHindustanIamAshamed #HumDekhenge ऐसे अनेकों क्रिया कलाप और नौटंकियों से हम विगत वर्षों में खूब परिचित हुए हैं और शमशेरा के सुपर फ्लॉप होने पर संजय दत्त के आक्रोश से भरे पोस्ट में ये कुंठा फिर निकलकर सामने आई ...

चारमीनार में नमाज के लिए कांग्रेस का अभियान, भाग्यलक्ष्मी मंदिर को बताया अवैध

बेकार आदमी कुछ किया कर, कपडे उधेड़कर सिया कर।  आज कांग्रेस की स्थिति यही हो गई है। देशभर में बुरी हार झेल रही कांग्रेस मुद्दाविहीन होने पर अब सेक्युलर शब्द को ही भूल गई है। सत्य बात तो यह ...

फिल्म “अनेक”- भाई ये पूर्वोत्तर है, दिल्ली प्रेस क्लब की बकैती नहीं!

ये 21वीं सदी है, ये आधुनिक भारत है, हमें घृणा के दलदल में नहीं रहना। ये कोई मोटिवेशनल लेक्चर नहीं है बंधु, हमें सच में आगे बढ़ना है। हमारा देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है, परंतु बॉलीवुड ...

पूर्वांचल को भ्रष्ट नेताओं ने दशकों तक रखा गरीब, PM मोदी ने इसे दिया भारत का सबसे बेहतरीन हाईवे

पूर्वांचल सुनकर आपके दिमाग में क्या आता है? यह सवाल उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों से पूछे जाने पर कुछ स्वाभाविक उत्तर प्राप्त हो सकते हैं। जैसे कि, जातिवाद, गरीबी, पिछड़ापन, मर्डर, रेप, गुंडागर्दी इत्यादि । अतीत की ...

क्या भोजपुरी वास्तव में एक फूहड़ भाषा है? यदि नहीं, तो किसने इसे फूहड़ बनाया और क्यों ?

भाषा हमारे अस्तित्व का मूल है। अपनी मातृभाषा में ही हम सबसे बेहतर सोच, समझ और अभिव्यक्त कर सकते हैं। मेरी मातृभाषा भोजपुरी है जिसे आज एक फूहड़ भाषा का दर्जा दिया जा चुका है। हाल में आई Live ...

‘द फैमिली मैन’ समीक्षा: जबरदस्त कहानी लेकिन इसमें भी एजेंडे को ऊपर रखा गया है

सरकारी कर्मचारी श्रीकांत तिवारी से बदकिस्मत तो शायद ही कोई होगा। उसके बच्चे उसकी बात नहीं मानना चाहते, उसकी पत्नी उसकी बात सुनने को तैयार नहीं, और उसके काम पर अक्सर अपने बॉस की आलोचना का शिकार होना पड़ता ...

फिल्म आर्टिक्ल 15 की ईमानदार समीक्षा

यदि अनुभव सिन्हा ने आर्टिक्ल 15 इस भावना से बनाई थी कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और जातिवाद के स्याह पहलू को उजागर करेंगे, तो क्षमा करें, वे इसमें तो असफल रहे। पर यदि उनका इरादा अपने विषैले ...

इन सुपरस्टार्स, फिल्म निर्देशकों और लेखकों ने आपातकाल का विरोध कर पेश किया था बड़ा उदाहरण

कल्पना कीजिये की आपको वीकेंड को एक फिल्म देखने जाना है, और उसे थिएटर से सिर्फ इसलिए हटा दिया जाये, क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि इस फिल्म का प्रदर्शन हो। या कल्पना कीजिये की आप ऑल इंडिया रेडियो के ...

बिहार डीजीपी के रूप में केएस द्विवेदी: नितीश के सुशासन छवि की पुनरावृति

बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद से उन्होंने एक नयी शुरुआत की है। कुछ विवादास्पद निर्णयों के बाद एक बार फिर से अपनी मशहूर ‘सुशासन बाबु’ की छवि में लौट आये ...

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