'विनायक दामोदर सावरकर' के लिए खोज परिणाम

ये रही उन अभिनेताओं की सूची जो अक्षय कुमार से बेहतर पृथ्वीराज के शौर्य को आत्मसात कर सकते थे

“धर्म के लिए जिया हूँ, धर्म के लिए मरूँगा” बहुत ही मस्त, एकदम सरस, अति उत्तम, परंतु ये बातें अक्षय कुमार के मुख पर तो बिल्कुल नहीं सुहाती। उनकी फिल्म पृथ्वीराज प्रदर्शित होने वाली है लेकिन इस फिल्म के ...

कांग्रेसियों ने देश को ‘गलत इतिहास’ पढ़ाया लेकिन उसे सुधारने में सबसे आगे निकला हरियाणा

ब्रिटिश शासन के दौरान हुए सामाजिक शोषण के बाद जब देश 1947 में आज़ाद हुआ तब देश दो टुकड़ों में विभाजित हो गया था। भारत से जो दूसरा देश टूट कर अलग हुआ, वो था आतंक परस्त पाकिस्तान।आज़ादी के ...

ऑड्रे ट्रुशके ने विक्रम संपत पर चोरी का आरोप लगाया और कोर्ट ने भी अच्छा सबक सिखाया

जब इतिहास को तोड़ने मरोड़ने की बात आती है तो वैश्विक इतिहासकारों में ऑड्रे ट्रुशके का नाम काफी ज़ोर शोर से सामने आता है। औरंगज़ेब का दिन रात जाप करने वाली इस फर्जी इतिहासकार को इसी कारण से सोशल ...

मणिशंकर अय्यर जैसे लोगों के कारण कूटनीतिज्ञ राजनेता बनते ठीक नहीं लगते थे

2019 में जब विदेश मंत्रालय का पद रिक्त हुआ, तो सबका ध्यान इसी बात पर था कि सुषमा स्वराज की कमी को कौन पूरी करेगा। ऐसे में जब पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि सुब्रह्मण्यम जयशंकर अब भारत ...

भारतीय सिनेमा में चल पड़ी है राष्ट्रीयता की एक नई लहर, पर्दे पर जल्द दिखेंगे ये रियल हीरो

यदि आपको लगता है कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर ही कथा खत्म हो जाएगी, तो रुकिए, ये तो मात्र प्रारंभ ही है। अभी सूची बड़ी लंबी है और ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय सिनेमा उद्योग में राष्ट्रीयता ...

‘सुर साम्राज्ञी’ लता मंगेशकर- जिन्होंने अपने बुनियादी मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं किया

दुर्भाग्य है हमारा कि अब हमें लता मंगेशकर का मधुर स्वर फिर कभी सुनने को नहीं मिलेगा. जिनके मिश्री सी मधुर ध्वनि से पूरा देश आह्लादित हो उठता था, जिस गायिका के एक गीत के लिए अनेकों श्रोता अधीर ...

कांग्रेस के गुंडों द्वारा 5000 ब्राह्मणों के नरसंहार की अनसुनी कहानी

“दे दी तूने आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल”, सत्य कहें तो इस पंक्ति ने वर्षों तक पुरे देश को भ्रमित किया। इतना ही नहीं, जब ये 'संत' परलोक सिधारे, तो भी इनका ...

अल्लामा मुहम्मद इक़बाल: जिसने “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा” लिखकर भारत को बाँट दिया

“सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलिस्ताँ हमारा, सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा” कभी सोच सकते हैं कि जो व्यक्ति अपने देश के लिए ऐसे मधुर बोल लिख सकता है, वही अपने ही ...

आखिर क्यों बिपिन चंद्र पाल को भारतीय इतिहास के एक कोने में सिमटा दिया गया?

किसी व्यक्ति ने सही ही कहा था, ‘बदलाव तभी सार्थक है, जब आप उस बदलाव का हिस्सा बने!’ कुछ लोग बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं, पर उन्हें आत्मसात करने में सांप सूंघ जाता है। लेकिन स्वाधीनता आंदोलन में एक ...

विक्रम संपत में है पूरे वामपंथी इतिहासकार गैंग की दुकानों को बंद करने की क्षमता

स्वतंत्रता के बाद जब जवाहरलाल नेहरू युग में वामपंथी इतिहासकार एक-एक कर देश के इतिहास की धज्जियां उड़ा रहे थे तब एक ऐसे इतिहासकार हुए जिन्होंने उस जमाने में भी भारतवर्ष के इतिहास को बचाने की ज़िम्मेदारी अपने कंधों ...

मैडम भीकाजी कामा– वह वीरांगना जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता की ज्योति विदेश में भी प्रज्वलित की

इतिहास ऐसे अनेक वीरों और वीरांगनाओं से भरा हुआ है, जिन्होंने माँ भारती को स्वतंत्र करने हेतु अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया, परंतु कुछ तुच्छ व्यक्तियों के महिमामंडन में हम उन वास्तविक नायकों को तो भूल ही गए, जिन्होंने ...

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: कांग्रेस ने इसे स्वतंत्रता संग्राम और कम्युनिस्टों ने ‘कृषक क्रांति’ कहा

पिछले पाँच अंकों में हमनें मलाबार में मोपला मुसलमानों का उदय,मोपलाओं का मूल हिंदुओं से विश्वासघात, हैदर और टीपू को मलाबार पर आक्रमण हेतु आमंत्रण, पूर्वव्याप्त इस्लामिक चरमपंथका चरमोत्कर्ष और टीपू की पराजय और खिलाफत के अंत से उपजी ...

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