'सम्राट पृथ्वीराज' के लिए खोज परिणाम

मिताली राज पीएम मोदी की तारीफ कर रही थी, तापसी पन्नू का चेहरा देखने लायक था

शक्ल देखिए, नहीं नहीं बंधु बस शक्ल देखिए आप। बड़ी कठिनाई से मोहतरमा अपने भावनाओं को किस प्रकार से नियंत्रित किये हुए हैं, और आप जानकर अचंभित हो जाओगे, भौंचक्के हो जाओगे, कि यही व्यक्ति मिताली राज का सिल्वर ...

“अस्त्रों का सिकंदर” – ब्रह्मास्त्र के ट्रेलर में कोई सेंस है इस बात का?

“ये कहानी है एक ऐसे नौजवान की, जो इस बात से अनजान है कि वो ब्रह्मास्त्र की किस्मत का सिकंदर है!” ये क्या है? कोई सेंस है इस बात की? इस बात के 300 करोड़ खर्च किये गए हैं? ...

लीजिए ‘भारत एक खोज’ का एन्टीडोट तैयार है

“भारत एक खोज” जैसे अधकचरे सीरियल से क्या आप त्रस्त हैं? क्या आपका मूड इसलिए खराब है क्योंकि सम्राट पृथ्वीराज के साथ अन्याय हुआ? क्या अभी तक आप देश के वास्तविक नायकों से परिचित नहीं हो पाए हैं? अगर ...

‘इतिहास में केवल मुगलों का महिमामंडन, अब हमें इतिहास लिखने से कौन रोक सकता है?’

भारत के गौरवशाली अतीत को इतिहास के पन्नों में पहले तो जगह ही नहीं मिली, अगर किसी जुनूनी भारतीय ने इसकी कोशिश भी की तो उसे सजा दी गई। उन पन्नों को जला दिया गया या फिर पूरी किताब ...

‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ के 20 वर्ष– जब पूरा देश भगत सिंह के लिए रोया था

आप विमल के लिए इस व्यक्ति का जितना उपहास उड़ा लें चलेगा, आप इनके विकल्पों के लिए इनका जितने मीम बनाना चाहें वो भी चलेगा, लेकिन वीर भगत सिंह को इनके जैसा कोई आत्मसात करके दिखा दे, तो मान ...

संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन को चित्रित करने का एक साहसिक प्रयास है “मेजर”

“व्हाट डज़ इट मीन टू बी अ सोल्जर?” “सर, इस सवाल का जवाब दिया नहीं जा सकता, सिर्फ जिया जा सकता है!”  ये दो संवाद बताने के लिए पर्याप्त है कि “मेजर” किस दिशा में जा रही है। ये ...

मौसमी हिंदू अक्षय कुमार के खुल गए हैं ज्ञान चक्षु, हालिया बयान से यही साबित होता है

अक्षय कुमार वैसे तो राष्ट्रवाद का राग खूब अलापते हैं, ऐसा दिखाने का पूरा प्रयास करते हैं कि उनके जैसा दूसरा कोई राष्ट्रवादी नहीं, दूसरा कोई देशभक्त नहीं। लेकिन अगर कोई उनकी सोच का सर्वेक्षण करे तो एक क्षण ...

लाल सिंह चड्ढा: 14 वर्ष लगे आमिर खान को ‘Ctrl C + Ctrl V’ करने में

“मेरी मम्मी कहती थी कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होंदी है। पेट भले ही भर जावे, मन नहीं भरता”। भई एक बात बताएं, बस इसके लिए अतुल कुलकर्णी और आमिर खान ने 14 वर्षों की ‘तपस्या’ की थी? ये था ...

फिल्म “अनेक”- भाई ये पूर्वोत्तर है, दिल्ली प्रेस क्लब की बकैती नहीं!

ये 21वीं सदी है, ये आधुनिक भारत है, हमें घृणा के दलदल में नहीं रहना। ये कोई मोटिवेशनल लेक्चर नहीं है बंधु, हमें सच में आगे बढ़ना है। हमारा देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है, परंतु बॉलीवुड ...

भारत को खंड-खंड कर रहा है नेटफ्लिक्स!

लगता है नेटफलिक्स इंडिया ने कसम खा ली है कि अभी मन नहीं भरा है। ‘The Archies’ के फर्स्ट लुक पर जनता से जो बेहिसाब प्रेम मिला है, उसके बाद इनके हाइकमान सोचते होंगे, इससे नीचे भी कुछ हो ...

चाणक्य को मुख्यधारा में लाने वाले डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी पूरी तरह से पद्म पुरस्कार के अधिकारी थे

“हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती, स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती! अमर्त्य वीरपुत्र हो, दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो” किसने कल्पना की होगी कि जयशंकर प्रसाद की यह प्रसिद्ध कविता इतनी ...

अजमेर का ‘अढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ कहने को मस्जिद है परंतु वास्तविकता तो सनातन संस्कृति की ओर संकेत देती है

शाही ईदगाह मस्जिद, जामी मस्जिद, ज्ञानवापी मस्जिद, कमल मौला मस्जिद, इन सब में समान बात क्या है? शायद आप एक बार को भ्रमित हो जायें, परन्तु बाबरी मस्जिद का नाम जुड़ते ही आपके समस्त भ्रम दूर हो जाएंगे और ...

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