पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
26 April 2024
जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।
26 April 2024
शक्ल देखिए, नहीं नहीं बंधु बस शक्ल देखिए आप। बड़ी कठिनाई से मोहतरमा अपने भावनाओं को किस प्रकार से नियंत्रित किये हुए हैं, और आप जानकर अचंभित हो जाओगे, भौंचक्के हो जाओगे, कि यही व्यक्ति मिताली राज का सिल्वर स्क्रीन पर प्रतिनिधित्व करेंगी। बॉलीवुड की उस महामारी से, जो कोरोना ...
“ये कहानी है एक ऐसे नौजवान की, जो इस बात से अनजान है कि वो ब्रह्मास्त्र की किस्मत का सिकंदर है!” ये क्या है? कोई सेंस है इस बात की? इस बात के 300 करोड़ खर्च किये गए हैं? यही करना था तो किसी भी ऐरे गैरे नत्थू खैरे को ...
“भारत एक खोज” जैसे अधकचरे सीरियल से क्या आप त्रस्त हैं? क्या आपका मूड इसलिए खराब है क्योंकि सम्राट पृथ्वीराज के साथ अन्याय हुआ? क्या अभी तक आप देश के वास्तविक नायकों से परिचित नहीं हो पाए हैं? अगर हां, तो आपको ये अवश्य जानना चाहिए कि भारत की वर्तमान ...
भारत के गौरवशाली अतीत को इतिहास के पन्नों में पहले तो जगह ही नहीं मिली, अगर किसी जुनूनी भारतीय ने इसकी कोशिश भी की तो उसे सजा दी गई। उन पन्नों को जला दिया गया या फिर पूरी किताब को ही छिपा दिया गया। कई ऐसी घटनाएं हैं और कई ...
आप विमल के लिए इस व्यक्ति का जितना उपहास उड़ा लें चलेगा, आप इनके विकल्पों के लिए इनका जितने मीम बनाना चाहें वो भी चलेगा, लेकिन वीर भगत सिंह को इनके जैसा कोई आत्मसात करके दिखा दे, तो मान जाऊंगा। 7 जून 2002. 20 वर्ष पहले भगत सिंह के ऊपर ...
“व्हाट डज़ इट मीन टू बी अ सोल्जर?” “सर, इस सवाल का जवाब दिया नहीं जा सकता, सिर्फ जिया जा सकता है!” ये दो संवाद बताने के लिए पर्याप्त है कि “मेजर” किस दिशा में जा रही है। ये फिल्म 26/11 के अमर बलिदानी, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन का ...
अक्षय कुमार वैसे तो राष्ट्रवाद का राग खूब अलापते हैं, ऐसा दिखाने का पूरा प्रयास करते हैं कि उनके जैसा दूसरा कोई राष्ट्रवादी नहीं, दूसरा कोई देशभक्त नहीं। लेकिन अगर कोई उनकी सोच का सर्वेक्षण करे तो एक क्षण में वास्तविकता सबके सामने आ जाएगी। समझते देर नहीं लगेगा कि ...
“मेरी मम्मी कहती थी कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होंदी है। पेट भले ही भर जावे, मन नहीं भरता”। भई एक बात बताएं, बस इसके लिए अतुल कुलकर्णी और आमिर खान ने 14 वर्षों की ‘तपस्या’ की थी? ये था इनका प्रयास? आपने यदि एक ऑस्कर विजेता फिल्म को रूपांतरण के ...
ये 21वीं सदी है, ये आधुनिक भारत है, हमें घृणा के दलदल में नहीं रहना। ये कोई मोटिवेशनल लेक्चर नहीं है बंधु, हमें सच में आगे बढ़ना है। हमारा देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है, परंतु बॉलीवुड का दिल्ली प्रेस क्लब का तो हाल ही कुछ और है। ...
लगता है नेटफलिक्स इंडिया ने कसम खा ली है कि अभी मन नहीं भरा है। ‘The Archies’ के फर्स्ट लुक पर जनता से जो बेहिसाब प्रेम मिला है, उसके बाद इनके हाइकमान सोचते होंगे, इससे नीचे भी कुछ हो सकता है क्या? हम और कितना नीचे गिर सकते हैं, तभी ...
“हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती, स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती! अमर्त्य वीरपुत्र हो, दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो” किसने कल्पना की होगी कि जयशंकर प्रसाद की यह प्रसिद्ध कविता इतनी लोकप्रिय होगी कि इसकी लोकप्रियता से चिढ़कर कुछ बुद्धिजीवी इस कविता ...
शाही ईदगाह मस्जिद, जामी मस्जिद, ज्ञानवापी मस्जिद, कमल मौला मस्जिद, इन सब में समान बात क्या है? शायद आप एक बार को भ्रमित हो जायें, परन्तु बाबरी मस्जिद का नाम जुड़ते ही आपके समस्त भ्रम दूर हो जाएंगे और ऐसी ही एक इमारत है अजमेर में स्थित अढ़ाई दिन का ...