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दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी chart

दिल्ली भारत की राजधानी कब – कब बनी? – सम्पूर्ण इतिहास

इंद्रप्रस्थ जो एक समय पर पांडवों के राज्य की राजधानी थी जिसे आज दिल्ली के नाम से भी जाता है। दिल्ली का राजधानी का इतिहास अगर खंगालने जाये तो दिल्ली सात बार बसी और इतनी ही बार उजड़ी भी है, इंद्रप्रस्थ से लेकर दिल्लिका, लालकोट, महरौली, किला राय पिथोरा, फ़िरोज़ाबाद, ...

अक्षय कुमार

‘मराठा संस्कृति’ का मजाक उड़ाने के लिए अक्षय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज

बॉलीवुड के मौसमी देशभक्त- अक्षय कुमार, जो राष्ट्रवाद को बेचकर अपनी जेब भरने में विश्वास रखते हैं, वे फिर से विवादों में घिर गए हैं। कारण है एक विज्ञापन! विज्ञापन से कैसे स्टार्स पैसा और पब्लिसिटी दोनों कमाते हैं, इसी का एक उदाहरण देख लीजिये! अक्षय कुमार ने निर्मा वॉशिंग ...

अक्षय कुमार, बॉलीवुड,

मौसमी देशभक्त, अंदर से हिन्दू विरोधी, अक्षय कुमार एक टॉप क्लास पाखंडी एक्टर हैं

अक्षय कुमार – एक ऐसा नाम जिस पर तालियां भी बजती हैं, और गालियां भी समान रूप से पड़ती हैं। किसी के लिए वे खिलाड़ी कुमार हैं, तो किसी के लिए वे कैनेडियन कुमार के रूप में जाने जाते हैं। हालांकि आजकल अक्षय कुमार चर्चा में अपने फिल्मों के लिए ...

मुगल

मध्य एशिया में न मसाले होते थे न चावल की खेती, फिर कैसे मुगलों ने मसालेदार मुगलई खाने का इजाद किया?

जब ‘तान्हाजी’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ, तो कई लोग ट्रेलर में मुगलों के वास्तविक चित्रण को देख इतने बौखला गए कि उन्होंने ‘थैंक्स मुगल्स’ ट्विटर पर ट्रेंड करना शुरू कर दिया। इसमें उन्होंने विशेष रूप से बताया कि कैसे मुगलों ने मुगलई शैली के भोजन से भारत को समृद्ध कराया, ...

अगर राणा सांगा बाबर के विरुद्ध विजयी होते, तो?

अगर राणा सांगा बाबर के विरुद्ध विजयी होते, तो?

“राणा सांगा अपनी वीरता और तलवार के बल पर अत्यधिक शक्तिशाली हो गया है। वास्तव में उसका राज्य चित्तौड़ में था। मांडू के सुल्तानों के राज्य के पतन के कारण उसने बहुत-से स्थानों पर अधिकार जमा लिया। उसका मुल्क 10 करोड़ की आमदनी का था, उसकी सेना में एक लाख ...

मेवाड़ और मारवाड़

मेवाड़ और मारवाड़ के बीच का शीत युद्ध : राजपुताना का सबसे बड़ा दुर्भाग्य

अगर GOT देखी हो, तो आपको अंदाज़ा होगा कि सत्ता के लिए लोग किस स्तर तक जा सकते हैं, और कभी कभी साझी संस्कृति कोई मायने नहीं रखती। अपने भारत में भी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां युगों पूर्व श्रेष्ठता के पीछे दो प्रांत एक दूसरे से भिड़ने को भी ...

Indian Naval Mutiny

क्यों आज तक कोई भारतीय फिल्ममेकर 1946 के नौसेना विद्रोह पर कोई फिल्म न बना सका?

“लाल किले से आई आवाज़, सहगल ढिल्लों शाहनवाज़, इनकी हो उमर दराज!” इस नारे ने मानो पूरे राष्ट्र में विद्रोह का ऐसा बिगुल फूंक दिया जिसका आभास किसी को स्वप्न में भी नहीं था। इसका प्रभाव ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लिमेंट एटली के शब्दों में था, जब उन्होंने 1950 के दशक में ...

विक्रम गोखले कंगना रनौत समर्थन

“सही बोल रही हैं कंगना”, Queen के समर्थन में साथ आए विक्रम गोखले

अभिनेत्री कंगना रनौत का विवादों से गहरा नाता रहा है, और इस बार भी मामला कोई अलग नहीं है । देश की स्वतंत्रता के विषय पर कंगना रनौत के अजीबो-गरीब बयान से उपजे विवाद के पश्चात उन्हें एक वयोवृद्ध अभिनेता से अप्रत्याशित समर्थन मिला है । समर्थन देने वाले और ...

पृथु राय कामेश्वर

असम के बहादुर राजा पृथु: जिन्होंने बख्तियार खिलजी को युद्ध में धूल चटाई थी

‘चाह नहीं देवों के सिर पर चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ, मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक! मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने, जिस पथ पर जावें वीर अनेक’ कवि माखनलाल चतुर्वेदी की प्रसिद्ध कविता की यह पंक्तियाँ उन वीर योद्धाओं को कोटी-कोटी नमन करती है, जिन्होंने इस मातृभूमि ...

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