तकिया-रजाई पर आदिवासियों के देवताओं के चित्र क्यों?
आज के आधुनिक युग की चकाचौंध में घिरकर हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूलते जा रहे हैं। एक तरफ जहां हम कला और कई अन्य माध्यमों से भारतीय शैलियों को फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे ...
आज के आधुनिक युग की चकाचौंध में घिरकर हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूलते जा रहे हैं। एक तरफ जहां हम कला और कई अन्य माध्यमों से भारतीय शैलियों को फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे ...
“जो आया है वो जाएगा, कह गए साधु संत!” ये तो समय की रीति है और समय के आगे किसी की नहीं चली है। इसी समय ने हमारे सबसे महान हास्य कलाकारों में से एक राजू श्रीवास्तव को हमसे ...
भारत और भारतीयों के लिए बहुत आसान है प्रेम और स्नेह जताना। भारतीय शब्द जुड़ते ही भावनाएं प्रागाढ़ होना भारतीयों के मन में एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसको दूर करना असंभव ही है। कोई भी, कहीं भी शिखर पर ...
भाजपा में कोई भी दायित्व हमेशा स्थायी नहीं रहा है, वह सदैव चलायमान रहा है। अब चाहे वो राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी हो या एक मंडल अध्यक्ष का पद, परिवर्तन होता रहा है। यूं तो इन सभी पदों का ...
भारत को ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सपोर्ट का एक नया ऑर्डर मिला है। इस बार इंडोनेशिया ने इस मिसाइल को खरीदने की इच्छा जताई है और कहा है कि इस साल के अंत तक इस मिसाइल के एंटी-शिप वैरियंट को ...
जब भी बात भारत के विदेश मंत्रियों की आती है तो दिमाग में सबसे पहला नाम डॉ एस जयशंकर का आता है. उनसे पहले देश के जो भी विदेश मंत्री रहे वे शायद ही किसी को याद हों लेकिन ...
दुनिया लगातार ध्रुवीकृत हो रही है। दिलचस्प बात यह है कि यह ध्रुवीकरण अमेरिका विरोधी है। अब लगभग हर विकासशील और विकसित देश अपनी शर्तों और राष्ट्रीय हितों पर बात करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत इस मामले ...
देश की कमान अगर मजबूत हाथों में हो तो विश्व पटल पर राष्ट्र को अलग पहचान मिलती है। भारत के संदर्भ में यह बात एकदम सही साबित हो रही है। पिछले 8 सालों में जब से मोदी सरकार सत्ता ...
देश घर हैं, यहां के 135 करोड़ नागरिक इस विशाल गृह निवास के सदस्य हैं। व्यक्तिगत रूप से सभी सदस्य इस विराट घर के इकाई का प्रतिबिम्ब हैं और एक राष्ट्रभक्त नागरिक के रूप में बाल्यकाल से ही हम ...
‘Scam 1992’ में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण संवाद है कि “आज का कॉमन मैन कल का हीरो और आज का हीरो कल का भगवान।” ये बात अनेकों हस्तियों पर लागू होती है, चाहे वो क्रिकेटर हों, फिल्मस्टार हों या ...
अरविंद केजरीवाल के चरित्र को लेकर भारतीय राजनीति में कोई संशय नहीं है। वह बिल्कुल खुली किताब की तरह हैं। समस्या सिर्फ यह समझने में है कि वह मूर्ख हैं या फिर दुष्ट? अगर मूर्ख हैं तो फिर वह ...
2019 में जब विदेश मंत्रालय का पद रिक्त हुआ, तो सबका ध्यान इसी बात पर था कि सुषमा स्वराज की कमी को कौन पूरी करेगा। ऐसे में जब पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि सुब्रह्मण्यम जयशंकर अब भारत ...
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