'आर्थिक सुधार ' के लिए खोज परिणाम

रैस्टौरेंट में हुए महंगे खाने के झूठे दावों की पोल खोलता जीएसटी विश्लेषण

प्रारम्भ में मैं इस लेख को 3 भागों में बांटना चाहता हूँ। पहले भाग में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा जीएसटी के उदघाटन के शुभ अवसर पर काँग्रेस के गंदी चालों के विभाग की करतूतों की पोल खोलूंगा। दूसरे भाग ...

अच्छा तो अरविंद केजरीवाल आज कल इसलिए चुप बैठे हैं!

आजकल भारतीय राजनीति में मानो भूचाल सा आ गया है। भूचाल इसलिए की जिस तरह के विधवा विलाप और मार के भागो राजनीति का इस्तेमाल 2011 से हम भारतियों को झेलने की आदत पड़ चुकी है, उस आदत का ...

मनमोहन सिंह ने इस ओछी हरकत से अपना नाम इतिहास के काले पन्नो में दर्ज करवाया लिया है

जब 30 जून को वर्तमान राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने संसद के केन्द्रीय कक्ष के मुख्य मंच से लाल बटन दबाया, और ऐतिहासिक जीएसटी को भारत में पारित करवाया, तब पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह की अनुपस्थिति पूरे सभा ...

एक देश एक बोर्ड: भारत में व्याप्त समस्त बोर्डों का विलय कर एक बोर्ड का निर्माण 

1 जुलाई की मध्यरात्रि को जब सारी दुनिया मीठी नींद सो रही थी, तब भारत फिर जागा था, अब की बार अपनी आर्थिक स्वतन्त्रता का सीधा प्रसारण देखने के लिए, उसी संसद के केन्द्रीय भवन, जहां से हमारी स्वतन्त्रता ...

GST लागू होने से सबसे ज्यादा दुखी ये लोग हैं

GST अब एक सच्चाई है और इसी के साथ माननीय अटल बिहारी बाजपेई जी के द्वारा देखा गया एक सपना पूरा हो गया| एक बहुत बड़ा बदलाव है ये और हर बदलाव के आरम्भ में सभी को कुछ न ...

प्रधानमंत्री मोदी की ज़िद ने इस देश की दशा और दिशा बदल दी

जब श्री मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब हमें कोई संदेह नहीं था की यह कठपुतली का नाटक चल रहा है, जिसे कभी कहीं दुनिया में नहीं देखा गया था। आतंकवादियों से संधि करने में इस पार्टी का सच में ...

ममता और लालू हुये गुजरे जमाने की बात, स्वागत कीजिये सबसे सेक्युलर नेता का

तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री, कलवकुंतला चन्द्रशेखर राव जब रविवार को एलबी स्टेडियम में आयोजित इफ्तार पार्टी में शरीक होने गए, तब उन्होने मुस्लिम समुदाय के लिए अनेक रियायतों  की घोषणा की, और साथ ही साथ नौकरी में मुस्लिम कोटा ...

तो क्या सच में गांधीजी गौहत्या के समर्थक थे?

यह लेख TheWire.in में छपे लेख ‘महात्मा गांधी ने भारत में बीफ पर प्रतिबंध लगाने वालों को क्या कहा’ के प्रतिक्रिया में लिखा गया है। 25 जुलाई 1947 को हुई प्रार्थना सभा से उद्धृत इस लेख ने महात्मा गांधी ...

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