नेहरूवाद का अंतिम अवशेष अब मलबे में दब जाएगा
भारतीय राजनीति के लिए यह बेहद दुखद है कि सरकारी संपत्ति को अपनी बपौती और पूरे देश को अपनी निजी संपत्ति समझा गया। इसकी रीत स्वयं भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपने कार्यकाल से ही रख दी ...
भारतीय राजनीति के लिए यह बेहद दुखद है कि सरकारी संपत्ति को अपनी बपौती और पूरे देश को अपनी निजी संपत्ति समझा गया। इसकी रीत स्वयं भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपने कार्यकाल से ही रख दी ...
वर्ष 2014, नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे बड़े नेता बनने और रिकॉर्ड अंतर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद, पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। यह एक शुरुआत ...
यह खबर शर्मनाक है और चिंताजनक भी है। कांग्रेस सरकार की नाक के नीचे, स्थानीय पुलिस के समर्थन से, खालिस्तानियों से सहानुभूति रखने वालों ने सोमवार को पंजाब के बठिंडा जिले में शहीद बाबा अजीत सिंह चौक से गुरुद्वारा ...
क्या आपको दीप सिद्धू याद है? अवश्य होगा। अगर नहीं है तो चलिये हम बताते हैं। पिछले साल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली को कब्जे में लेने वाले कृत्य और हिंसा की घटनाएं तो याद ही होंगी। अगर ...
भारत की राजनीति निकृष्टता के नित नए आयाम छुते जा रही है। इसका प्रमुख कारण है विपक्षी नेताओं का भय, लोभ, पद और मोह। मोदी की सफलता और उनके पीछे जनता के समर्थन को वो पचा नहीं पा रहे ...
‘बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति, बोले राम सकोप तब, भय बिनु होई न प्रीति’ श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड के इस बहुचर्चित पद्य का अर्थ बहुत स्पष्ट है, जब अनुनय विनय से काम न बने, तो अपने ...
कभी-कभी इतिहास बदलने के लिए एक कदम ही पर्याप्त होता है और लगता है भारतीय नौसेना ने अब वो कदम उठाने का निर्णय ले लिया है।आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस के 125 वर्ष पूरे होने के शुभ ...
भारत और चीन दुनिया के 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। 1991 में चीन ने विदेशी व्यवसायों के लिए ‘ओपन डोर पॉलिसी’ लागू किया, तो भारत ने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण की नीति लागू की और दोनों ही देश ...
पंजाब के फिरोजपुर शहर में प्रधानमंत्री के काफिले को 'प्रदर्शनकारियों' द्वारा अवरुद्ध करना यह दर्शाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी से वो तथाकथित किसान कितनी नफरत करते है। पिछले कुछ समय से नरेंद्र मोदी को लेकर एक वर्ग अपनी ...
आलोचना और घृणा में मूलभूत अंतर होता है। आलोचना उन्नति जनित होती है, जबकि घृणा पूर्वाग्रह जनित। आपकी आलोचना आपको परिस्कृत करती है, जबकि घृणा आपको खा जाती है। आप सोंच रहे होंगे कि राजनीतिशास्त्र के इस विषय में ...
कहते हैं कभी-कभी कुछ न करना भी एक कला होती है लेकिन राजनीति में कुछ न करना या चुपचाप बैठे रहना घातक सिद्ध होता है। यह बड़े-बड़े साम्राज्यों और उनके सत्ताधीशों के पतन का कारण बनता है। पर ज़रा ...
पिछले 1 वर्ष से अराजक तत्वों द्वारा पंजाब में माहौल खराब करने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। कुछ ही महीनों में पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के ...
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