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Pan INDIA फिल्में इस वर्ष रही फुस्स, और कारण भी स्पष्ट है!

Pan INDIA फिल्में इस वर्ष रही फुस्स, और कारण भी स्पष्ट है!

जैसे ही हम 2023 के मध्य बिंदु पर पहुँचते हैं, भारतीय सिनेमा पर संकट के बादल मंडराते हुए दिखाई देते हैं। बॉलीवुड से लेकर क्षेत्रीय सिनेमा तक, देश भर के फिल्म उद्योगों को कई चुनौतियों और असफलताओं का सामना करना पड़ा है, और Pan INDIA फिल्में भी इसके प्रकोप से ...

लिबरलों के रातों की नींद उड़ाने आ रहे हैं राम चरण!

लिबरलों के रातों की नींद उड़ाने आ रहे हैं राम चरण!

“अब और भागना नहीं है, बस भगाना है!” जब “रामम राघवम” के उद्घोष के साथ राम चरण ने “RRR” में इस संवाद को दोहराया था, तो किसे प्रतीत होगा की इसका वह अक्षरश: पालन भी करेंगे! बॉलीवुड से लेकर वामपंथी बिरादरी में जितने भी इन्हे हल्के में ले रहे थे, ...

28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

28 मई 2023 को, भारत कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह बना जिसने वामपंथियों को गजब का डिसप्रेसन यानि अवसाद दिया। सनातनी परंपराओं से अभिभूत नए संसद भवन के भव्य उद्घाटन से लेकर वीर सावरकर फिल्मों की घोषणा और प्रतिष्ठित स्थलों के नाम बदलने तक, यह दिन एक महत्वपूर्ण मोड़ था ...

अकबर का हिन्दू प्रेम : सत्य बनाम मिथ्या!

अकबर का हिन्दू प्रेम : सत्य बनाम मिथ्या!

अकबर को महान क्यों बताया जाता है? क्योंकि वामपंथी इतिहासकारों के अनुसार, वे सेक्युलर थे, उन्होंने कई राज्यों के साथ मित्रता की, कई हिन्दू राजकुमारियों को अपने घर का हिस्सा बनाया। परंतु जब आज के युग में अतीक अहमद जैसे लीचड़ को कुछ लोग दैवतुल्य सिद्ध करने पर तुले हुए ...

असहयोग आंदोलन गांधी की उपज नहीं थी

असहयोग आंदोलन गांधी की उपज नहीं थी

कुछ समय पूर्व, सीबीआई द्वारा सम्मन भेजे जाने पर आम आदमी पार्टी का हर एक नेता क्रोध से तमतमा रहा था। कुछ अति उत्साही समर्थक तो इतना भावुक हो गए कि केजरीवाल की तुलना बैरिस्टर मोहनदास करमचंद गांधी से करने लगे। परंतु अनजाने में ही सही, उन्होंने बड़ा नेक कार्य ...

चारण : राजपूताना के “योद्धा कवि”

चारण : राजपूताना के “योद्धा कवि”

Charan caste history in Hindi: भारत में भांति भांति के योद्धा उत्पन्न हुए हैं। कुछ के लिए बल अधिक महत्वपूर्ण है, तो कुछ ने बुद्धि से युद्ध जीते हैं, परंतु राजस्थान वो भूमि है, जहां के कण कण में वीर रस बसता है। यहाँ के कवि भी किसी योद्धा से ...

जब नेहरू वाली गलती दोहराने वाले थे लालबहादुर शास्त्री….

जब नेहरू वाली गलती दोहराने वाले थे लालबहादुर शास्त्री….

वो कहते हैं “दुर्घटना से देर भली”। आज भारत की आक्रामकता से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। परंतु स्वतंत्रता के पश्चात प्रारम्भिक दो दशकों में ऐसा नहीं था। चीन ने हमारा क्या हाल बनाया, इससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। परंतु अगर अति आत्मविश्वास में पाकिस्तान ने एक षड्यन्त्र न ...

Adipurush new poster

Adipurush new poster: “आदिपुरुष” के नाम पर ये क्या मज़ाक है?

Adipurush new poster: पता है विजय कृष्ण आचार्य, डॉक्टर चंदप्रकाश द्विवेदी और ओम राऊत में क्या समान बात है? ये तीनों ही किसी समय पर उत्कृष्ट कला के लिए जाने जाते थे, और इन्होंने अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में अपना सर्वस्व अर्पण करने का दावा किया। परंतु इन तीनों में से ...

Rahul Gandhi Disqualification

राहुल गाँधी के निष्कासन के पीछे का वास्तविक सत्य

Rahul Gandhi Disqualification: कहा जाता है कि हर व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आना स्वाभाविक है। यही बात राजनीति पर भी सटीक बैठती है और सत्ता का परिवर्तन इसका प्रत्यक्ष उदाहारण है। क्षेत्र कोई भी हो किसी भी व्यक्ति के जीवन में अप्स एंड डाउन आ सकते हैं। लेकिन ...

वैसे दो क्रांतिकारियों को भारत भूमि वापस लाने के लिए दशकों की प्रतीक्षा करनी पड़ी

वैसे दो क्रांतिकारियों को भारत भूमि वापस लाने के लिए दशकों की प्रतीक्षा करनी पड़ी

1974। दिल्ली एयरपोर्ट पर कई सरकारी उच्चाधिकारी और इंदिरा गांधी के नेतृत्व में केन्द्रीय प्रशासन कुछ लोगों की प्रतीक्षा कर रहे थे। आखिरकार हवाई जहाज़ एयरपोर्ट पर उतरा, और उक्त हस्तियों में से एक निकले। परंतु ये कोई जीवित व्यक्ति नहीं थे, ये मृत शरीर के अवशेष थे, जिनमें से ...

सयाजीराव गायकवाड़

सयाजीराव गायकवाड़ III: राजकुमार से देशभक्त बनने की कहानी

सयाजीराव गायकवाड़: भारत महान राजाओं एवं योद्धाओं की जन्मभूमि रही है। अलग–अलग समय में एक से बढ़कर एक शासकों ने भारत पर न सिर्फ अपना राज किया है, बल्कि अपनी कुशल कार्यक्षमता एवं रणनीति से भारत के इतिहास को गौरवपूर्ण बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस लेख में पढे ...

Satish Kaushik death: हिंदी सिनेमा जगत में सतीश कौशिक छोड़ गए अमिट छाप

Satish Kaushik death: हिंदी सिनेमा जगत में सतीश कौशिक छोड़ गए अमिट छाप

Satish Kaushik death: विशुद्ध अभिनेता वह होता है, जो चाहे दस सेकेंड के लिए हो, या फिर पूरे फिल्म के लिए, परंतु उसके किरदार को आप अनदेखा नहीं कर सकते। सतीश कौशिक भी ऐसे ही एक अभिनेता थे, जिनका 8 मार्च को अचानक हृदयगति रुकने से निधन (Satish Kaushik death) ...

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