'राष्ट्रपति चुनाव' के लिए खोज परिणाम

सूझबूझ, हिम्मत और वीरता का पर्याय हैं मेजर गोगोई

कश्मीर में हो रहे अंतरयुद्ध ने एक नया रूप धारण कर लिया है। ये युद्ध सिर्फ अब दो कट्टर शत्रुओं के बीच ही नहीं, दो विपरीत धारा की विचारधाराओं के बीच हो रहा है। मानवता के नाम पर फैलाये ...

कपिल मिश्रा के अनोखे सवालों पर केजरीवाल के विचित्र जवाब

एक कहावत है लोहा लोहे को काटता है। ये कहावत यहाँ पूरी तरह चरितार्थ होती दिख रही है, जब अपने ही खासमखास और करीबी माने जाने वाले कपिल मिश्रा अपने ही गुरु को उन्हीं के जाल में उन्हीं के ...

पुरानी सरकारों के लगाए जाले योगी आदित्यनाथ साफ़ कर रहे हैं, पर बखूबी से साफ़ कर रहे हैं

मित्रों, योगी शासन के स्वर्णिम युग में आप सभी का सादर स्वागत है। जिस तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन योगी आदित्यनाथ कार्य पूर्ण करने में लगे हैं, हमें तो ये लग रहा है की इन्हे ...

मतलब! केजरीवाल सच ही कह रहे थे की ईवीएम हैक की जा सकती है

डेढ़ महीने पहले संपन्न हुए चुनाव में ईवीएम के भरोसे पर बीजेपी को प्रचंड जीत मिली थी वरना जी वहाँ बीजेपी को कौन पूछता था, वह तो बिना चुनाव लड़े केजरीवाल साब की 350 सीटें आई होती लेकिन ससुरे ...

मिलिए तुर्की के निर्वाचित तानाशाह एर्डोगन से, इनकी ताक़त पूरे देश से ज्यादा है

आज विश्व में  कुल 195 देश है और अगर ताइवान को भी एक देश माने तो 196 देश है। इन 196 देशो में से एक देश है तुर्की। तुर्की की भौगोलिक स्थिति अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। तुर्की एक ऐसा ...

क्यों अमेरिकी सैनिक लेफ्टिनेंट-कर्नल रंगराज और उनकी पलटन को “मैरून एंजेल” बुलाते थे?

लेफ्टिनेंट-कर्नल रंगराज और उनकी पलटन को “मैरून एंजेल” बुलाते थे? 1910 से ले के दूसरे विश्व युद्ध तक कोरिया(संयुक्त कोरिया) पर जापान का कब्ज़ा था। द्वितीय विश्व युद्ध जापान हार गया और परिणाम स्वरुप जापान को कोरिया के ऊपर ...

विपक्ष वाले हमारे सैनिकों से पूछ रहे हैं “अरे तुम जिंदा कैसे लौट आये?”

भारत देश आज एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है| वह समस्या जो पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से शुरू हुयी है| पूर्व में आपने टीवी, रेडिओ और विभिन्न समाचारपत्रों में ...

आसमान का सीना चीर के आ गए, धरती की छाती फाड़ के आ गए – मेरे बब्बर-मसूद आ गए

मित्रों, राजनीति और नौटंकी का चोली दामन का साथ है। अजी यह न हो, तो जैसे दाल में नमक नहीं, गाड़ी में पेट्रोल नहीं, या यूं कहें, राजनीति में जान नहीं। पिछले पाँच छह सालों से राजनीति ने अनुसरण ...

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