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संग्रहालय तो ठीक है पर मंदिर कब बनायेंगे?

कुछ एकाध दशक पुरानी बात है जब भाजपा वाले गर्व से भर कर गलियों में चिल्लाते हुए दिखते थे, "बच्चा बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का", "कल्याण सिंह कल्याण करो, मंदिर का निर्माण करो", इत्यादि। जब भाजपा सरकार ...

दो और राज्यों में बीजेपी की जीत निश्चित

कहते हैं कि परिवर्तन ही संसार का नियम है, मैं भी इस कथन में गहरा विश्वास रखता हूँ क्योंकि अगर कुछ चीजों को हमने समय रहते नहीं बदला तो फिर ये हमारे लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। परिवर्तन ...

घर में घुस के मारना शायद इसे ही कहते हैं

भारत में लोगों को जिसका इंतज़ार था सेना ने बड़ी ही समझदारी से वो एक्शन लिया है. बुधवार रात में भारत ने LoC पर पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक में एक साथ 5 जगहों पर धावा बोला. मीडिया में ...

आप कौन सी भाषा में सोंचते हैं?

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ. और आज़ादी के साथ ही यह प्रश्न उठा क़ि इस बहुभाषी, विविध संस्कृति समेटे राष्ट्र की राजभाषा क्या होगी ? संविधान सभा के सदस्यों के काफी विचार-विमर्श के बाद 14 सितंबर ...

केजरीवाल जी, आपके स्वास्थ्य मंत्री झूठ बोल रहे हैं

एडीस मच्छरों से फैलने वाला चिकनगुनिया लम्बे समय तक चलने वाला जोड़ों का रोग है, जिसमें जोड़ों मे भारी दर्द होता है। इस रोग का उग्र चरण तो मात्र 2 से 5 दिन के लिये चलता है किंतु जोड़ों ...

रेप या कुछ और, आखिर केआइआईटी का सच क्या है?

भुवनेश्वर। उत्तर में महानदी, दक्षिण में दया और पश्चिम में कुआखाइ नदी से घिरा हुआ शहर। काफी शांत और धार्मिक जगह है, साथ ही में शिक्षण संस्थानों का भी गढ़ है भुवनेश्वर। आप अगर भुवनेश्वर गए हुए हैं तो ...

बुलंदशहर बलात्कार: यही है सच उत्तर प्रदेश का

क्या हो, यदि आप के साथ एक ऐसा हादसा हो जाये, जिसके लिए आप जिम्मेदार ही नहीं हैं, पर उस हादसे से आप फिर से अपनी ज़िंदगी बेफिक्र न जी पाये? क्या हो, यदि वही हादसा आपके लिए ज़िल्लत ...

बारह साल के बच्चियों की बोली लगाने वाली बसपा की घिनौनी राजनीति

आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी ...

आसमान का सीना चीर के आ गए, धरती की छाती फाड़ के आ गए – मेरे बब्बर-मसूद आ गए

मित्रों, राजनीति और नौटंकी का चोली दामन का साथ है। अजी यह न हो, तो जैसे दाल में नमक नहीं, गाड़ी में पेट्रोल नहीं, या यूं कहें, राजनीति में जान नहीं। पिछले पाँच छह सालों से राजनीति ने अनुसरण ...

उत्तर प्रदेश चुनाव 2017: किसमे कितना है दम ?

जैसा मैं हमेशा से कहता हूँ उलझा हुआ उत्तर प्रदेश, इतना उलझा कि बड़े-बड़े चुनावी विश्लेषकों को यहाँ के मतदाताओं का मूड समझ में नहीं आता। उत्तर प्रदेश सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनौती रहा है, चाहे वो राष्ट्रीय ...

भाजपा का कैबिनेट विस्तार क्यों इस पार्टी की नींदें उड़ा रहा है?

स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अपेक्षा एक कम महत्वपूर्ण मंत्रालय कपडा मंत्रालय भेजना इस हफ्ते की बड़ी घटनाओं में से एक थी, जब ५ जुलाई को मोदी सरकार ने बड़े राजनैतिक उलटफेर करते हुए 19 नए ...

नितीश जी, आप हमें बिहारी नहीं बाहरी लगते हैं

नितीश जी प्रणाम, ये एक बिहारी का अपने मुख्यमंत्री को प्रणाम है, इसलिए नहीं किये हैं की आप एक बेहतरीन मुख्यमंत्री हैं। हम तो ई लागी प्रणाम किये कि आजतक आप से बड़का अहंकारी व्यक्ति हम नहीं देखे हैं। ...

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