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फेसबुकिया अर्थशास्त्रियों को मिला करारा जवाब

पिछले कुछ दिनों से हम भारतीय अर्थव्यवस्था के कमजोर होने के बारे में बहुत कुछ सुन रहे हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों द्वारा जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5.7 प्रतिशत आने, निजी निवेश में कमी, रोजगार सृजन उम्मीद गति से नहीं ...

पुरुषों को ही हमेशा दोषी समझा जाता है, ऋतिक रोशन का करारा जवाब

कथित तौर पर प्रेमी जोड़े ऋतिक रोशन और कंगना रनौत के बीच कहानी में यह बिल्कुल ही नया अध्याय जुड़ा है। अब तक कंगना रनौत मुखर होकर कहने वाली एकमात्र व्यक्ति थी और उन्होंने उस दौर की बात की ...

प्रधानमंत्री मोदी की ज़िद ने इस देश की दशा और दिशा बदल दी

जब श्री मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब हमें कोई संदेह नहीं था की यह कठपुतली का नाटक चल रहा है, जिसे कभी कहीं दुनिया में नहीं देखा गया था। आतंकवादियों से संधि करने में इस पार्टी का सच में ...

हांक हांक कर ठोंका लश्कर कमांडर जुनैद मट्टू को भारतीय सेना नें

कश्मीर में अतंकावाद को हवा देने और इस्लामिक आतंकवादियों को वैचारिक समर्थन देने के लिये भारतीय मीडिया ने सोशल मीडिया को हथियार बनाते हुये कुछ पोस्टर बॉयज बनाये थे। यह सिलसिला बुरहान वानी से शुरू हुआ था। इन पोस्टर ...

पाकिस्तान की गुस्ताखी का भारतीय हैकरों ने दिया मुहतोड़ जवाब

दुनिया ने दो विश्वयुद्ध देखें हैं और आज दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर खड़ी है। जाहिर सी बात है आज दुनिया के सभी ताकतवर देशों के पास हर तरह के हथियार, आधुनिक रक्षा कवच और परमाणु बम ...

मीडिया वालो को सरताज जी से कुछ शिक्षा लेनी चाहिए

लखनऊ में मंगलवार को लगभग 12 घंटे तक चले गोलीबारी के मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया गया। आतंकी का नाम सैफुल्लाह था। आतंकी एक घर के अंदर था और उसे बंकर की तरह इस्तमाल कर रहा था। ...

छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों की हक़ीकत

आजादी के 69 साल बाद भी विभिन्न आकलन एजेंसियों और हाल ही में देश की शिक्षा नीति समीति द्वारा कहा गया है कि हमारे देश में प्रदान की जा रही शिक्षा की गुणवत्ता आज भी बहुत खराब है. इसके ...

आप कौन सी भाषा में सोंचते हैं?

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ. और आज़ादी के साथ ही यह प्रश्न उठा क़ि इस बहुभाषी, विविध संस्कृति समेटे राष्ट्र की राजभाषा क्या होगी ? संविधान सभा के सदस्यों के काफी विचार-विमर्श के बाद 14 सितंबर ...

बारह साल के बच्चियों की बोली लगाने वाली बसपा की घिनौनी राजनीति

आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी ...

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