क्या ये एनडीटीवी के अंत की शुरुआत है?
लगता है एनडीटीवी का बुरा समय और वित्तीय संकट गहराता जा रहा है उसने अपनी सहायक कंपनी रेड पिक्सेल्स (Red Pixels) में 7.38% की हिस्सेदारी अपने दिल्ली दफ्तर परिसर के भूस्वामी एआर चढ्ढा ऐंड कंपनी को बेच दी है। ...
लगता है एनडीटीवी का बुरा समय और वित्तीय संकट गहराता जा रहा है उसने अपनी सहायक कंपनी रेड पिक्सेल्स (Red Pixels) में 7.38% की हिस्सेदारी अपने दिल्ली दफ्तर परिसर के भूस्वामी एआर चढ्ढा ऐंड कंपनी को बेच दी है। ...
आरटीआई ने अरविंद केजरीवाल पर खर्च होने वाले विवरण को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट मुकुंद चौधरी द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत मांगी गई जानकारी में ये बात सामने आई है। आरटीआई ...
सरकार और सुरक्षा बल का नक्सल के खिलाफ रुख सख्त है। इसी का नतीजा है कि 29 मार्च को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में 16 महिला नक्सली समेत 59 नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ...
जब देश की दो बड़ी पार्टी के बीच मोबाइल एप के जरिये डाटा साझा करने के मुद्दे पर वाकयुद्ध चल रहा हो तब शायद हम सही मायने में कह सकते हैं की भारत अब डिजिटल इंडिया बन रहा है। ...
मैंने यूट्यूब पर फिल्मों के सर्च के दौरान अमेरिका के हॉलमार्क टीवी फिल्म की ‘फ़्रंट ऑफ़ द क्लास’ को देखा था। एक समय था जब नेटफ्लिक्स इंडिया और अमेज़न प्राइम सब्सक्रिप्शन का कोई अस्तित्व नहीं था। तब टॉरेट सिंड्रोम ...
2019 के आम चुनाव को बस एक साल का वक्त रह गया है ऐसे में सरकार समेत विपक्ष भी अपने तैयारी में जुट गया है। पक्ष विपक्ष अपनी अपनी चालें चलने लगे है। जहाँ एक ओर मोदी सरकार कुछ ...
पिछले सप्ताह एनडीटीवी ने घोषणा की कि वह मुख्य व्यवसाय पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए आंतरिक पुनर्गठन कार्यक्रम के अन्तर्गत कर्मचारियों की संख्या में 25 प्रतिशत तक की कमी करने पर विचार कर रहा है। एनडीटीवी अब ...
नोटबंदी (विमुद्रीकरण) की घोषणा के बाद के दिनों को याद करें, जब विपक्ष और उदारवादी मीडिया ने अपनी आवाज को बुलंद करके इसका विरोध किया था कि यह सरकार की एक बहुत बड़ी असफलता है, सिर्फ इसलिए क्यूंकि 99 ...
जिस तरह मोदी सरकार एक के बाद चुनाव प्रचंड बहुमत से जीतते हुए विजय रथ आगे बढ़ा रही है उसमें मोदी सरकार के मंत्रियों के धुआंधार विकास करने की नीति प्रमुख है। इस विकास में उनके कैबिनेट के जो ...
२००० के दशक के प्रारम्भ तक, मोबाइल मात्र अमीरों और शक्तिशाली लोगों का प्रतीक माना जाता था। अमीर लोग बड़ी शान के साथ मोबाइल को अपनी कमर बेल्ट पर लटकाते थे और उन अमीर लोगों के अलावा समाज के ...
मसूद अजहर के साथ चीन को इतनी मोहब्बत क्यों है? साफ है कि सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर) में लगाए गए ६२ अरब डॉलर एक वाजिब कारण है जिसके चलते चीन पाकिस्तान की राजनीतिक गलतियों को ढो रहा है। पाकिस्तान ...
ममता बनर्जी के आधार के विरोध पर सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ा रुख दिखाया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री जो केंद्र की नीतियों (किसी भी और हर नीति) की एक प्रत्यक्ष आलोचक हैं और वह कभी भी सरकार की आलोचना ...
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