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भारतीय सेना ने कुछ ही दिनों में घाटी के 100 आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया, इसीलिए उन्होंने अजय पंडिता को मारा है

हाल ही में कश्मीर घाटी में एक हिन्दू सरपंच अजय पंडिता की हत्या एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि कश्मीर घाटी की समस्या सुलझाना इतना आसान नहीं। जिस तरह से अजय को बाइक सवार आतंकियों ने गोलियों ...

मलिन बस्तियां, गंदगी भरा रहन-सहन और Anti-Vaccine फतवा- जाने क्यों मुसलमानों में सबसे ज्यादा इनफेक्शन रेट है

भारत के मुसलमानों में अन्य समुदायों की तुलना में बहुत अधिक संक्रमण दर है। इसके पीछे प्राथमिक कारण मध्य पूर्वी देशों में रहने वाले लाखों मुसलमान हैं जो भारत में अपने परिवारों में लौटते समय कोरोना वायरस लाए थे, ...

तेजस्वी सूर्या ने तथ्यों के साथ दिल्लों दंगों पर लिबरलों और कांग्रेसियों को पटक-पटक कर धोया

पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़के दंगों के संबंध में संसद में काफी तीखी बहस हुई। जहां एक ओर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस को उसकी खोखली दलीलों के लिए आड़े हाथों लिया, तो वहीं तेजस्वी सूर्या ने दो कदम ...

‘टीपू जयंती’ से लेकर टीपू के अत्याचारों पर कमिटी तक- कर्नाटका में अब सब कुछ बदल चुका है

टीपू सुल्तान को अब हीरो नहीं बल्कि विलेन के तौर पर जाना जाएगा। जी हाँ, जबसे कर्नाटक में कांग्रेस और JDS की सरकार गिरी है और येदियुरप्पा की सरकार बनी है तब से जनता और छात्रों को अत्याचारी टीपू ...

लदीदा और आयशा- लिबरलों की इन नई चहेतियों ने पूर्व में कई भड़काऊ पोस्ट किए हुए हैं

बरखा दत्त की पत्रकारिता ने देश को बहुत नुकसान पहुंचा चुका है चाहे वो कारगिल युद्ध के दौरान उनकी रिपोर्टिंग हो या 22/11 के दौरान की रिपोर्टिंग हो। उनके दिल में आतंकियों के लिए विशेष प्रेम है और यह ...

आशुतोष एक ऐसी लड़ाई में एससी का मुद्दा ले आये जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं

हाल के दिनों में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय चर्चा के केंद्र में बना हुआ है और कारण है विश्वविद्यालय के धर्म संकाय में एक मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति। इस नियुक्ति के बाद से छात्र सड़क पर उतर हड़ताल कर रहे ...

बीजेपी को कर्नाटका की किताबों से टीपू सुल्तान का चैप्टर हटाने की बजाय उसकी वास्तविकता को दिखाना चाहिए

इतिहास का भविष्य पर गहरा असर पड़ता है, इसलिए यह भावी पीढ़ी के लिए दोषपूर्ण इतिहास पढ़ना आवश्यक हो जाता है। पहले अंग्रेजों और फिर अंग्रेजों के चाटुकार इतिहासकारों की वजह से आज भी देश का वास्तविक इतिहास भावी ...

धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक या फिर जिहाद का समर्थक? मौलाना आज़ाद का वास्तविक चेहरा

मौलाना आज़ाद का वास्तविक चेहरा वर्ष 2019, “खिलाफत आंदोलन” का शताब्दी वर्ष, खिलाफतवादियों ने 17 अक्टूबर, 1919 को ‘खिलाफत दिवस’ मनाया था। इस “खिलाफत आंदोलन” के दौरान खिलाफत आंदोलन की एक पैन इस्लामिक, राजनीतिक विरोध अभियान था।  जब भारत ...

‘भाई 1947 नहीं, 1000 साल पीछे जाओ ना’ कश्मीर को occupied बताने वाले फैसल को राजीव मल्होत्रा का जवाब

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान हर वो कोशिश कर रहा है जिससे यह मामला विश्व की नज़र में आ जाए और भारत की छवि धूमिल हो। विश्व की मीडिया संस्थान भी पाकिस्तान की ही राह पर ...

आरफा खनुम शेरवानी के एजेंडे की आरिफ मोहम्मद खान ने उड़ाई धज्जियां

मोदी विरोध में सबसे अग्रणी पोर्टल द वायर की प्रमुख पत्रकार आरफा खानुम शेरवानी ने एक बार फिर अपने चैनल के जरिये प्रधानमंत्री मोदी को मुस्लिम विरोधी जताने का प्रयास करने से बाज़ नहीं आई। परंतु इस बार उनका ...

मीडिया को सिर्फ हिंदू धर्म में टकराव नजर आता है और दूसरे समुदाय में कोई दरार नजर नहीं आती

दलित युवक को घोड़ा चढ़ने पर दबंगों ने पीटा। दलित युवती को खुलेआम निर्वस्त्र करके घुमाया, जैसी हेडलाइन्स को तो मीडिया अक्सर तुल देती रहती है। कई बार ये खबरें या तो अफवाह होती हैं या फिर इनमें मिर्च-मसाला ...

उसने नालंदा विश्वविद्यालय जलाया, हमने उसकी शान में शहर का नाम बदल दिया

बख्तियार खिलजी जिसने नालंदा विश्वविद्यालय जलाया पूरा उपमहाद्वीप इस बात को जानता है कि इस्लामिक शासन ने 'स्वर्ण युग' की कैसे शुरुआत की। समाज के कई वर्गों के बीच में पूर्ण शांति और सामंजस्य कैसे अस्तित्व में था। गैर ...

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