देश के विश्वास पर इस तरह खरे उतर रहे हैं एस. जयशंकर
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर, यह कथन आज के परिप्रेक्ष्य में भारत पर एकदम सटीक बैठता है। जहां बीते सात दशक से भारत हर बार अमेरिका और अन्य किसी देश के प्रतिक्रिया देने के बाद अपनी ओर ...
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर, यह कथन आज के परिप्रेक्ष्य में भारत पर एकदम सटीक बैठता है। जहां बीते सात दशक से भारत हर बार अमेरिका और अन्य किसी देश के प्रतिक्रिया देने के बाद अपनी ओर ...
किसी भी व्यक्ति को उसके अपनों के होने का एहसास दो परिस्थितियों में ही अधिक होता है। एक उसके ख़ुशी और दूसरे उसके कष्ट के समय में। इनमें भी प्रमुखतः कष्ट और दुःख के समय में कितने लोग आपके ...
बढ़ती उम्र के साथ, आदमी सठिया जाता है। अब सुब्रमण्यम स्वामी को ही देख लीजिए, सत्ता की आपक इतनी है कि किसी को भी कुछ भी बोलने से पहले वह एक बार भी नहीं सोचते हैं। सामान्य जीवन की ...
दुनिया में अपनी आतंकी गतिविधियों के लिए अगर कोई देश बहुत ज्यादा बदनाम है तो वह है पाकिस्तान। पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर कोई भी देश भाव नहीं देता। आज के परिदृश्य में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ...
मुग़ल कौन थे, क्या थे और कैसे थे यह हमारे देश में अभी भी विवाद का विषय बना हुआ है? यह विवाद अज्ञानता के कारण नहीं बल्कि तुष्टीकरण के कारण है। हमारे तथाकथित बुद्धिजीवियों को लगता है कि मुगलों ...
अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था के सबसे पेचीदा पहलुओं में से एक है। सिर्फ इसलिए कि यह खुले तौर पर नहीं बल्कि गुप्त संचार पर चलता है। इस पहलू का एक उदाहरण हाल ही में यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच ...
राष्ट्र आपके पहचान का प्रथम और एकमेव स्रोत है। इस कथन का अन्तः करण से स्वीकृति ही राष्ट्रवाद है। आपकी यही पहचान और इस पहचान पर आपकी गर्व की अनुभूति कभी-कभी आपका कवच बन जाती है। यही अभिमान और ...
पिछले दिनों कर्नाटक के उडुपी में एक सरकारी विद्यालय में कुछ मुस्लिम लड़कियां बुर्का पहनकर आईं जिसके बाद पूरे भारत में हिजाब पर चर्चा शुरू हो गई। विद्यालय प्रशासन द्वारा इन लड़कियों को प्रवेश देने से मना कर दिया ...
भारत आज जो कुछ भी है सिर्फ और सिर्फ अपने प्रयासों से ही है। 75 साल में रूस को छोड़कर किसी ने भी भारत के सच्चे मित्र की भूमिका नहीं निभाई। अगर पश्चिमी दुनिया ने अतीत में भारत की ...
लगभग तीन दशक पहले, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा सुरक्षा की गारंटी दिए जाने के बाद सोवियत संघ से निकले कई देशों ने परमाणु हथियार त्याग दिए। हालांकि, सोवियत संघ के टूटने के तीन दशक बाद, अब व्लादिमीर ...
राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को शक्ति और सामर्थ्य से ही बनाए रखा जा सकता है। दूसरी बात, अगर आप में शक्ति नहीं होगी, तब तक आपके अधिकारों के लिए कोई नहीं लड़ेगा और आपको धोखा मिलता रहेगा। ...
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सदैव अपनी मुखरता के लिए जाने जाते रहे हैं, फिर चाहे वो भारत का साथ देने से लेकर पाकिस्तान की गलतियों पर दो टूक बात रखनी हो या अन्य कोई भी मुद्दा हो, ...
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