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सुकमा हमले के बाद कहाँ मर गए आजादी के पैरोकार?

ढीली पड़ती पकड़ से बौखलाए हुये वामपंथ की लंपट औलादे अब नपुंसकता वाली हरकतों पर आ गए हैं। कल छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र में उग्र वामपंथियों (नक्सली) ने 30 जवानों की टुकड़ी पर हमला कर दिया जिसमें 12 जवान ...

शहीद की मज़ार सूनी, आतंकी के जनाज़े में लाखों की भीड़

जम्मू-कश्मीर में हुए मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 2 आतंकियों अक़िब भट और सौफुल्लास इलियास ओसामा को मार गिराया था। यह मुठभेड़ लगभग 15 घंटों तक चली थी। मारे गए आतंकी में एक हिजबुल से था और दूसरा हाफिज ...

श्मशान, कब्रिस्तान और बिजली की राजनीती कर के बुरे फंसे सपा-कांग्रेस

19 फ़रवरी 2017, प्रधानमंत्री की फतेहपुर में रैली हुई,उन्होंने कहा की,"रमज़ान पर बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए, होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए। विपक्ष के हिसाब से ये ...

जानिये ‘आप’ के विधायक क्या गुल खिला रहे हैं?

खबर है कि सरकार बनने के लगभग दो साल बाद भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 50 % से अधिक विधायको ने अपने "विधायक-कोष" में से एक भी पैसा अपने क्षेत्र के विकास के लिए ख़र्च नहीं किया ...

आखिर इन हिंदी भाषी राज्यों की हालत इतनी चिंताजनक क्यों है?

एक और हिंदी पट्टी प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, अरे भई अपने उत्तर प्रदेश में. सभी पार्टियों के बयान सुनकर तो लग रहा हैं क़ि चुनाव 90 के दशक के यूपी चुनाव की तरह लड़े जायेंगे. सभी पार्टियां ...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह की दूकान खोलना कितना जायज़ है?

मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी माना गया हैं. नागरिकों के नैसर्गिक अधिकारों के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को संरक्षित करना, ताकि मानव के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हो सके और उनके ...

बारह साल के बच्चियों की बोली लगाने वाली बसपा की घिनौनी राजनीति

आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी ...

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे हैं कि सदियों पहले से भारत एक ऐसा भू-खंड रहा है जो अपने प्राकृतिक संसाधनो एवं जलवायु विविधता कारण विदेशियों को आकर्षित करता रहा है ...

क्या है रे तू मीडिया?

क्या है रे तू मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ या लोकतंत्र के आस्तित्व पर एक कटाक्ष उपालंभ तू निर्भय है या लज्जाहीन तू स्वतंत्र है या पराधीन तू नैतिकता का तराजू है या नैतिकता का अभिनय करता है तू ...

मेनस्ट्रीम मीडिया की ब्रेकिंग न्यूज़, सोशल मीडिया और लिंकबाज़ी

हिटलर कहता था कि एक झूठ बोलो, बार बार बोलो और अंत में सब उसे सच मान लेंगे। भारतीय मीडिया (मेनस्ट्रीम मीडिया) का एकसूत्री एजेंडा बस यही है। भारतीय मीडिया के पुरोधा, मठाधीश जो ऊपर बैठे हैं वो पूरे ...

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