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इन भारतीय शहरों के नाम सबसे पहले बदल देने चाहिए

दुनिया में ये एक आम रीति है की शहरों, सड़कों और इलाकों को प्रसिद्ध लोगों के नाम देना, पर कभी भारत आइये, यहाँ तो अजब ही लीला है। यहाँ कई भारतीय शहरों के नाम लुटेरों, बलात्कारियों, सामूहिक हत्यारों के ...

पाकिस्तान की हवा टाईट करने में भारत का हाथ अफ़ग़ानिस्तान ने थामा, पहला ही प्रहार दमदार

अभी सिर्फ पिछले हफ्ते ही दिल्ली ने अफ़ग़ानिस्तान से विकसित हो रहे दिल्ली काबुल एयर कॉरिडॉर के रास्ते माल का पहला बेड़ा आते देखा। दूरी भले ही हजारों मीलों की हो, पर इन दो देशों के दिलों में बढ़ती ...

भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री: जैसे फिल्में बनाने वाले, वैसे ही फिल्में देखने वाले

जब भी हॉलीवुड ‘ए ब्यूटीफूल माइंड’, या ‘द मैन हू न्यु इन्फ़िनिटि” जैसे यादगार फिल्म बनाते हैं, हमारे मन में एक सवाल आता है:- भारतीय सिनेमा बायोपिक्स बनाने में इतना धीमा क्यूँ है? प्रेम रस की सुंदरता बखान करने ...

ये शायद विपक्ष की अब तक की सबसे घटिया चाल थी

महाराष्ट्र में स्थानीय किसानो को ऋणमाफ़ी मिल गयी। और साथ ही इसका श्रेय अपने नेताओ को दिलवाने के लिये सभी पार्टियो के कार्यकर्ता जुट गए। बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाये गए, अखबारो में बड़े बड़े विज्ञापन दिए गए, संपादकीयो में ...

उम्मीद थी की ममता दीदी के राज में पश्चिम बंगाल का अच्छे दिन आयेंगे, पर जो हुआ वो चौंकाने वाला था

पश्चिम बंगाल किसी जमाने में देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था और इसकी राजधानी पूरे देश के लिए आर्थिक राजधानी थी | जब देश के बाकी हिस्सों में रेल की भी सुविधा नही थी, यहां ...

देश की सबसे पुरानी पार्टी और हिन्दू धर्म की एक प्रमुख जाति के लिए इतनी नफरत? धिक्कार है

जबसे नरेंद्र मोदी जी ने काँग्रेस को लोक सभा में महज 44 सीटों में सिमटा दिया है, और सम्पूर्ण भारत में लगभग एक भी मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं बक्शी है, तबसे अपनी काँग्रेस बड़ी क्रिएटिव हो गयी है। केंद्र ...

दो पत्रकारों ने एक साथ पत्रकारिता शुरू की, एक कहाँ पहुँच गया, और दूसरा कहाँ छूट गया

भारत में पत्रकारिता को 'माफिया' संस्कृति में ढालने वाले, वामपंथी विचारधारा के उद्देश्यों को खबरों के आवरण से ढक कर परोसने वाले, वामपंथियों की संस्थानों से निकले, राष्ट्रीयता की विछिप्त व्याख्या करते निर्लज्ज मस्तिष्कों को बुद्धिजीवी पत्रकार बनाने वाले ...

बीफ पर लड़ाई तो मीडिया की बनाई खिचड़ी है, आईआईटी मद्रास की तो कहानी हीं कुछ और निकली

पिछले कुछ दिनों से आप लगातार समाचारपत्रों एवं मीडिया चैनल्स के द्वारा चलायी जा रही ख़बरों में सुन रहे होंगे कि किस प्रकार से केंद्र सरकार के फैसले के विरुद्ध देश में “गौ हत्या” कर एक नयी परंपरा की ...

जब हिन्दू मुसलमान की राजनीति फ्लॉप हो गयी तो यही एक रास्ता रह गया है तथाकथित सेक्युलरों के पास

जोगेंद्र नाथ मंडल आजादी के समय के बड़े दलित नेता थे। उनका मत था कि मुसलमानों की तरह है दलित भी स्वतंत्र भारत में हिंदू बहुसंख्यक देश में नहीं रह पाएंगे। जोगेंद्र मुस्लिम लीग की अलग देश की दलित ...

वैसे अगर सही सही कहूं तो गलती अपने राईट विंगर बंधुओं की ही हैं

बचपन से सिखाया जाता है गाली देना बुरी बात है, गाली नहीं देनी चाहिए। पर पता है लिबरल भारत की सोच कुछ अलग है। इस भारत में एक ही गाली को विविध परिस्थितियों में अलग-अलग तरह से देखने और ...

बाहुबली का असली रिव्यु तो अब आया है, है कोई जवाब बाहुबली के प्रशंसकों?

भारत में कुछ नया कैसे हो सकता है। नई शुरुआत और भारत? मियां दिन में भांग खाए लिए हो क्या? समझते नहीं क्या भारत के अंदर नया शब्द सूट ही नहीं करता। अब देखो न्यूयॉर्क, न्यूज़ीलैंड, न्यूजर्सी कितना टिप- ...

नक्सली पोडियम पांडा ने शहरी नक्सली बेला भाटिया और नंदिनी सुंदर को किया बेनकाब, सारे सच किये उजागर

छत्तीसगढ़ में 2 बड़े नक्सली हमले के बाद शासन और प्रशासन लगातार नक्सल समस्या को ख़त्म करने के लिए अपनी गतिविधियों को और तेज कर चुका है। लेकिन समस्या यहाँ जंगली नक्सलियों से ज्यादा शहरों में बैठे बौद्धिक नक्सलियों ...

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