कनाडाई PM के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे।
30 April 2024
अमेरिका में क्यों जान गंवा रहे भारतीय छात्र?
30 April 2024
क्या आरक्षण को समाप्त कर सकती है सरकार?
30 April 2024
ऐसा लगता है जैसे नीरो का पुनर्जन्म हो गया है, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के रूप में! ये मज़ाक नहीं है,क्योंकि प्रधानमंत्री ट्रूडो यूक्रेनी विदूषक ज़ेलेंस्की की तर्ज पर 'विरोधी' बनाने और सहानुभूति हासिल करने का प्रयास करने में व्यस्त हैं; हालाँकि, कोई भी वास्तव में उनके दावों को गंभीरता ...
15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे हो जाएंगे और स्वतंत्रता की इस 75वीं वर्षगांठ को भारत इस बार बहुत ही भव्य रूप में मनाने वाला है। खबरों के अनुसार, 15 अगस्त को 6 महाद्वीपों, तीन महासागरों और छह अलग-अलग समय क्षेत्रों में भारतीय नौसेना के ...
मनुवाद से आजादी, संघवाद से आजादी! न जाने ऐसी कितनी ही आज़ादी इस देश के एक तबके ने भरपेट मांगी है जिसके परिणामस्वरूप जम्मू कश्मीर अभी तक भारत से अलग-थलग बिखरा हुआ दिखाई पड़ता था। फिर आया वर्ष 2019 का वो साल जब जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़ने की कड़ी ...
कभी-कभी इतिहास बदलने के लिए एक कदम ही पर्याप्त होता है और लगता है भारतीय नौसेना ने अब वो कदम उठाने का निर्णय ले लिया है।आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस के 125 वर्ष पूरे होने के शुभ अवसर पर भारतीय नौसेना ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में घोषणा की ...
राजनीतिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा सूबा है, जहां से देश को कई बड़े नेता मिले और सबसे अधिक प्रधानमंत्री भी इसी उत्तर प्रदेश ने दिए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख़ धीरे-धीरे नज़दीक आ रही है, ऐसे में तमाम राजनितिक पार्टियां अपने-अपने चुनाव प्रचार ...
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल के अनुसार केंद्र ने किसानों के लिए 12 अंकीय विशिष्ट आईडी बनाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे इस कार्ड का उपयोग विभिन्न योजनाओं के तहत सभी कृषि संबंधी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए ...
भारत में जब-जब राष्ट्रवादियों का गुणगान होता है, तब-तब एक ख़ास वर्ग को दिक्कत होती है। हाल ही में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यान चंद्र के नाम पर कया गया तब भी लेफ्ट-लिबरल लॉबी ने इस पर ख़ूब हंगामा काटा। ऐसा ही कुछ अब एक बार दोबारा ...
दुनिया दंग है, सत्ताधीश स्तब्धI आवाम आवाक है और राष्ट्र युद्धग्रस्त I देखते ही देखते 3.8 करोड़ अफगानी बिखर गए 75000 भेड़ियों के आगे I 21वीं सदी के इतिहास मे ना तो शासन की ऐसी अराजकता देखने को मिलेगी न ही जनता की इस ऐसी भीरुता I शहर में अन्याय ...
भारत में यदि कोई विरोध होता है, तो उसकी शुरुआत तो राजनीतिक और समाजिक लाभ के उद्देश्य से होती है, लेकिन बाद में कट्टरता और अलगाववाद का रुप ले लेती है। तथाकथित किसान आंदोलन इस अराजकता का एक सटीक उदाहरण है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य तो केन्द्र द्वारा पारित ...
सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलो और अभिव्यक्ति की आजादी का सहारा लेकर उस बात को सही साबित करने के लिए कुतर्क गढ़ने लगो। आज के दौर में वामपंथी धड़े के लोगों की नीतियां ऐसी ही हैं। ये लोग देश में प्रत्येक मुद्दे पर भड़काऊ और अजीबो-गरीब बयानबाजी करते हैं ...
जैसे-जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। हमारे देश के ही लोग, जो खुद को लिबरल कहलवाना पसंद करते है, पीएम को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कमाल की बात यह है कि हमारे देश के लिबरल्स बिना सच्चाई जाने, बिना पीछे ...
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सारे ऐलान किए। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को ध्यान में रखा गया है जिसमें लेह भी शामिल है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से लेह और लद्दाख राष्ट्र की मुख्यधारा में सामने आए हैं। ...