क्यों माफ़ करें हम ‘The Quint’ को, जिसकी वजह से एक सैनिक की जान गयी?
आज 'देश के टुकड़े' चाहने वालों के समर्थक देश और सेना के विरोध में निम्न स्तर तक पहुँच गए हैं। भारत की सरकार पर सेना का भरोसा कम करने के लिये ये कभी शहीद की बेटी को आगे लाते ...
आज 'देश के टुकड़े' चाहने वालों के समर्थक देश और सेना के विरोध में निम्न स्तर तक पहुँच गए हैं। भारत की सरकार पर सेना का भरोसा कम करने के लिये ये कभी शहीद की बेटी को आगे लाते ...
पिछले वर्ष जेएनयू के वामपंथी छात्रनेता और उनके पुरे समूह ने 'भारत तेरे टुकड़े होंगे', 'कश्मीर की आज़ादी तक जंग चलेगी' जैसे देशविरोधी नारे लगाकर आतंकी 'अफज़ल गुरु' की फांसी को न्यायिक हत्या बता रहे थे। आतंकियों के समर्थन ...
संघ के वरिष्ठ मनमोहन वैद्य जी ने 'धार्मिक/जातिगत' आरक्षण को ख़त्म करने और आरक्षण की समीक्षा करके एक बयान दिया हैं। शायद अब पूरा मेनस्ट्रीम मीडिया और फेसबुक के लाल क्रांतिकारी किसी खास संगठन या पार्टी को आरक्षण/दलित विरोधी ...
वामपंथ भारत सहित पूरी दुनिया में बुरी तरह विफल रहा। मज़दूर और कृषक वर्ग के हक़ की लड़ाई के नाम पर दुनिया भर के वामपंथियों ने पुरे विश्व में खूनी क्रांति की। लेकिन यही वामपंथ, जिसकी वास्तविकता को दुनिया ...
जिस दिन से ये देश आजाद हुआ है आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों में सबसे पहला स्थान 'रोटी, कपड़ा और मकान' का ही रहा है। विभिन्न राजनैतिक पार्टियों ने इस जरुरत को सदैव भुनाया है और इसके दम ...
आजादी के 69 साल बाद भी विभिन्न आकलन एजेंसियों और हाल ही में देश की शिक्षा नीति समीति द्वारा कहा गया है कि हमारे देश में प्रदान की जा रही शिक्षा की गुणवत्ता आज भी बहुत खराब है. इसके ...
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की राजनीति में छात्र संघ महासचिव राजू कुमार साहू ने फिर से ला दिया भूचाल, वामदल के छात्रसंघ सदस्यों पर जमकर बोला हमला आप सभी की जानकारी के लिए बता दूँ कि कल हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय ...
15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ. और आज़ादी के साथ ही यह प्रश्न उठा क़ि इस बहुभाषी, विविध संस्कृति समेटे राष्ट्र की राजभाषा क्या होगी ? संविधान सभा के सदस्यों के काफी विचार-विमर्श के बाद 14 सितंबर ...
मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी माना गया हैं. नागरिकों के नैसर्गिक अधिकारों के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को संरक्षित करना, ताकि मानव के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हो सके और उनके ...
भारत छोड़ो आंदोलन : सबसे सफल आंदोलन 1857 में जो जंग-ए-आजादी शुरू हुई थी, 9 अगस्त 1942 में वह अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी थी। जिन समाजिक बिखरावों के कारण पूर्व के सभी संघर्ष असफल हो गए थे, ...
जब अपने ही लोग आप के विरूद्ध हो जाएँ तो आप वचनों द्वारा अपनी सफाई पेश कर उनका समर्थन वापिस हाँसिल नहीं कर सकते। उसका सबसे अच्छा तरीका है अपने कर्मों द्वारा जवाब देना। कुछ बातें ऐसी होती हैं ...
आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी ...
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