भारत भूख से तड़पते विश्व का पेट भरने को तैयार है
अगर कभी आप ‘अखंड भारत’ के स्वप्न की चर्चा अपने तथाकथित बुद्धिजीवी, वामपंथी मित्र के समक्ष करेंगे तो वह इसे एक कपोल कल्पना विस्तारवादी नीति के रूप में व्याख्यायित करेगा। आप में से भी कुछ लोग ऐसा ही मानते ...