'बुद्धिजीवी' के लिए खोज परिणाम

ब्राह्मण परिवार ने गरीबी के कारण खुदकुशी कर ली, ब्राह्मणों को ‘अत्याचारी’ बताने वालों शर्म करो

सच से मुंह मोड़ लेना उसे स्वीकार करने से ज्यादा आसान होता है। बिल्कुल यही हमारे देश में हो रहा है। हिंदुस्तान में आज हर बुरी चीज के लिए ब्राह्मणों को दोषी ठहराया जाता है। जातिवाद के लिए सबसे ...

शिंजो आबे के पूर्व सलाहकार की घोषणा, भारत के कंधों पर ही टिका है QUAD

भारत QUAD की केंद्रीय शक्ति है। यह हम नहीं, QUAD के विचार के जनक शिंजो आबे के मुख्य सलाहकार का कहना है। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के मंत्रिमंडल में मुख्य सलाहकार रहे तोमोहिको तानिगुचि ने यह बात ...

महिलाओं के परिधानों में ‘जेब’ नहीं होने के पीछे बहुत हद तक जिम्मेदार हैं सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारण

कल मुझे थोड़ी ही दूर पर मार्केट जाना था, मैंने सोचा कि जेब में कुछ पैसे, मोबाइल फोन और रूमाल रखकर चली जाऊं, अब हर जगह पर्स ले जाने की भी क्या ही आवश्यकता है। पर जब मैंने अपनी ...

नवाजुद्दीन सिद्दीकी: ऊंची दुकान फीका पकवान

“बाप का, भाई का, दादा का, सबका बदला लेगा रे तेरा ये फैज़ल…” गैंग्स ऑफ वासेपुर-2 फिल्म का ये डायलॉग अगर आपने कभी नहीं सुना है और नहीं देखा है या फिर कभी दोहराया नहीं है तो सच मानिए ...

हम देखेंगे – एक हिन्दू विरोधी, इस्लामपरस्त गीत जिसे भारत अब जाकर समझने लगा है

'हम देखेंगे, लाज़िम है कि हम भी देखेंगे’, फ़ैज अहमद फ़ैज की इस पंक्ति को आपने देश के कई हिस्सों और तमाम विरोध प्रदर्शनों में अवश्य सुना होगा। वामपंथियों के मुलाजिम और इस गीत से दिग्भ्रमित हुए देश के ...

वामपंथी इकोसिस्टम के लिए ‘चिंताजनक’ नहीं है हैदराबाद हत्याकांड

वामपंथी, छद्म बुद्धिजीवी तथाकथित उदारवादी सोंच किसी को भी खोखला कर सकती है, चाहे वो कोई व्यक्ति हो या फिर संस्थान. लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया में ऐसे लोगो की संख्या बहुतायत है. इन शब्दों के आगे लगे विशेषण ...

एक राम राज्य ऐसा भी- जानें गौड़ शासक शशांक के शासन में कैसा था बंगाल

भारत का स्वर्णयुग था प्राचीन इतिहास – जहां भारत की माटी भी स्वर्ण समान थी। मौर्य काल से होते हुए भारत गुप्त साम्राज्य की ओर बढ़ा, जहां शौर्य, वैभव, शास्त्र, किसी वस्तु की कमी नहीं थी। जब गुप्त साम्राज्य ...

‘क्रिकेट का मक्का’ कहा जाने वाला लॉर्ड्स अब वास्तव में ‘मक्का’ बन गया है

विश्व क्रिकेट के इतिहास में लॉर्ड्स मैदान के गौरवशाली परंपरा से सभी परिचित हैं। लॉर्ड्स का मैदान हमेशा से अपनी गौरवशाली और विराट क्रिकेट संस्कृति के लिए जाना जाता है शायद इसीलिए इसे क्रिकेट के मक्का के नाम से ...

निचली जाति के ईसाई, दलित सिख और निचली जाति के मुस्लिम: जानें गैर हिंदू धर्मों में क्या है जाति व्यवस्था का हाल

सनातन सार्वभौम है। सनातन एकमेव सत्य है। यह केवल मानव मात्र नहीं किंतु संपूर्ण सृष्टि और प्राणी मात्र के उत्कृष्ट अस्तित्व का सार्थक विज्ञान है। शायद इसीलिए एक सच्चा सनातनी होने के नाते आपको इसे मानने के बजाय अंगीकार ...

मस्जिदों के अंदर दबी हिंदुओं की विरासत को दुनिया के सामने लाने की है आवश्यकता

भारत में इस्लामवादी आक्रांताओं ने सैंकड़ों वर्षों तक हिन्दुओं की संस्कृति और विरासत को चोट पहुंचाया। मुग़ल काल में हिन्दुओं के मंदिर अथवा धार्मिक स्थानों को क्षतिग्रस्त किया गया और कई मंदिरों को तोड़कर वहां मस्जिद का निर्माण करा ...

मिलिए भारत के असली फासीवादियों से, जिन्होंने लोकतंत्र के विध्वंस का बेड़ा उठाया है!

चाहे भारतीय मीडिया हो या फिर वैश्विक मीडिया द्वारा नरेंद्र मोदी को तानाशाह कहने की परंपरा लगभग 25 वर्ष पहले से चली आ रही है। पहले वो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रचारक थे, इसलिए उन्हें तानाशाह कहा गया। देश ...

CJI रमन्ना को संस्कृत के मंत्रों को संदर्भित करने की आवश्यकता ही नहीं थी

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने हाल ही में कहा है कि आम लोग न्यायालयों में प्रयोग होने वाली भाषा को आसानी से नहीं समझ पाते। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार लोग मंत्र का अर्थ नहीं ...

पृष्ठ 8 of 30 1 7 8 9 30

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team