'नरेंद्र मोदी ' के लिए खोज परिणाम

COVID 19 के लिए भारत का इंट्रानेजल वैक्सीन पथ प्रदर्शक है

भारत जिसे विकासशील देश कहा जाता है वहीं भारत एक क्षेत्र में पूर्ण रूप से विकसित होने की ओर अग्रसर है। वो क्षेत्र है “औषधीय” जिसने कोरोनाकाल में भारत को नया आयाम दिया है। एक समय था जब बड़ी ...

क्या ‘लीग ऑफ नेशंस 2.0’ बनने की कगार पर पहुंच गया है संयुक्त राष्ट्र ?

'संयुक्त राष्ट्र संघ', नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह सभी देशों का एक अंतरराष्ट्रीय समूह है। इसका मुख्य उद्देश्य युद्धों को रोकना और विश्व में शांति, समृद्धि, एकता और मानव विकास के संदेश को बढ़ावा देना है। ...

महिला को धमकाने वाले भाजपा विधायक अरुण लिंबावली पर होना चाहिए एक्शन

सत्ता का दुरपयोग और अपने पद की हनक किसी को भी आपराधिक श्रेणी में ला सकती है और 'अपराधी' किसी दल के नहीं होते क्योंकि असल में खोट इनके दिल में होती है। इनकी गलतियों का खामियाजा राजनीतिक दलों ...

नीतीश के पास एक मास्टरप्लान है अपने विरोधियों को “चारों खाने चित्त करने का”

देखो भई, अपने नीतीश कुमार जैसे भी हो, उनके राजनीतिक जीवटता पर आप संदेह नहीं कर सकते। परिणाम जैसा भी हो, लोग चाहे जैसे भी हो, ये तब तक शांत नहीं बैठते जब तक इन्हें सत्ता प्राप्त नहीं हो ...

Commercial Drones के लिए बहुत बड़ा बाजार है भारत, लेकिन दुख है कि कोई execution नहीं

भारत न केवल विकास के क्रम में स्वयं को बेहतर बना रहा है अपितु नवीन तकनीक को लेकर भी उसकी महत्वाकांक्षाएं काफ़ी बड़ी हैं। वह जेनेटिक इंजिनीयरिंग, आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स, स्पेस स्टेशन के साथ ही ड्रोन के क्षेत्र में भी ...

घूसखोरी और धोखाधड़ी जैसे संगीन अपराधों के बावजूद तीस्ता सीतलवाड़ को ‘विशेषाधिकार’ क्यों?

देश में समाजसेवा के नाम पर चल रहे NGO असल में एजेंडा चलाने से लेकर देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते रहे हैं। NGO कुछ राजनीतिक दलों के लिए सहायक बनकर उनका एजेंडा जनता के सामने परोसते रहते हैं ...

साम्यवादी, इस्लामी, रूपांतरण माफिया प्रभावित केरल में केवल आदि शंकराचार्य ही हिंदू धर्म की समीक्षा कर सकते हैं

हाल ही में केरल यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण स्थलों की यात्रा की। बृहस्पतिवार को ही उन्होंने ‘आदि शंकर जन्म भूमि क्षेत्रम’ में प्रार्थना की जो केरल के एर्णाकुलम जिला में स्थित कलाडी गांव में ...

नौसेना का नया प्रतीक चिह्न क्यों छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतीक चिह्न पर आधारित है

भारतीय विरासत गौरवशाली इतिहास से भरी पड़ी है। ऐसे कई योद्धा हुए, जिन्होंने एक नहीं कई बार अपनी वीरता का लोहा मनवाया है परंतु अपने योद्धाओं को उचित सम्मान देने की जगह आज भी हम कई क्षेत्रों में अंग्रेजों ...

भारतीय नौसेना का नया चिह्न: उपनिवेशवाद से मुक्ति की दिशा में एक और कदम

अंग्रेजों के चुंगल से आजादी मिले हमें 75 साल हो चुके हैं। हाल ही में भारत ने पूरे उत्साह के साथ अमृत महोत्सव मनाया था परंतु अभी भी ऐसी कई चीजें है जो ब्रिटिशों के हिसाब से ही चलती ...

‘कपटी’ चीन को इराक में दफन करने के लिए कमर कस चुका है भारत

पूरी दुनिया की नाक में दम करने वाला कपटी चीन अपनी धूर्तता से बाज नहीं आ रहा है। श्रीलंका को तबाह और पाकिस्तान जैसे देशों को बर्बादी की कगार पर लाने वाले ड्रैगन की नजर अब एक अन्य देश ...

ब्रिटिश युग के कानूनों में बदलावों को लेकर क्या है प्लानिंग, अमित शाह ने बताया

जैसे संशोधनों के साथ क़ानून के प्रावधान बदलने का अधिकार है। वैसे ही समय के अनुसार कौन सा कानून वर्तमान परिस्थिति में देश से मेल नहीं खाता उसे बदलना बेहद आवश्यक हो जाता है। इसी क्रम में भारत सरकार ...

वाशिंगटन पोस्ट के स्वामित्व वाले जेफ बेजोस भारत में मीडिया के स्वामित्व को लेकर घोर चिंता में हैं

आग लगी भी नहीं और धुआं उठ गया। कुछ ऐसा ही हाल इस समय वामपंथी मीडिया समूहों का है जब से उन्होंने यह सुना है कि NDTV अब अडानी का होने को है। यह स्थिति तब ऐसी है जब ...

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