भारतीय संविधान की प्रस्तावना से “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” को हटाने का यह सही समय है
एक सरकारी विज्ञापन में संविधान के प्रस्तावना पाठ को 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्दों के बिना चित्रित करने से विवाद खड़ा हो गया है। ...
एक सरकारी विज्ञापन में संविधान के प्रस्तावना पाठ को 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्दों के बिना चित्रित करने से विवाद खड़ा हो गया है। ...
भारत वैसे तो एक लोकतान्त्रिक और धर्म निरपेक्ष है, लेकिन दुर्भाग्यवश यहां की राजनीतिक पार्टियां अपनी राजनीति चमकाने के लिए धर्म का सहारा ...
देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें सेक्युलर याने धर्मनिरपेक्ष का ठप्पा लगाने का चस्का चढ़ा हुआ है। कुछ तो इतने खतरनाक ...
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