Tag: पितृसत्तात्मक समाज

हिंदू पत्नियां सलाहकार और मार्गदर्शिका होती थीं फिर ‘मुगल’ आ गए

कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा। धर्मानुकूला क्षमया धरित्री भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा।। अर्थात कार्य के संदर्भ में मंत्री, गृहकार्य में ...

महिलाओं के परिधानों में ‘जेब’ नहीं होने के पीछे बहुत हद तक जिम्मेदार हैं सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारण

कल मुझे थोड़ी ही दूर पर मार्केट जाना था, मैंने सोचा कि जेब में कुछ पैसे, मोबाइल फोन और रूमाल रखकर चली जाऊं, ...