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“वो साक्षात् गंधर्वों की भांति गाते थे”, पंडित भीमसेन जोशी की कहानी

अगर आप पुराने दूरदर्शन के प्रशंसक हैं तो आपने “मिले सुर मेरा तुम्हारा” अवश्य सुना होगा। लगभग हर राष्ट्रीय पर्व को प्रसारित होने ...