हजारों करोड़ रुपयों की इंडस्ट्री, पिछड़ी जातियों को मिलता है रोजगार: दीवाली के पटाखों को गाली, न्यू ईयर पर चुप्पी
पटाखा, पटाखा पटाखा... कौन सा पटाखा? दीवाली वाला। क्योंकि, कुछ लोगों की नज़र में क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक के जो पटाखे ...
पटाखा, पटाखा पटाखा... कौन सा पटाखा? दीवाली वाला। क्योंकि, कुछ लोगों की नज़र में क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक के जो पटाखे ...
सर्वप्रथम ये दीपावली पर टूट पड़े, क्योंकि इनके लिए लोगों का पटाखा छुड़ाना किसी अक्षम्य अपराध से कम न था! फिर ये पृथ्वी ...
कभी सोचा है कि मुंगेर, मोदीनगर और शिवकाशी में क्या समान बात है? ये तीनों शहर अपने इतिहास में एक समान सूत्र साझा ...
©2024 TFI Media Private Limited