TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    'साबित करो कि वे रोहिंग्या हैं': बीजेपी शासित राज्यों में 'बंगाली' मजदूरों को हिरासत में लेने पर भड़कीं ममता बनर्जी

    ममता बनर्जी ने फिर अवैध रोहिंग्याओं का बचाव किया, घुसपैठियों पर भाजपा की कार्रवाई पर सवाल उठाए

    मध्य प्रदेश के खरगोन में एआईएमआईएम की एकमात्र हिंदू पार्षद ने छोड़ दी पार्टी

    आखिर ऐसा क्या हुआ कि मध्य प्रदेश में AIMIM की एकमात्र हिंदू पार्षद ने छोड़ दी पार्टी

    पंजाब में आप का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार

    पंजाब में AAP का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ बन सकता है हथियार

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल (Photo: U.S. Marine Corps)

    अमेरिकी एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल को भारत में बनाने की तैयारी, दुश्मन देश के टैंकों के लिए है काल

    पहलगाम हमला: भागते समय आतंकवादियों ने की हवाई फायरिंग, जानिए ISI ने क्यों किया ऐसा

    पहलगाम हमला: भागते समय आतंकवादियों ने की थी हवाई फायरिंग, जानिए ISI के नए मॉडयूल के बारे में

    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट 'विष्णु', तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट ‘विष्णु’, तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भिखारियों पर टिप्पणी के बाद इस देश की मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा, जानें पूरा मामला

    भिखारियों पर टिप्पणी के बाद इस देश की मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा, जानें पूरा मामला

    कैसे बचेगी निमिषा प्रिया, क्या है अल्लाह का किसास कानून? यमन में जिसकी हो रही मांग, जानें पूरा मामला

    कैसे बचेगी निमिषा प्रिया, क्या है अल्लाह का किसास कानून? यमन में जिसकी हो रही मांग, जानें पूरा मामला

    करेंसी पर मंदिर देख तिलमिलाए इस्लामिक कट्टरपंथी, बांग्लादेश में 20 टके के नोट का बहिष्कार शुरू

    करेंसी पर मंदिर देख तिलमिलाए इस्लामिक कट्टरपंथी, बांग्लादेश में 20 टके के नोट का बहिष्कार शुरू

    कनाडा-आईएसआई-चीन नार्को-आतंकवादी गठजोड़ का खुलासा, खुफिया सूत्रों ने वैश्विक खतरे की ओर इशारा किया

    कनाडा-आईएसआई-चीन नार्को-आतंकवादी गठजोड़ का खुलासा, खुफिया सूत्रों का इशारा वैश्विक खतरे की ओर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    'साबित करो कि वे रोहिंग्या हैं': बीजेपी शासित राज्यों में 'बंगाली' मजदूरों को हिरासत में लेने पर भड़कीं ममता बनर्जी

    ममता बनर्जी ने फिर अवैध रोहिंग्याओं का बचाव किया, घुसपैठियों पर भाजपा की कार्रवाई पर सवाल उठाए

    मध्य प्रदेश के खरगोन में एआईएमआईएम की एकमात्र हिंदू पार्षद ने छोड़ दी पार्टी

    आखिर ऐसा क्या हुआ कि मध्य प्रदेश में AIMIM की एकमात्र हिंदू पार्षद ने छोड़ दी पार्टी

    पंजाब में आप का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार

    पंजाब में AAP का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ बन सकता है हथियार

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    बिहार के बाद अब बंगाल और दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल (Photo: U.S. Marine Corps)

    अमेरिकी एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल को भारत में बनाने की तैयारी, दुश्मन देश के टैंकों के लिए है काल

    पहलगाम हमला: भागते समय आतंकवादियों ने की हवाई फायरिंग, जानिए ISI ने क्यों किया ऐसा

    पहलगाम हमला: भागते समय आतंकवादियों ने की थी हवाई फायरिंग, जानिए ISI के नए मॉडयूल के बारे में

    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट 'विष्णु', तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    पाकिस्तान और चीन के लिए काल बनेगा भारत का प्रोजेक्ट ‘विष्णु’, तीन देशों के पास ही ऐसी तकनीक

    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भिखारियों पर टिप्पणी के बाद इस देश की मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा, जानें पूरा मामला

    भिखारियों पर टिप्पणी के बाद इस देश की मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा, जानें पूरा मामला

    कैसे बचेगी निमिषा प्रिया, क्या है अल्लाह का किसास कानून? यमन में जिसकी हो रही मांग, जानें पूरा मामला

    कैसे बचेगी निमिषा प्रिया, क्या है अल्लाह का किसास कानून? यमन में जिसकी हो रही मांग, जानें पूरा मामला

    करेंसी पर मंदिर देख तिलमिलाए इस्लामिक कट्टरपंथी, बांग्लादेश में 20 टके के नोट का बहिष्कार शुरू

    करेंसी पर मंदिर देख तिलमिलाए इस्लामिक कट्टरपंथी, बांग्लादेश में 20 टके के नोट का बहिष्कार शुरू

    कनाडा-आईएसआई-चीन नार्को-आतंकवादी गठजोड़ का खुलासा, खुफिया सूत्रों ने वैश्विक खतरे की ओर इशारा किया

    कनाडा-आईएसआई-चीन नार्को-आतंकवादी गठजोड़ का खुलासा, खुफिया सूत्रों का इशारा वैश्विक खतरे की ओर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

यही वो क्षण था जब नितीश जी ने सोचा, महागठबंधन की ऐसी-की-तैसी, मैं चला एनडीए

Kannan द्वारा Kannan
31 July 2017
in मत
नितीश कुमार
Share on FacebookShare on X

तो आखिरकार एक संक्षिप्त समय के अलगाव के बाद ‘सुशासन बाबू और सुशील मोदी’ की जोड़ी एक बार फिर से साथ आ गयी। बड़े दुख की बात है की लालू एक ‘बेचारा’ बन गए हैं, क्योंकि बिहार का सारा ‘चारा’ निपटाने के बाद इनके पास कोई ‘चारा’ नहीं बचा है। अब इन्हे कौन बताए की बिहारी राजनीति का पुनर्निर्माण तो निश्चिंत था, खासकर तब से जब से नितीश बाबू ने उस विमुद्रीकरण का समर्थन किया, जिसकी बाकी विपक्ष ने तबीयत से धुलाई की थी।

बिहार में वर्तमान परस्थितियों पर टिप्पणी करते हुये राहुल गांधी ने सारा दोष नितीश कुमार पर मढ़ते हुये कहा  ‘ये सत्ता के लिए कुछ भी कर देते हैं। हमें इसके बारे में तीन चार महीने से पहले जानकारी थी’। क्या कहा भाई इनहोने? वैसे उसे अलग रखे, तो पहला वाक्य कोई नई बात नहीं है। राहुल बाबा से आप सहमत हो या नहीं, पर ये बयान एक कटु सत्य है, और यही तो लालू और राहुल ने किया नितीश बाबू के साथ, जो इससे पहले 17 साल से भाजपा के विश्वसनीय सहयोगी थे। नितीश बाबू ने भी यही गलती की थी, जब उन्होने अपने कट्टर दुश्मनों – लालू यादव और काँग्रेस से हाथ मिलाया, जो सत्तासीन भ्रष्टाचार के जीती जागती प्रतिमूर्ति थे।

संबंधितपोस्ट

नीतीश कुमार बिल्कुल नहीं चाहते कि उन्हें इज्जत से रिटायरमेंट मिले!

जुलाई 2022 तक जा सकती हैं CM नीतीश कुमार की कुर्सी

जिस पुरोधा को कभी उनका हक नहीं मिला, उन पर अब अमित शाह का है ध्यान

और लोड करें

तो इससे क्या साबित होता है? नितीश कुमार एक निहायत अवसरवादी है, जो किसी से भी हाथ मिला सकते हैं, ताकि बिहार में उनकी सत्ता बरकरार रहे। और जब इनहोने एनडीए छोड़ी थी, तो इनहोने सिद्धांतों की बकैती बाँची थी। और जब इनहोने इस महागठबंधन का दामन छोड़ा, तब भी इनहोने इन्ही सिद्धांतों को याद किया। तो आखिर इनके सिद्धान्त हैं क्या? क्या इनके पास ऐसा कुछ भी है?

जम्मू कश्मीर भाजपा पीडीपी के गठबंधन और पश्चिम बंगाल में काँग्रेस सीपीएम गठबंधन की तरह लालू / काँग्रेस और नितीश के बीच इस महागठबंधन का भी कोई औचित्य नहीं था। नितीश और भाजपा के बीच के रिश्ते काफी मजबूत थे, जिनहे ऐसी छोटी बातों पर नहीं तोड़ना चाहिए। जेडीयू के पास 118 और भाजपा के पास 91 विधायक थे पिछले विधान सभा चुनावों के लिए। इस गठबंधन के टूटने के बाद वर्तमान विधान सभा में सबसे बड़ी पार्टी, यानि राष्ट्रीय जनता दल के पास केवल 80 सीटें थी। इससे पता चलता है की भाजपा जेडीयू गठबंधन में बिहारियों को कितना विश्वास था, जिसे नितीश कुमार ने तोड़ दिया था। बाद में इन्हे लालू और उनके बेटों का चापलूस बनना पड़ा।

तो नितीश कुमार ने पहले क्यों गठबंधन छोड़ी थी और अब क्यों अपनी नयी गठबंधन से पीछा छुड़ाया, ये अपने आप में एक रोचक मुद्दा है।

ये तो सर्वविदित है की अटल बिहारी वाजपयी को एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री जॉर्ज फेर्णेंडिस पर पूरा विश्वास था। किसी भी राजनेता को पता तक नहीं चला जब जॉर्ज ने पोखरण में दूसरा परमाणु परीक्षण करवाया था। खुद आडवाणी जी को इस बारे में बहुत देर से पता चला था। वाजपयी के सरकार के कार्यकाल में फेर्णेंडिस और आडवाणी के कामों से आडवाणी के छवि की असलियत धीरे धीरे सबके सामने आती चली गयी। जहां रक्षा मंत्रालय फेर्णेंडिस के अंदर कार्गिल की विजय से कोल्ड स्टार्ट विधि के निर्माण की तरफ अग्रसर था, गृह मंत्रालय तो जनता के अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पायी। राजनैतिक बदला लेने के लिए आडवाणी ने समता पार्टी के तौर पे नितीश कुमार जैसे नेताओं की दूसरी पीढ़ी को दीक्षा देनी शुरू कर दी, जिनहे उन्होने काफी समय तक राजनीति की शिक्षा दीक्षा दी थी। कैसे नितीश ने जॉर्ज फेर्णेंडिस के साथ बर्ताव किया था, वो भी आलोचनाओं से नहीं बच पाया था।

जब आरएसएस ने लगातार दो चुनाव हारने के बाद आडवाणी को समर्थन देना बंद किया, और नए पर विवादास्पद चेहरे नरेंद्र मोदी को समर्थन देने की बात की, तो भाजपा में काफी गहमा गहमी हुई इस मुद्दे पर। काँग्रेस होती तो आडवाणी भाजपा से बाहर आ कर अपना अलग गुट बनाते, पर वे अपने गुरु आरएसएस को धोखा नहीं दे सकते थे, और एक वफादार सिपाही बने रहे। पर इसी गुत्थम गुत्थी में आडवाणी ने नितीश बाबू को नरेंद्र मोदी से भिड़ने के लिए खुला छोड़ दिया। प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने से पहले मोदी को कई आंतरिक शत्रुओं से भिड़ना पड़ा था। अगर बाल ठाकरे सुषमा स्वराज को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते थे, तो एक पुराने मित्र प्रकाश सिंह बादल आडवाणी को सामने लाना चाहते थे और वैसे ही नितीश कुमार भी चाहते थे।

पर दोनों शिव सेना और शिरोमणि अकाली दल के पास थोड़ी अकल थी और किसी भी उम्मीदवार के प्रति ज़्यादा सहानुभूति नहीं रखते थे। पर आडवाणी की वफादारी से अभिभूत और मोदी को हल्के में लेने की भूल करते हुये नितीश कुमार ने तब तक इस गठबंधन के धागे खींचे जब तक वे टूट नहीं गए। जब मोदी प्रधानमंत्री बने, तब नितीश कुमार को अपनी गलती समझ में आई, पर तब तक बहुत देर चुकी हो चुकी थी। आडवाणी अब हाशिये पर जा रहे थे और नितीश को अपने आत्म सम्मान को दबाकर लालू से हाथ जोड़ना पड़ा। एक राजनैतिक रूप से फायदेमंद विचार को अमल में लाते हुये प्रशांत किशोर ने अब बिखरे महागठबंधन की स्थापना की।

चुनाव के दौरान भाजपा ने सिर्फ एक सवाल उठाया, ‘जंगल राज के राजा लालू के साथ नितीश ने हाथ क्यों मिलाया? पर उनकी आशाओं के विपरीत महागठबंधन ने सत्ता पर अपना कब्जा जमा लिया था। इसी के साथ नितीश कुमार की मुसीबतें भी शुरू हुयी। वो पहले ही सुशील मोदी और अन्य भाजपाई मंत्रियों से मिलते सहयोग की कमी महसूस करने लगे, जिनहोने बिहार को जंगल राज से बाहर लाने में थोड़ी मदद की।  निस्संदेह ‘विकास पाठ’ के नाम पर जेडीयू के वोट आरजेडी और काँग्रेस को मिले, पर उनका समर्थन इन्हे वापस नहीं मिला। और फिर ये हुआ की सीएम का चेहरा होने के बावजूद नितीश बाबू की पार्टी आरजेडी से कम सीटें जीत पायीं थी, और लालू के चेहरे पे खुशी सब कुछ बयां करती थी। फिर बिहार का पतन शुरू हुआ, और लालू के अनपढ़ बेटों को कैबिनेट का एक अहम हिस्सा बनाया, जिनमें जो बेहतर था, उसे नितीश कुमार के नीचे उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया।

जब से इनहोने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी 2015 में, तबसे इनके सिर पे तलवार सी लटकी हुयी थी। भाजपा की तुलना में लालू का बिहार के बाहर कोई दृष्टि नहीं, कोई सोच नहीं। उनकी सारी जुगत इसी बात में लगी थी की पैसा कैसे बनाए, कैसे अपनी जीत सुनिश्चित करे और अपने बच्चों को बिहार की सत्ता विरासत में दे। सरकार बनने के दो हफ्ते बाद ही नितीश को 2017 में कुर्सी से हटाकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बातें बाज़ार में गरम चल रही थी। एक ही साल में नितीश बाबू समझ गए की वो किस दलदल में फंसे हुये हैं। उनके हाथों से समय रेत की तरह फिसल रहा था, जिससे उन्हे अब अपने समाधान के बारे में जल्दी से सोचना था।

यही वो समय था जब नितीश बाबू ने निर्णय लिया की बस अब बहुत हुआ, मैं एनडीए वापस जा रहा हूँ। इसीलिए उन्होने 2016 के अंत में हुये विमुद्रीकरण को अपना समर्थन दिया। अमित शाह ने इसे तुरंत भाँप लिया और इसे अंजाम तक ले गए।

जब लालू और फ़ैमिली भ्रष्टाचार के रसातल में खिसकने लगी, नितीश बाबू भी धीरे धीरे नीचे ही जा रहे थे। बीजेपी की उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत इस बात का साफ संकेत था  की नितीश बाबू के प्रधानमंत्री बनने के सपने अब सिर्फ सपने ही रहेंगे। तो अपनी गलतियाँ सुधारते हुये और ‘सुशासन बाबू’ की छवि बरकरार रखने के लिए इनहोने आरजेडी को लतियाते हुये एक जल्दबाज़ी में लिए गए फैसले में भाजपा का दामन थाम लिया।

अब रोते रहें लालू और उनके बेटे इनकी अवसरवादी प्रवृत्ति पर। पर जिस तरह काँग्रेस और आरजेडी का इतिहास रहा, तो अब लोग इनके सिद्धान्त और उसूलों पर भाषण और विरुदावली तो कतई नहीं सुनेंगे।

न्यायपालिका से अपने पिछले हिसाबों को याद रखते हुये इस बार भाजपा पूरी तरह तैयार थी और सदन के विशेष सत्र में 28 जुलाई को विश्वास मत कराया, जिससे लालू यादव के सूप्रीम कोर्ट जाने के मंसूबों पर पानी फिर गया। लोग चाहे कुछ भी कहें, पर सूप्रीम कोर्ट सदन में एक विश्वास मत को कतई नहीं रोकेगी, क्योंकि यह लोकतन्त्र में अपना बहुमत साबित करने का एक पवित्र अवसर होता है। नितीश कुमार को अपने विधायकों में विश्वास की दरकार थी, और अगर ज़्यादा वक़्त मिलता तो लालू यादव इन्हे अपने वश में करने का एक भी अवसर नहीं जाने देते।

अब चूंकि इनहोने विश्वास मत तो जीत ही लिया है, इसलिए हम आशा करते है की यह दूरगामी सोच को बढ़ावा देते हुये भाजपा के साथ बने रहेंगे, ताकि उनका राज्य दोबारा से जंगल राज न बन जाये।

Tags: नितीश कुमारबिहार राजनीती
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

राहुल गांधी के हिन्दू-विरोधी स्वर, विकिलीक्स ने खोली पोल

अगली पोस्ट

बाकी रिव्यु पढ़ लिए? अब पढ़िए इन्दु सरकार सरकार फिल्म की निष्पक्ष समीक्षा

संबंधित पोस्ट

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?
मत

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?

14 July 2025

भारत की सभ्यतागत या सांस्कृतिक विरासत के विशाल सागर में कुछ ग्रंथ ही ऐसे हैं जो ‘मनुस्मृति’ जितना उत्साह, विवाद और भ्रम उत्पन्न करते हैं।...

बॉलीवुड द्वारा ‘नारी चित्रण’ सामाजिक पतन का कारण बन रहा है
मत

बॉलीवुड द्वारा ‘नारी चित्रण’ सामाजिक पतन का कारण बन रहा है

12 July 2025

हिंदी फिल्म उद्योग, जिसे आमतौर पर बॉलीवुड कहा जाता है, भारत में हर वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित करता है। यह न केवल मनोरंजन का...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Butcher of Pahalgam: Sulaiman — Trained by ISI, Pakistan’s Commando-Turned-Terrorist

The Butcher of Pahalgam: Sulaiman — Trained by ISI, Pakistan’s Commando-Turned-Terrorist

00:04:13

Congress’s Rohith Vemula Bill: Caste Polarization Masquerading as Reform

00:07:33

Bhima Koregaon Won’t Be Repeated; Maharashtra’s Special Act to Wipe Out Urban Naxals.

00:06:06

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

00:07:47

How UPI went global? Why Namibia Adopted It?

00:07:20
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited