क्या जेएनयू के बाद पटना में भी देशविरोधी नारे लगाए गए? क्या राजधानी के अशोक राजपथ पर शुक्रवार अपराह्न जाकिर नाईक व असदुद्दीन ओवैसी के समर्थन में निकाले गए जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए? ये सवाल कल पटना में चर्चा में था।
जिस चीज़ की कल्पना शायद ही पटना के किसी बाशिंदे ने की हो जेएनयू कि तरह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे पटना में भी लगेंगे, वह भी कारगिल चौक पर, वह कारगिल चौक जो 99 के भारत-पाक युद्ध स्मारक के रूप में बनाया गया था। क्या बोलने की आजादी का मतलब यही है भाई, अपने देश में दूसरे देश का नारा लगाइये।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया की ओर से डॉ जाकिर नाइक और ओवैसी के समर्थन में कारगिल चौक पर मार्च निकाल कर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए। इसी दौरान वह बिहार पुलिस के जवान भी मौजूद थे लेकिन सिर्फ दर्शक बन कर। पटना में शुक्रवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी व मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक के समर्थन में जुलूस निकाला। संगठन ने जाकिर नाईक के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में पटना साइंस कॉलेज से कारगिल चौक तक एक जुलूस निकाला।
जुलूस में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों ने पाकिस्तान जिंदाबाद तथा अन्य देश विरोधी नारे भी लगाए। विदित हो कि इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक का नाम बांग्लादेश में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद से विवादों में है। आंतकियों को उससे प्रेरणा मिलने की बात सामने आई है। जाकिर नाइक का बिहार कनेक्शन भी रहा है। उसने कुछ साल पहले किशनगंज में विशाल जनसभा की थी, जिसमें करीब 10 लाख लोग जुटे थे। बीते दिनों के पटना व गया बम ब्लास्ट के आतंकियों के पास से जाकिर नाइक की पुस्तकें मिली थीं।अल्पसंख्यक नेता असदुद्दीन ओवैसी भी अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं।
बिहार की राजधानी पटना में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी रैली या प्रदर्शन में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए हैं।
मीडिया द्वारा इस बाबत पूछे जाने पर डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि जुलूस में जाकिर नाईक के समर्थन में नारे लगाए गए, लेकिन कोई देशविरोधी नारा नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि जुलूस की वीडियो रिकार्डिंग की जांच की जा रही है। हालांकि प्रत्यक्षदर्शी इस बात को सत्य बता रहे हैं। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने त्वरित करवाई करते हुए घटना कि फुटेज को जाँच के लिए दिल्ली भेज दिया है।
अब कन्हैया कुमार तो बिहार कि बदनामी पहले ही करवा चुका है और आज पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने रही-सही इज्जत मिट्टी में मिला दी। मैं अच्छे से जनता हूँ कि इस मामले पे काफी ड्रामा होगा, और नितीश कुमार जैसे सेक्युलर नेता मामले को दबाने का हरसंभव प्रयास करेंगे परन्तु उनसे सिर्फ इतना ही सवाल है कि क्या वो सत्ता के नशे में इतने अंधे हो गए हैं कि सही और गलत का फर्क भूल चुके हैं। आपकी अल्पसंख्यक राजनीति अलग चीज़ है और देशविरोधी नारे अलग चीज़ होते हैं। एक बिहारी होने के नाते मुझे अपने मुख्यमंत्री से यही उम्मीद रहेगी की वो मामले की जाँच करके बिहारी अस्मिता कि रक्षा करेगा।