TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भारतस्य इस्लामः? क्या मुस्लिम महिलाओं का ऐसा एक वर्ग हो सकता है जिसने फूल पर बटन दबाया हो?

viveksharma द्वारा viveksharma
14 March 2017
in मत
मुस्लिम भाजपा
Share on FacebookShare on X

वैधानिक चेतावनी – यह लेख एक काल्पनिक किन्तु प्रायिक परिस्थिति को विवेचना एक विशेष दृष्टि से करने के लिए लिखा जा रहा है। इतने कमज़ोर विपक्ष में भाजपा के लिए नई चुनौती बाहरी राजनैतिक नहीं है। और न ही मोदी जी के नेतृत्व में कहीं से कहीं तक आंतरिक कलह की है। ये चुनौती पूर्णरूपेण वैचारिक है, आदर्शों की है।

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों के नतीजे सामने हैं। और विश्लेषण शुरू हो चूका है। जीत प्रचंड है। पर ये जीत एक अनोखा असमंजस ले कर आयी है। एक थ्योरी के अनुसार इस जीत ने भाजपा की नयी चुनावी कांस्टिटुएंसी खोली है। बिना किसी चूं चैं के ये माना जा रहा है की गैर जाटव दलित और गैर यादव पिछड़ा खुल के भाजपा के साथ आया है। भाजपा के आदर्शों में इस वर्ग के लिए पहले से ही जगह है। तो फिर चुनौती कहाँ है? चुनौती बुरखे के अंदर से झांकती आँखों में है।

संबंधितपोस्ट

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

और लोड करें

यदि….

चुनाव के नतीजे आते आते दो चुटकुले मशहूर हुए। एक “अब्दुल सोता रह गया और रेशमा चुपके से फूल का बटन दबा आयी” और एक कार्टून जिसमें हिजाब पहने एक मुस्लिम लड़की वोटिंग मशीन के सामने खड़ी है। वोटिंग मशीन पर कांग्रेस, सपा और बसपा के सामने लिखा है, तलाक़, तलाक़, तलाक़। पर मजाक मजाक में ये चुटकुले गंभीर विषय छेड़ गए हैं। क्या ट्रिपल तलाक़ के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में मोदी सरकार ने जो विचार दिया है उसने मुस्लिम महिलाओं की दुखती रग को छुआ है? और यदि छुआ भी है तो क्या छोटे ही सही पर मुसलमानों के एक वर्ग ने भाजपा को वोट दिया है? प्रश्न अजीब है और व्यावहारिक राजनीति इसका सकारात्मक उत्तर नहीं देती। मुझे खुद भी शक़ है। पर कई आँकड़े संदिग्ध हैं।

134 मुस्लिम बाहुल्य सीटों में से 101 पर भाजपा को जीत मिली है। और कई न्यूज़रूम्स में इस पर चर्चा शुरू हो गई है। पर हिन्दू शुभचिंतक इस सम्भावना को सिरे से ख़ारिज करते हुए नज़र आ रहे हैं। तर्क़ ये है कि ये जीतें ऐसी सीटों पर हिंदुओं के एकजुट होने, और विरोधियों के द्वारा कई मुस्लिम उम्मीदवार खड़े करने की गलती से मिली हैं। बात में दम भी है। इसके पक्ष में एक थ्योरी ये आयी है कि जहाँ भी मुस्लिम आबादी ३५% से अधिक हैं वहां सपा या बसपा के उम्मीदवार जीते हैं। पर ये अपरिपक्व थ्योरी है। बहुत सारे अपवाद हैं। पर चुनावी गणित से अलग एक प्रश्न। क्या

ऐसा संभव है? क्या मुस्लिम महिलाओं का ऐसा एक वर्ग हो सकता है जिसने फूल पर बटन दबाया हो?

कई दोस्तों को लग सकता है कि ये तो खुश होने की बात है। यदि मोदी जी ने यदि कुछ मुस्लिम महिलाओं का समर्थन जीत है तो भाजपा की स्वीकार्यता मुस्लिम समाज में बढ़ रही है। पर ज़रा एक मिनट सोचिये। क्या ये सामंजस्य इतना आसान है? वर्षों के बाद २०१४ में तथाकथित रूप से एक हिन्दू वोट बैंक की स्थापना हुई थी। क्या वो इस संभावित नए मेहमान से दोस्ती कर पायेगा? कॉमन सिविल कोड, राम मंदिर और धारा ३७० जैसे वैचारिक मुद्दे कहाँ जायेंगे?

प्रश्न कठिन है और दीर्घउत्तरीय है। पर अपने पर बहुत टाइम है। मैं सांख्यिकी में नहीं जाऊंगा। वो मेरी अपनी बचपन से ख़राब है। पर इस विषय को पूरी तरह काल्पनिक मान के भी तर्क तो लगाया ही जा सकता है।

भारतस्य इस्लामः?

हम चाहें न चाहें पर हम एक बहुसंस्कृर्तिक देश हैं। और एक बहुत बड़ी मुस्लिम आबादी हमारा सच है। इस सच से कइयों की दिक्कत होती है। इतने धोखों और इतनी जंगों के बाद स्वाभाविक है कि हिंदुओं में एक ऐसा वर्ग पैर पसार चूका है जो इस्लाम पर भरोसा अपनी सबसे भोली कल्पनाओं में भी नहीं कर सकता। पर क्या ये बैर चिर स्थाई है? या फिर क्या इस तनाव को कुछ ऐसे व्यवस्थित किया जा सकता है कि बिना टूटे कोई मधुर स्वर निकल सके। इतिहास में हमेशा मदद मिलती है।

हसन गंगू से शुरू करता हूँ। हसन गंगू उर्फ़ ज़फर खान उर्फ़ अलाउद्दीन बहमन शाह। तुग़लक़ का वो ख़ास जंगबाज़ जिसने दक्किन में १४वीं शताब्दी बहमनी साम्राज्य की नींव रखी। गंगू। इस नाम की भी एक कहानी है। फरिश्ता ने अपनी किताब में ज़िक्र किया है कि हसन दिल्ली में एक ब्राह्मण गंगाधर शास्त्री के यहाँ नौकर था। एक दिन उसे खेत में हल चलाते हुए ज़मीन में गड़ा कुछ सोना मिला जिसने उसे अपने मालिक को लौट दिया। इनाम में ब्राह्मण ने उसे हिस्सा दिया और साथ में आशीर्वाद भी कि वो अपने खुद का साम्राज्य स्थापित करेगा। समय बीत और ऐसा ही हुआ। जब गंगू ने अपना साम्राज्य बनाया तो उसका नाम बहमनी रखा गया जो शब्द ब्राह्मण की उपज है। साथ ही उसने दिल्ली से गंगाधर को बुलवा कर अपना दीवान नियुक्त किया। मैं इस कहानी को दोआबी तहज़ीब से बढ़कर ज़रूरतों, लगावों और अक्लमंदी की कहानी मानता हूँ। हिन्दू मुस्लिम रिश्तों को रोमांटिसाइज करने का मेरा कोई उद्देश्य नहीं है। पर मैं सच और झूठ से परे एक ख्वाहिश रखता हूँ। भारतीय मुसलमान की। एक ऐसा मुसलमान जो अपनी नींव पहचाने और अपने आप को दाढ़ी और सुरमे की अरबी पहचान से स्वयं बाहर निकाले। जो ११वीं शताब्दी से पहले के भारतीय इतिहास को अपनाये, अपने पूर्वजों का सम्मान करे, इस्लाम को सूफी आईने से देख सके, जो हड़प्पा, मोहनजोदाड़ो, तक्षशिला और मगध के इतिहास पर गर्व करे। जो गौरी, गजनवी, तैमूर और नादिर शाह जैसे लूटेरों को अपना वली न समझे। जो औपनिवेशिक इतिहास से बहक कर अकबर को सबसे पहले जज़िया हटाने का श्रेय न दे जबकि ऐसा करने वाला पहला मुस्लिम शासक कश्मीर का ज़ैनुल-आबेदीन था। अगर भारत के इतिहास में किसी इस्लामिक शासक ने हिंदुओं का हाथ थामा तो वो ज़ैनुल था। अपने पूर्व शासकों के अत्याचारों से भाग चुके हिंदुओं को उसने वापिस बुलाया, रोज़गार दिलाया और फलने फूलने का एक मौका दिया। ये लिस्ट छोटी नहीं है, इसमें कई बुल्ले शाह, बाबा फरीद, वारिस शाह जैसे औलिया, दाराशिकोह जैसा राजकुमार, रसखान और रहीम जैसे कवि, अशफाकुल्ला खान जैसा क्रांतिकारी जिसने तमन्ना की थी कि काश मैं हिन्दू होता तो दोबारा जन्म ले के वतन पर फिर मरता, वीर अब्दुल हमीद जैसा सिपाही और अब्दुल कलाम जैसा वैज्ञानिक है। भारतीय मुसलमान खुशकिस्मत हैं कि उनके सामने पाकिस्तान की तरह की आइडेंटिटी क्राइसिस नहीं है। पर वो स्वयं के लिए पैदा ज़रूर कर सकता है। और ऐसा उसने पिछले कई सौ सालों से किया भी है पर ऐसे भी अनगिनत मुसलमान हैं जो इस नए दौर में खुद को भारत की पहचान और इतिहास के साथ जोड़ रहे हैं। और उनके पास कोई विकल्प भी नहीं है। जो दूसरा विकल्प है वो अनपढ़ों का कट्टरपंथ है। अगर २१वीं शताब्दी में भी इस्लाम ने देश और मज़हब में तालमेल न सीखा तो २०७० तक आबादी चाहे जितनी हो उसका भविष्य अँधेरे में ही रहेगा।

पहल

ये कब होगा मैं नहीं जानता पर मैं ये ज़रूर जनता हूँ कि आज नहीं तो कल ये बिगुल महिलाएं ही फूंकेंगी। क्यों? आसान है। क्योंकि उनके पास ऐसा करने के अधिक कारण हैं। तलाक़ का मुद्दा बड़ा है। और सामाजिक और धार्मिक से आगे ये वैयक्तिक मुद्दा है। कोई सामने आये न आये पर अपनी रसोइयों के अंदर खाना पकाती मुस्लिम महिलाएं ज़रूर सोच रही होंगी। वोट दिया हो न दिया हो पर दिल ही दिल में ये तमन्ना ज़रूर होगी की सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके हक़ में आ जाये। यदि ऐसा होता है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा की भाजपा को एक नया पर छोटा वोट वर्ग मिल जाये।

चुनौती

यदि ऐसा होता है तो? बड़ा विस्फोट हो सकता है। क्या भाजपा का आम वोटर इस नए मेहमान का स्वागत कर पायेगा? क्योंकि फिर बहुत सारी परतें खुलेंगी। जिसमे अयोध्या भी होगी और कैराना भी जिसमें धारा ३७० भी होगी और बकरीद भी। और ऐसे में शीर्ष नेतृत्व और संघ विचारकों के सामने बड़ा धर्मसंकट होगा। या तो वह इस नयी वोट कांस्टिटुएंसी को अपना कर अपनी पारंपरिक वोट को उत्तर देगा या इसे ठुकरा कर अपने ही विस्तार को रोकेगा क्योंकि दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के बाद यही एक विस्तार बचा है।

हल- कुआँ और प्यासा

मेरे अनुसार इसका एक सामान्य हल है। कोशिश न की जाये। ऐसा नहीं है की भाजपा के पास मुस्लिम नेतृत्व नहीं। है, और शानदार है। शाहनवाज़ हुसैन, मुख्तार अब्बास नक़वी, एम् जे अकबर आदि। पढ़े लिखे, सभ्य, खुले विचारों के भारतीय मुसलमान। और इन्हें पार्टी में लाने के लिए कोई हाथी घोड़े नहीं लगाए गए हैं। ये वह लोग हैं जो खुद चल कर पार्टी में आये और शानदार काम कर रहे हैं। मुस्लिम समुदाय भाजपा का प्राकृतिक वोट नहीं है और न कभी हो सकता है। और इसलिए एक मुद्दे के भ्रम में आकर अलग से इस वोट को अप्प्रोच करना भारी भूल होगी क्योंकि ऐसा करने में पार्टी में बदलाव की आवश्यकता होगी। जिससे स्थापित वोट खिसक सकता है और नए अधिक कट्टर हिन्दुत्व गुटों की स्थापना भाजपा से अलग हो सकती है। ऐसे में डॉ स्वामी का सपना सच होने के लिए आगे बढ़ेगा। जिसमें वो केवल दो पार्टियों की कल्पना करते हैं, एक विराट हिन्दुत्व और एक कोमल हिन्दुत्व।

पर यदि पार्टी अपने आदर्शों पर कायम रह कर तेज़ी से इस वर्ग के लिए कार्य पालिका से कदम उठाती है तो वर्ग स्वयं आपकी और आकर्षित होगा। और ऐसा खुद से चल के आया मतदाता क़्वालिटी मतदाता होगा।

कहने का मतलब ये कि कुँए प्यासे के इस खेल में हमें कुआँ बनना है प्यासा नहीं, प्यासे तो वैसे ही बहुत हैं।

शीर्षक है भारतस्य इस्लामः, क्योंकि यदि कोई चीज़ भारत के इतिहास के मोतियों को अपने धागे में पिरोती है तो वो है संस्कृत। और जिस दिन इस देश का मुसलमान संस्कृत को अपना लेगा उस दिन वो दाराशिकोह हो जायेगा। शीर्षक के साथ में “?” भी लगा है क्योंकि ऐसा निकट भविष्य में होगा इसपर “?” है।

फिर भी उम्मीद है ऐसा दिन जल्द आएगा। और हिंदुओं की धरती पर इस्लाम को नयी परिभाषा मिलेगी जिसमे अल जब्र राजमिस्त्रीगिरी छोड़ कर फिर से गणित में खोज करेगा, जिसमे कोई उमर खय्याम लकड़ी का काम छोड़ कर रुबाइयाँ लिखेगा और जिसमे कोई मंसूर अल हलाज सरिया काटना छोड़ के फिर से कह सकेगा “अन-अल हक़”। पर उसकी गर्दन नहीं उड़ाई जाएगी।

Tags: भाजपाभारतीयमुस्लिम
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सुकमा हमले के बाद कहाँ मर गए आजादी के पैरोकार?

अगली पोस्ट

यूपी की जनता ने 10 साल पहले किया था ये इशारा

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

और लोड करें

टिप्पणियाँ 1

  1. रोहित says:
    9 years पहले

    भाई ये सिर्फ़ कल्पना है कि मुस्लिम वोट मिला। मे उन कट्टर बसपा समर्थको से मिला जिन्होंने बसपा को वोट सिर्फ इसलिये नही दिया क्योंकि वहाँ मुस्लिम उम्मीदवार था। और वो नहीं चाहते थे। कि किसि काम के लिए मिलने जाओ तो राम राम की जगह अस्सलाम वालेकुम कहना पड़े।

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited