यह कन्नूर का समुद्र तट है जो केरल राज्य पर सीपीआईएम के दशकों लंबे प्रभाव का निशान है।

हर कार्यकाल में सीपीआईएम के निरंतर शासन के कारण यहाँ की राजनीति साम्यवादी विचारधारा से काफी प्रभावित है। इसने राज्य के समाज और संस्कृति पर बहुत गहरा प्रभाव डाला है और भारतीय धर्मनिरपेक्षता के चैंपियन हमेशा केरल राज्य को एक धर्मनिरपेक्षता के उदाहरण के रूप में पेश करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री मार्कंडेय काटजू जिन्होंने एक बार उड़ीसा और वहां के लोगों का सोशल मीडिया में मजाक उड़ाया था और उन्होंने ही केरल को बहुलवादी भारत का सूक्ष्म रुप और केरलवासियों को असली भारतीय कहा था।
केरल में 46% गैर हिंदू हैं जिनमें 28 प्रतिशत मुस्लिम और 18 प्रतिशत ईसाई शामिल हैं। इस तरह के एक बहुसांस्कृतिक समाज में राजनेता लव जिहाद जैसे हिंदू विरोधी गतिविधि जिसे हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार किया था, जबरदस्ती या बहला फुसलाकर मतांतरण, महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी, गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर जैसे ही हिंदू मंदिरों को खत्म करने की धमकी, हिंदू मंदिरों पर हमले करने के प्रयास और बनपुरम मंदिर में मूर्तियों को नष्ट करने जैसे कई कारनामों को अनदेखा (एक तरह से समर्थन) करते हैं। केरल के मलप्पुरम में नारायण मंदिर की नाकाबंदी मुस्लिम लीग और अन्य मुस्लिम संगठनों से प्रेरित थी और 2005 में मराड में 8 हिंदुओं की मुस्लिमों की भीड़ द्वारा हत्या साबित करता है कि केरल सांप्रदायिक हिंसा के शीर्ष पर रहा है।
हालांकि धर्मनिरपेक्षता को सीरियल के दिव्य दर्शन के रूप में सम्मानित किया जाता है, लेकिन यही केरल सबसे खतरनाक राज्य होने का दर्जा भी हासिल करता है, राज्य की दंगा-दर उच्चतम है और सबसे अधिक राजनीतिक हत्याएं भी यहीं हुई है। शक्ति और बहला फुसलाकर धर्मांतरण यहां आम है। एक चर्च ने हाथी को भी ‘ईसाई’ बनाने की कोशिश की हालांकि चर्च अधिकारियों ने बाद में इससे इनकार किया।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का वाहियात प्रदर्शन करते हुए वामपंथी गायों का कत्ल कर रहे थे और कॉलेज के बाहर, टाउन हॉल, सड़कों, बस स्टैंड और अन्य जगहों पर हिंदू भावनाओं को भड़काने के लिए गौ मांस पार्टी का आयोजन कर रहे थे। धर्मनिरपेक्ष युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक रूप से क्रूरता के साथ एक बछड़े को मार डाला हत्या का एक वीडियो बनाया और पार्टी की व्यवस्था करने के लिए उसका बीफ़ पकाया। केरल के धर्मनिरपेक्ष राजनेता जो हमेशा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं वह पीएफआई और उसके सहयोगी समूह एसडीएफआई के खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नहीं करते। यह संगठन भारत विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों में शामिल है जैसे अआईएस के आतंकियों की भर्ती करना, लव जिहाद को बढ़ाना, हिंदू लड़कियों के अपहरण की कोशिश करना, हिंदू लड़की को आईएस को भेजने की धमकी देना, चरमपंथी गतिविधियों के लिए परीक्षण शिविर की व्यवस्था करना। यहां तक कि हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जिनको लग रहा था कि मुसलमान भारत में खतरे में है, कुछ हफ्ते पहले इस कट्टरपंथी समूह द्वारा आयोजित एक समारोह में उन्होंने भाग लिया था।
केरल की राजनीति के हिंदू विरोधी मानसिकता ने केरल के हिंदुओं में भाजपा को लोकप्रिय बना दिया है।
हाल ही में भाजपा के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह केरल गए थे। उन्होंने कन्नूर के राजराजेश्वर मंदिर में प्रार्थना की और विशाल जनरक्षा रैली को झंडा दिखाकर आगे बढ़ाया जिसे केरल के लाल आतंकवाद के खिलाफ निकाला जा रहा था। हिंसक राजनीति के लिए वामपंथी पार्टी को चेतावनी देते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्हें 2001 से 120 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या का भुगतान करना पड़ेगा जिस में अकेले कन्नूर से 80 लोगों की हत्या हुई है। इनमें से 14 कार्यकर्ता मुख्यमंत्री विजयन के गृह क्षेत्र से हैं। अमित शाह ने भारत में राजनीतिक हिंसा की शुरुआत करने का श्रेय सीपीआईएम को दिया।

सीपीआईएम अमित शाह के हमले से उबर पाती उससे पहले ही योगी आदित्यनाथ केरल पहुंच गए।
एक विशाल रैली से अभिभूत, योगी ने यह साबित कर दिया कि वह भीड़ को आकर्षित कर सकते हैं। भारत की सबसे धर्मनिरपेक्ष राज्य के लोग 2017 के सबसे विवादास्पद राजनीतिक नेता को देखने के लिए एकत्र हुए थे। जो अपने हिंदुत्व पहचान अपनी आस्तीन पर पहनता है।

“राज्य के उच्च न्यायालय ने राज्य को निर्देश दिए थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी विभिन्न फैसलों के जरिए माना है कि केरल और कर्नाटक में लव जिहाद वास्तव में है।” आदित्यनाथ ने कहा, “केरल (सरकार) ने इसे रोकने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं अपनाया।” योगी आदित्यनाथ का आरोप सच है क्योंकि केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हाडिया लव जिहाद मामले में एनआईए जांच की कोई जरूरत नहीं है।

केरल में योगी की मौजूदगी के सदमे से जूझते हुए केरल के मुख्यमंत्री ने मरीजों के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है यह सीखने के लिए योगी को केरल के अस्पतालों में जाने के लिए आमंत्रित किया। यह विडंबनात्मक था क्योंकि केरल के तीन हॉस्पिटल ने तमिल रोगी का इलाज करने से मना कर दिया था। केरल के मुख्यमंत्री को जवाब देते हुए योगी ने केरल में डेंगू और चिकनगुनिया 300 लोगों की मौत याद दिलाते हुए कहा की केरल के अस्पताल उत्तर प्रदेश के अस्पताल से काफी कुछ सीख सकते हैं। योगी ने केरल के मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि 20 से अधिक लोगों की हत्या उनके ही क्षेत्र में हो चुकी है जो साबित करता है कि हत्यारों को पनाह दिया जा रहा है।
भाजपा के लिए भारी समर्थन एक क्रमिक प्रक्रिया रही है, धीमी लेकिन स्थिर प्रक्रिया। आरएसएस वीएचपी और भाजपा जैसे हिंदू समूहों को केरल में पैर पसारने में काफी वर्षों का समय लगा है। भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। बीजेपी, आरएसएस और वीएचपी ने क्षेत्र संरक्षण समिति (केएसएस या मंदिर संरक्षण समिति), बलासादनम (बहुत छोटे बच्चों के लिए) और एकल विद्यालय जैसे अन्य हिंदू समूहों के साथ हाथ मिला लिया है। इस रणनीति के अग्रदूत वर्तमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कुम्मनम राजेशकरन हैं। 2015 में सीपीआईएम को डर था कि उसके हिंदू कार्यकर्ता भाजपा और आरएसएस द्वारा आयोजित जन्माष्टमी समारोह में शामिल हो सकते हैं, तो सीपीआईएम और डीवाईएफआई जैसे वामपंथी समूहों ने अपना खुद का जन्माष्टमी आयोजन किया और बच्चों को कृष्ण जैसे वेशभूषा पहनाकर हाथों में कार्ल मार्क्स के प्लेकार्ड पकड़ा दिए थे।


आरएसएस-भाजपा-वीएचपी के धर्म केंद्रित समारोह की नकल करने के प्रयास में वामपंथ कैंप के ऊपर पार्टी हाईकमान के द्वारा सवाल उठाया गया। 2016 में उन्होंने भाजपा की ‘कृष्ण जयंती जुलूस’ का सामना करने के लिए ‘शोभा यात्रा’ की व्यवस्था की।
आर एस एस के उदय के साथ केरल कि हिंदू एक नई उम्मीद देख रहे हैं। गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार जो कि केरल से बाहर थे, अब केरल में त्यौहारों की सूची में शामिल हो चुके हैं। भाजपा ने 2015 में हुए केरल के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था। 2016 में हुए केरल विधानसभा चुनाव में भाजपा को पहली सीट मिली और 7 सीटों में भाजपा दूसरे स्थान पर रही। 2017 में स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी जिसमें से 15 में से 3 सीटें प्राप्त हुई। कोल्लम सिटी कॉरपोरेशन काउंसिल के थवल्ली डिवीजन के उपचुनाव में भी भाजपा की जीत हुई।


























