2017 का ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) इस ओर इशारा करता है कि सन 2000 से वैश्विक भुखमरी में 27 प्रतिशत की कमी हुई है। 2017 की सूची के अनुसार केवल सोमालिया, दक्षिण सूडान और सीरिया की स्थिति चिंताजनक है। भारतीय मीडिया द्वारा कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 44 स्थान खिसककर एक दयनीय स्थिति में है। हालांकि भुखमरी भारत में एक समस्या है, लेकिन असल में रैंकिंग में गिरावट बहुत कम थी। विपक्ष और मीडिया ने वर्तमान सरकार को दोष देने में बिल्कुल भी समय नहीं लिया लेकिन जल्द ही यह पता चला कि आंखों से दिखने वाली की तुलना में इसकी कहानी कुछ और ही है।
पहले तकनीकी हिस्सा :
ग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना निम्नलिखित संकेतकों का उपयोग कर की जाती है:
◆ आबादी के प्रतिशत के रूप में कुपोषित का अनुपात।
◆ 5 साल से कम उम्र के बच्चों का अनुपात जो ख़राब वस्तुओं के सेवन से पीड़ित है।
◆ 5 साल से कम उम्र के बच्चों के ‘शारीरिक और मानसिक विकास में ठहराव’ का अनुपात
◆ मृत्यु दर
1992 से 2016 तक भारत का ग्लोबल हंगर इंडेक्स लगातार कम हुआ है, 1992 में 46.2 से 2016 में 28.5 आया है, लेकिन 2017 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स बढ़कर 31.4 हो गया है।
2014 में मात्र 76 देशों का ग्लोबल हंगर इंडेक्स के लिए मूल्यांकन किया गया था और ग्लोबल हंगर इंडेक्स के नीचे के 5 देशों को रैंकिंग से बाहर रखा गया था। 2015 के बाद से ग्लोबल हंगर इंडेक्स में नीचे के 5 रेटिंग वाले देशों को भी रैंकिंग में शामिल किया गया था। भारत की रेटिंग में भारी गिरावट हिन्दोल सेनगुप्ता (एडिटर-एट-लार्ज, फार्च्यून इंडिया) को काफी गलत लगा। इसलिए उन्होंने इस रिपोर्ट को छापने वाले आईएफपीआरआई को पूछने के लिए ईमेल किया – क्या है यह वाकई सच हो सकता है? आईएफपीआरआई का इसके बारे में क्या कहना है यहाँ देखिए :
भारत के रैंक में बदलाव दरअसल देश की स्थिति में बदलाव की बजाए गणना के तरीके में बदलाव के कारण अधिक है। 2014 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स रैंकिंग में “निम्न” भुखमरी (जैसा रिपोर्ट द्वारा निर्धारित) के स्तर के साथ रेटिंग वाले किसी भी देश को शामिल नहीं किया गया था। उस वर्ष 44 ऐसे देश से जो भारत से ऊपर के स्थान पर रहे होंगे। उन देशो को अगर उस वर्ष रैंकिंग में शामिल किया जाता तो भारत 55वें नहीं बल्कि 99वें स्थान पर होता।
इसलिए दोनों रिपोर्ट से सीधा तुलना करने और निष्कर्ष निकालने पर वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआई) में भारत की 45 स्थानों की गिरावट दिखी जो बेहद ही गलत और भ्रामक है।
इस कथन का स्रोत वह ईमेल है जिसमें ड्रियू सैंपल ने हिंदोल सेनगुप्ता को उत्तर दिया है।
नकली खबरों के बीच कुछ वास्तविक चिंताएं दफन हो गई:
◆ “विकसित होने में रुकावट” वाले बच्चों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे अधिक है, 48.5 मिलियन।
◆ भारत के 20% बच्चे खराब वस्तुओं के सेवन से ग्रसित है।
◆ भारत में बच्चों का मृत्यु दर भी अधिक है।
ड्रियू ने कहा – भुखमरी भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है और जैसा ग्लोबल हंगर इंडेक्स ने दर्शाया कि देश को अभी भुखमरी को समाप्त करने के लिए काफी लंबा रास्ता तय करना है। कई पड़ोसी देशों (बांग्लादेश और नेपाल) ने अपने जीएचआई अंकों में भारत की तुलना में काफी सुधार किया है। जीएचआई का वास्तविक रीडिंग भी भुखमरी के दिशा में भारत के लिए चिंता का विषय है। लेकिन यह दावा करना कि भुखमरी से लड़ने की वैश्विक लड़ाई में भारत में इतनी ज्यादा गिरावट हुई है, यह पूरी तरह से भ्रामक है।
इसलिए, यह काफी स्पष्ट है कि भारत को अभी काफी लंबा सफर तय करना है। भारत को जरूर यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि देश में कोई भी बच्चा भूखे ना सोए, लेकिन गलत सूचना और फर्जी खबरों को फैलाने और दुनिया भर में भारत को एक बुरी पहचान देने पर निश्चित रूप से देश आगे नहीं बढ़ेगा। जिस इस देश की मुख्यधारा की मीडिया लगातार फर्जी खबरों को पेश कर रही है वह दिमाग हिलाने और दुखी करने वाला है।
भविष्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ भारत के लिए उम्मीदें हैं कि देश के अपने सभी बच्चों को पर्याप्त पोषण प्रदान करने की पूरी क्षमता आ जायेगी। हमें उम्मीद है कि हम 2025 तक :विकास में रोक’ (स्टंट) और “खराब वस्तुओं के सेवन” पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर सहमत लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
http://ebrary.ifpri.org/cdm/pageflip/collection/p15738coll2/id/131422/type/singleitem/pftype/pdf
https://en.wikipedia.org/wiki/Wasting
https://en.wikipedia.org/wiki/Stunted_growth
https://en.wikipedia.org/wiki/GlobalHungerIndex
https://www.ifpri.org/sites/default/filesghi/2015/feature_3726.html (2015 GHI)
https://reliefweb.int/sites/reliefweb.int/files/resources/130918.pdf (2016 GHI)
https://www.ifpri.org/publication/2017-globalhunger-index-inequalities-hunger (2017 GHI)
http://www.hindustantimes.com/india-news/india-has-world-s-highest-number-of-stunted-children-child-workers/story-WbN7ho6gSm2UO8n368t8kL.html (Stunting)
http://unicef.in/Story/1124/Nutrition (Wasting)
http://www.thehindu.com/data/child-stunting-drops-sharply-in-india-new-data-shows/article6595607.ece
http://www.business-standard.com/article/government-press-release/steps-taken-by-government-to-reduce-malnutrition-in-the-country-116042801092_1.html
http://www.business-standard.com/article/government-press-release/steps-taken-by-government-to-reduce-malnutrition-in-the-country-116042801092_1.html
http://www.orfonline.org/research/preventing-hunger-and-malnutrition-in-india/
https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/agriculture/india-expects-farm-output-growth-to-remain-stable-at-4-in-2017-18-crop-year/articleshow/58363219.cms