TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

[वैज्ञानिक विश्लेषण]: इसलिए हिन्दू नहीं करते एक गोत्र में विवाह

Abhishek Mishra द्वारा Abhishek Mishra
18 November 2017
in मत, संस्कृति
गोत्र प्रणाली
Share on FacebookShare on X

जब घर में शादी की चर्चा होती है तब आपने गोत्र को लेकर अपने माता-पिता और बड़े बुजुर्गों के बीच चर्चा को भी सुना होगा। वो कहते हैं कि लड़का हो या लड़की हमारे धर्म का हो ।।जाति एक हो और गोत्र अलग हो…मंगली हा या नहीं ।मतलब इतने सवाल और हम आधुनिक युवाओं का जवाब होता है ‘ये आपके समय की बात है अब इसे कोई नहीं मानता’ समय के साथ सोच बदलिए..जैसे कई तर्क देते हैं।।।लेकिन जब विज्ञान इसपर शोध करता है तो वही बड़े बुजुर्गों के तर्क न सिर्फ सही पाए जाते हैं बल्कि उसके पीछे के जो कारण सामने आते हैं वो भी हैरान कर देने वाले होते हैं। आज मैं एक ही ऐसी ही मुद्दे पर बात करूंगी। जिसका शीर्षक है… हिन्दू धर्म में एक ही गोत्र के लड़के और लड़की की शादी का विरोध क्यों किया जाता है। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण आज के इस एपिसोड में मैं आपको बताउंगी। तो चलिए शुरू करते हैं।

गेम ऑफ़ थ्रोन्स सीरिज में सरसी लेनिस्टर नाम की एक पात्र है जिसका अपने ही भाई के साथ यौन संबंध है। इस तरह के संबंध हिंदू मान्यताओं के खिलाफ है। पारिवारिक रक्त सम्बन्धों (बाप-बेटी, बहन-भाई) में बनने वाले यौन सम्बन्ध हिंदू मान्यताओं के खिलाफ है। अपने परिजनों से विवाह करना, या करीबी रिश्तेदारी में संबंध बनाना, एक ही गोत्र में शादी करना भी वर्जित है। आज भी हमारे समाज में इसे मान्यता नहीं मिली है लेकिन कुछ ‘बुद्धिजीवी’ वर्ग आधुनिकता के नाम पर अपना ज्ञान बांचते हैं और कहते हैं ये सब पुरानी बातें हैं।।। अंधविश्वास है लेकिन जब विज्ञान ने ‘गोत्र’ को लेकर शोध किया तो हिंदू धर्म की इस मान्यता को विज्ञान ने भी स्वीकार कर लिया। 10 वीं कक्षा की बायोलॉजी की किताब में भी इसके बारे में बताया गया है। ऐसे में आज के समय में कई बच्चे ‘गोत्र’ के विषय को समझने भी लगे हैं।

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

अब ‘गोत्र’ है क्या और इसका हमसे क्या संबंध है? इसे समझ लेते हैं। दरअसल, गोत्र का अर्थ वंश या कुल होता है। ये मनुष्य को उसकी मूल पीढ़ी से जोड़ता है। जैसे अगर किसी व्यक्ति का गोत्र ‘भरद्वाज’ है तो इसका अर्थ ये है कि वो व्यक्ति ऋषि भारद्वाज के कुल में जन्मा है। ऐसे ही विश्वामित्र, जमदग्नि , गौतम, अत्रि, वशिष्ठ, कश्यप इन सप्त-ऋषियों और आठवें ऋषि अगस्त्य की संतानों को ही गोत्र कहते हैं। ब्राह्मणों के विवाह में गौत्र को काफी ज्यादा महत्व दिया जाता है। यदि किन्हीं दो व्यक्तियों का गोत्र एक समान है तो इसका अर्थ ये है वो दोनों ही एक ही कुल में जन्में हैं। यदि गोत्र एक है तो वो दो लोग भाई-बहन के रिश्ते के बंध जाते हैं। हिंदू धर्म एक ही परिवार में या एक ही कुल में शादी करने की अनुमति नहीं देता है। परंतु किसी लड़के और लड़की का गोत्र अलग है और जाति समान है तो वो दोनों शादी के बंधन में बंध सकते हैं। और यदि वो एक ही कुल में शादी करते हैं तो कहा जाता है उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और उनके बच्चों को भी इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

वैदिक काल में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्या गोत्र व्यवस्था का काफी विशिष्टता से पालन करते थे ।।उस समय जाति व्यवस्था आज की तुलना में काफी भिन्न भी थी। ब्राह्मणों के अलावा अन्य वर्गों के गोत्र अधिकांश उनके उद्गम स्थान या कर्मक्षेत्र से संबंधित होते हैं। उस समय अन्य वर्गों के लिए ये उतना महत्वपूर्ण नहीं हुआ करता था। समय के साथ जैसे जैसे जाति व्यवस्था समाज में हावी होती गयी वैसे वैसे गोत्र प्रणाली सीमित होती गयी, यही कारण था जब चंद्रगुप्त मगध के राज सिंहासन पर बैठे तो उनके परिवार को मौर्य नाम से प्रस्तुत किया गया था।  

और अब आते हैं मुद्दे पर कि गोत्र व्यवस्था आज के समय में कहां खड़ी है ? क्या सच में वर्षों से गोत्र प्रणाली को लेकर हिंदू धर्म में चली आ रही मान्यता स्वेच्छा से शादी करने की इच्छा रखने वाले वयस्कों को रोकता है? क्या जो दावे हिंदू धर्म में इसे लेकर किये जाते हैं वो वैज्ञानिक रूप से सही हैं?  जब हमारे देश के बाहर विवाह के लिए ‘गोत्र’ को महत्व नहीं दिया जाता है तो क्या भारत में भी इसे खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इससे मनुष्य के शारीरिक और मानसिक विकास पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ता।।है न ? वर्तमान समय में हो भी ऐसा ही रहा है, आज हमारे देश में आपसी प्रेम व सौहार्द की कमी के कारण आज ‘गोत्र’ का महत्व कम हुआ है या यूं कहें ये सिर्फ कर्मकांडी औपचारिकता तक ही सीमित रह गया है। अब सवाल ये है कि अगर ऐसा हो रहा है तो ये भविष्य की पीढ़ी के लिए एक अच्छा संकेत है या बुरा ? जितना मैंने अभी तक समझा और वैज्ञानिक तथ्यों पर गौर किया उससे तो मैं इसी निष्कर्ष पर पहुंची हूं कि ‘गोत्र’ प्रणाली हमारे समाज में बनी रहनी चाहिए। अब इसे समझने के लिए इसके पीछे के साइंस को समझ लेते हैं।  

डार्विन की ‘प्राकृतिक चयन’ या नेचुरल सेलेक्शन (Natural selection)  की थ्योरी के अनुसार जीवन की शुरुआत एक कोशिका यानि की एक सेल से हुई थी । समय के साथ बहुकोशिक और जटिल जीवों का विकास हुआ।यहां नेचुरल सेलेक्शन यानि कि प्राकृतिक चयन का अर्थ उन गुणों से है जो किसी प्रजाति को बचे रहने और प्रजनन में सहायता करते हैं और इसकी आवृत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती रहती है। इस दौरान इन कोशिकाओं में कई परिवर्तन हुए।।उनके जेनेटिक मटेरियल में म्युटेशन हुआ जिस वजह से कुछ ही प्रजातियां प्रकृति में पीढ़ी दर पीढ़ी बनी रहीं। अब ये म्युटेशन क्या है? जब सेल में मौजूद जीन के डीएनए में कोई स्थाई परिवर्तन होता है तो उसे म्युटेशन यानि की उत्परिवर्तन कहते हैं। इसे आसान भाषा में समझते हैं। डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी मच्छर के काटने से होती है और इनसे बचने के लिए शहरों और गावों में डीडीटी और pyrethroid कीटनाशकों का इस्तेमाल होता था लेकिन समय के साथ कुछ मच्छर की जातियों में जेनेटिक म्यूटेशन हुआ और अब डीडीटी और pyrethroid कीटनाशकों के प्रति इन मच्छरों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गयी है और नए मच्छरों में ये प्रतिरोधक क्षमता पास होने लगी जिस वजह से आज के समय में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां खतरनाक रूप ले रही हैं।

लाखों-करोड़ों वर्षों के दौरान क्रमिक रूप से जो परिवर्तन आते हैं और समय के साथ प्रजातियों में भिन्नता आती है और नई प्रजाति बनती है। उस प्रक्रिया को उद्विकास (Evolution)  कहते हैं। डार्विन के अनुसार Evolution की प्रक्रिया में जीव की संरचना सरलता से जटिलता (Simple to Complex) की ओर बढ़ती है। मतलब की सिंगल सेल्यूलर से मल्टीसेल्यूलर जीवों का विकास हुआ और फिर प्रजनन (रिप्रोडक्शन) की प्रक्रिया से जेनेटिक मटेरियल एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रान्सफर होता है और नया जीव अपने पेरेंट्स यानि की माता पिता के 50-50 प्रतिशत जेनेटिक मटेरियल के साथ जन्म लेता है। इसे hereditary change  भी कह सकते हैं जो हर पीढ़ी के साथ बदलती है। इस प्रकार के प्रजनन ने प्रजातियों की नस्ल के अस्तित्व को बचाने के लिए एक बेहतर अवसर सुनिश्चित किया है। हालांकि, इसमें कुछ ऐसे उदहारण भी सामने आये हैं जो अपवाद माने जाते हैं।

खैर, प्रजनन की प्रक्रिया सिर्फ जानवरों और इंसानों में ही नहीं होती बल्कि पेड़ और पौधों में भी होती है। अलैंगिक प्रजनन यानि की asexual reproduction द्वारा जन्म लेने वाला जीव या जंतु हुबहू अपने पैरेंट की तरह होता है लेकिन लैंगिक प्रजनन यानि कि sexual reproduction  से एक नई प्रजाति का जन्म होता है जो अपने जनक से भिन्न होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस प्रक्रिया में नर और मादा के बीच यौन संबंध से बनने वाले भ्रूण में दोनों के ही डीएनए होते हैं जिस वजह से शिशु में दोनों के गुण पाए जाते हैं। शिशु का डीएनए नर और मादा के डीएनए से मिलकर बनता है तो जीन में म्युटेशन होते हैं और प्रकृति में विविधता बनी रहती है जो नेचर को बैलेंस करने के लिए जरुरी भी है।

मनुष्य के लिए आनुवंशिक परिवर्तन (hereditary change) का काफी महत्व है और इसका जिम्मेदार जेनेटिक मटेरियल होता है। जेनेटिक मटेरियल में म्युटेशन अच्छा भी है और बुरा भी। अगर ये अच्छा होता है तो नई पीढ़ी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होता है और उसमें कई नए गुण विकसित होते हैं लेकिन अगर यही म्युटेशन गलत हुआ तो नई पीढ़ी में कुछ ऐसे असमान्य बदलाव होते हैं जो उसे बीमार या जीवनभर के लिए शारीरिक और मानसिक रूप अपाहिज बना देता है।

 कुछ प्रजातियाँ self-fertilization / pollination और आंतरिक प्रजनन (इनब्रीडिंग) से बचती हैं क्योंकि अगर ऐसा होता है तो उनकी नस्ल पर खतरा मंडराने लगता है। वो कमजोर और बीमारू पैदा होती हैं और उनके जीन में भी कोई विविधता नहीं होती जिससे homozygosity को बढ़ावा मिलता है और इनके Allele यानि की  जेनेटिक तत्व में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता। लेकिन सेक्सुअल रिप्रोडक्शन की प्रक्रिया से किसी भी जीव या जंतु या मनुष्य की प्रजातियों में विविधता बनी रहती है और Allele यानि की इनके जेनेटिक तत्व में heterozygosity भी बनी रहती है। एलील किसी जीन के विभिन्न रूपांतरों को कहते हैं। मनुष्यों में 46 क्रोमोज़ोम होते हैं जो 23 के जोड़े में होते हैं। स्त्री और पुरूष में 22 जोड़े एक समान होते हैं जबकि 23 वें जोड़े के क्रोमोज़ोम स्त्री और पुरूष में समान नहीं होते जिन्हें विषमजात गुणसूत्र यानि की heterosomes कहते हैं। जिनमें से शिशु में आधेआधे माता-पिता से आते है। इसका मतलब है कि प्रत्येक जीन के 2 एलील्स शिशु में होते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे deleterious recessive alleles होते हैं जो तभी डोमिनेंट होते हैं जब एक जैसे recessive एलिल साथ आते हैं। अगर एक ही गोत्र के स्त्री और पुरुष के बीच यौन संबंध बनते हैं या यूं कहें कि पारिवारिक रक्त सम्बन्धों (बाप-बेटी, बहन-भाई) में बनने वाले यौन सम्बन्ध के बाद जन्म लेने वाले बच्चे में recessive एलिल डोमिनेंट हो जाते हैं और अगर वो recessive एलिल किसी रोग को कैर्री करता है तो समानय बच्चों की तुलना में बीमारू और ऐसे रोग से ग्रसित हो सकता है जिसका इलाज नहीं है।

साल 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट और पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक ही गोत्र में विवाह पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था। उस समय ये दावा किया गया था कि एक ही गोत्र में विवाह करने से संतान की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसलिए गोत्र का टैबू सिर्फ सामाजिक है साइंस में नहीं है। लेकिन अभी तक जो मैंने आपको बताया उससे आप समझ गये होंगे कि विज्ञान भी गोत्र को मानता है।  

दरअसल, पुरुष में xy जबकि स्त्री में xx क्रोमोजोम होते हैं। एक ही गोत्र के पुरुष और स्त्री के क्रोमोजोम में ज्यादा अंतर नहीं होता है। एक ही गोत्र के पुरुषों के y क्रोमोसोम्स लगभग एक से होते हैं और एक ही गोत्र की स्त्री के x क्रोमोसोम्स में भी ऐसा ही है। जब एक ही गोत्र के स्त्री और पुरुष के बीच यौन संबंध बनते हैं उनके बच्चे समान्य जन्म नहीं लेते उनके अंदर जीन से जुड़ी बीमारियां होती हैं। मतलब की एक ही तरह के जीन ।। एक मां और एक पिता से मिलकर संतान के अंदर प्रवेश करें तो उसे किसी जीन विशिष्‍ट रोग होने की संभावना ज्‍यादा रहती है। मतलब की बच्चा सिस्टिक फाइब्रोसिस, फेनिलकेटोनूरिया (पीकेयू), गैलेक्टोसिमिया, रेटिनोब्लास्टोमा, सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, टे-साक्स रोग जैसे खतरनाक बीमारी का शिकार हो सकता है। एक ही गोत्र में विवाह होने से अव्यवहारिक जीन विकार की आंशका बढ़ जाएगी। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि एक ही गोत्र में विवाह करने वाले हर कपल के बच्‍चे में ये विकार हो।

जिस बात को आज के समय में शोध के बाद साबित किया गया हो कि एक ही गोत्र में शादी क्यों नहीं करनी चाहिए वो चीज हमारे हिंदू समाज में वर्षों से चली आ रही है। स्पष्ट है प्रकृति में विविधता के लिए और एक स्वस्थ जीवन के लिए जो मान्यताएं वर्षों पहले हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित की गयी थीं भले ही उसके तर्क थोड़े आपको अजीब लगते हों लेकिन विज्ञान भी उसे गलत नहीं ठहराता। ऐसे में अज भी इस ‘गोत्र प्रणाली को हमारे समाज में जारी रखने की जरूरत है।

Tags: गोत्रगोत्र प्रणाली
शेयर14ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अमेरिका की देखा-देखी भारत में हो रहा यह बदलाव, एक दिन हमें कहीं का नहीं छोड़ेगा

अगली पोस्ट

आकर्षक जीवन, पैसे और नए देश के सपने: ऐसे मजबूत कर रहा है खालिस्तान आन्दोलन को पाकिस्तान

संबंधित पोस्ट

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा
इतिहास

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

15 September 2025

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई मोर्चे हैं—कुछ किताबों के पहले पन्नों पर दर्ज हैं, तो कुछ हाशिये पर दबे रह गए। 1947 में...

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक
चर्चित

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

15 September 2025

दिल्ली की अदालत में सोमवार सुबह का दृश्य किसी ऐतिहासिक मुकदमे जैसा था। खचाखच भरे कक्ष में वकीलों की फुसफुसाहट और दर्शकों की उत्सुक निगाहें...

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम
अमेरिकाज़

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

15 September 2025

जब भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद भूमध्यसागर की लहरों पर उतरा, तो यह सिर्फ एक साधारण तैनाती नहीं थी। यह उस भारत की पहचान...

और लोड करें

टिप्पणियाँ 1

  1. राजीव says:
    8 years पहले

    बहुत अच्छा लेख वैज्ञानिक आधार पर थैंक यू

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited