TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "सावधान भारत!" अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    “सावधान भारत!” अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औपनिवेशिक मिथक का पर्दाफ़ाश: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    ऐतिहासिक झूठ का खुलासा: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "सावधान भारत!" अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    “सावधान भारत!” अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औपनिवेशिक मिथक का पर्दाफ़ाश: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    ऐतिहासिक झूठ का खुलासा: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कोरेगांव में हुई हिंसा की पीछे का पूरा सच ये रहा

Nitesh Kumar Harne द्वारा Nitesh Kumar Harne
5 January 2018
in मत
कोरेगांव
Share on FacebookShare on X

1947 को भले ही अंग्रेजों से हमें आजादी मिल गयी हो लेकिन अंग्रेजों की “फूट डालो और राज करो” कि नीति से आज भी देश जूझ रहा है। 200 साल तक अंग्रेजों इसी तरह हमें आपस में बाँट कर राज किया था लेकिन अब 70 वर्ष बाद भी इसमें कमी दिखाई नहीं दे रही है। अंग्रेजों की यही नीति का इस्तेमाल कर कुछ अराजक तत्व पुणे समेत पूरे महाराष्ट्र को जातीय हिंसा की आग में झोंकने के लिए उतारू है। नए साल के मौके पर महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई का जश्न मनाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया लेकिन ये कार्यक्रम हिंसक झड़प में तब्दील हो गया जिसमें 50 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 150 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई। इस झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और इलाके में तनाव फैल गया । दलित संगठन, पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों के शौर्य दिवस को हर साल धूमधाम से मनाते हैं । अब इस तनाव ने पूरी तरह राजनीतिक रूप ले लिया है या यह कहे की राजनीति ने हिंसा का रूप ले लिया है।

क्या है कोरेगांव की लड़ाई का इतिहास

हिन्दवी स्वराज्य के जनक छत्रपति शिवाजी महाराज अपने सैन्य दल में हमेशा दलितों को शामिल करते रहे है। छत्रपति काल में किसी भी इतिहासकार ने कोई भेदभाव की घटना नहीं लिखी है हमेशा शिवाजी महाराज ने जातियों में तालमेल बनाते हुए हिन्दवी स्वराज्य के सपनों को लिए हिन्दुओं को एक धागे में पिरो दिया था लेकिन कुछ दशकों बाद पेशवा राज में (पेशवा जो जाति से ब्राह्मण लेकिन कर्म से क्षत्रिय होते है इनकी युद्ध कौशल नीति के कारण इन्हें मराठी सेना में सेना नायक बनाया जाता था) दलितों के साथ भेदभाव देखने को मिला जिसका एक बड़ा कारण अंग्रेजी हुकूमत भी थी जिसने देशवासियों को जातियों में बाँट कर राज किया था। इसी की ज्वाला दलितों के अन्दर हमेशा धधकती रही जिसके परिणाम स्वरूप भीमा कोरेगांव युद्ध में दलितों एक महार रेजिमेंट ने अंग्रेजों का साथ दिया और अपनों के खिलाफ ही युद्ध लड़ा लेकिन इसके पीछे का मकसद देशद्रोह नहीं बल्कि पेशवाई शासन से भेदभाव को मिटाना और अपने सम्मान को वापस पाने का था।1 जनवरी 1818 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य के पेशवा गुट के बीच, कोरेगांव भीमा में लड़ी गई ।

संबंधितपोस्ट

चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

भाजपा का राहुल गांधी पर करारा वार, लोकतंत्र के लिए बताया हानिकारक

और लोड करें

बाजीराव द्वितीय के नेतृत्व में लगभग 20 हजार मराठों को पुणे पर आक्रमण करना था । रास्ते में उनका सामना कंपनी की सैन्य शक्ति को मजबूत करने पुणे जा रही एक सैनिकों की टुकड़ी से हो गया । पेशवा ने कोरेगांव में तैनात इस कंपनी बल पर हमला करने के लिए 2 हजार सैनिक भेजे जो की अरब सैनिक थे । कप्तान फ्रांसिस स्टौण्टन के नेतृत्व में कंपनी के सैनिक लगभग 12 घंटे तक डटे रहे । अन्ततः जनरल जोसेफ स्मिथ की अगुवाई में एक बड़ी ब्रिटिश सेना के आगमन की संभावना के कारण मराठा सैन्य दल पीछे हट गए । अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति का ये एक और उदाहरण था जिसने हिन्दुओं को ही हिन्दुओं से लड़ा कर पुणे पर कब्ज़ा जमा अंग्रेजी ध्वज लहरा दिया था ।

भारतीय मूल के कंपनी सैनिकों में मुख्य रूप से बॉम्बे नेटिव इन्फैंट्री से संबंधित महार रेजिमेंट के सैनिक शामिल थे, और इसलिए दलित इस युद्ध को अपने इतिहास का एक वीरतापूर्ण प्रकरण मानते हैं। दलित इसे अपने सम्मान की लड़ाई मानते है जबकि अंग्रेजों ने इसे अंग्रेजी शासन का भारतीयों पर विजय के रूप में इतिहास में दर्ज किया है। इस युद्ध में मरे गए दलित सैनिकों की याद में कोरेगांव में अंग्रेजों ने भव्य क्रान्ति स्तम्भ बनाया जिससे आने वाले समय में यह देश इसी तरह बंटा रहे।

1 जनवरी 1927 को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने इस क्रांति स्तम्भ के दर्शन करने के बाद से यहाँ हर साल बहुतायत में उनके अनुयायी और तमाम दलित समाज समारोह में हिस्सा लेता रहा है। लेकिन 1 जनवरी 2018 को हुआ जो 200 सालों के इतिहास में कभी नहीं हुआ था।

मीडिया का इस घटना को जातीय रूप देने की कोशिश

पहली नजर में यह घटना पूर्णतः: जातीय हिंसा का गन्दा खेल नजर आती है। मानो मीडिया को पूरे हफ्ते भर का खजाना मिल गया हो। मीडिया पूरे घटना को इस तरह से फैला रही जैसे यह सच में पेशवा (ब्राह्मण) बनाम दलित की लड़ाई है।

मीडिया के कहेनुसार पहले कुछ हिन्दू संगठनों ने दुकानें बंद कर दलितों द्वारा हर साल मनाये जाने वाले इस जश्न का विरोध किया और फिर पत्थरबाजी शुरू हुई जिससे हिंसा भड़क गयी और इसने जातीय हिंसा का रूप ले लिया।अब सोचने वाली बात यह है अगर ब्राह्मणों को इसका विरोध ही करना होता तो वे 200 सालों तक इसका इन्तजार करने का क्या कारण हो सकता था। अगर विरोध होना था और यह प्रथा बंद करनी ही थी तो उस वक्त के भारत का जो काल पेशवाओं के लिए सबसे अनुकूल था क्योंकि समाज में कुप्रथा व्याप्त थी जिसमें पेशवा उच्च माने जाते थे और उनके लिए ऐसा करना आसान होता था, वे चाहते तो आसानी से बंद करवा सकते थे। तो ऐसी कौन सी इमरजेंसी थी की उन्हें 200 वर्षों बाद ही इस प्रथा का विरोध करना था। माने तार जोड़ते जाइए अब समझने की जरूरत है की आखिर ऐसा क्यों हुआ। ऐसा क्या हुआ की 200 वर्षों में पहली बार ब्राह्मणों ने इसका विरोध किया है और उन्हें यह अपमानित लगा हो। इस बात को जातीय हिंसा से ऊपर उठकर देखना होगा।

यह घटना जातीय हिंसा या राजनीति? क्या है दंगे के पीछे की राजनीतिक चाल?

मीडिया द्वारा फैलाये जा रहे इस जातीय दंगे के पीछे की राजनीतिक चाल को समझने की जरूरत है। कांग्रेस और तमाम विपक्ष जिसमें वामी, आप, राष्ट्रवादी, सपा, बसपा 2014 के बाद से ही अस्वस्थ है। 2014 के पहले तक जातियों में बंटा हिन्दू पहली बार एकजुट होकर तुष्टिकरण की राजनीति को उखाड़ फेंकने के लिए वोट देने निकला और एक जात पात से ऊपर उठकर सभी समाज चाहे ब्राह्मण दलित पिछड़ा वर्ग सब ने एकजुट होकर कांग्रेस सरकार की जातिगत राजनीति को उखाड़ फेंका।

2014 के पहले तक देखे तो देश में हिन्दू समाज बंटा हुआ था। पूर्ण बहुमत की सरकार होना मानो सपना था हर पार्टी का इसका कारण देश जातीय संघर्षों का गुलाम हो चूका था। कांग्रेस का 70 वर्षों का जातिवाद का जहर फन फैलाये देश के सामने चुनौती बना खड़ा था। कई हद तक कांग्रेस इसे जरी रखना चाहती थी। समाज को जातियों में बांटे रखना चाहती थी। अगर उस वक्त तक कोई समाज एकजुट था तो वो है मुस्लिम समाज जिसका सीधा सा फायदा कांग्रेस को हर चुनाव में मिलता था। हिन्दुओं में फूट होने के कारण वोट बंट जाता था यही कारण था की 18 प्रतिशत की आबादी के बावजूद सभी पार्टियाँ मुस्लिम समाज के आगे नतमस्तक थी। इधर हिन्दुओं बहुसंख्यक होते हुए भी लाचार थे।

2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ कांग्रेस का जातिवाद का एकमात्र तिलिस्म भी टूट गया जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 30 वर्षों के बाद प्रचंड बहुमत हासिल किया और पूर्ण बहुमत की सरकार बनायीं। इस बहुमत के पीछे का सबसे बड़ा कारण था हिन्दू एकता। 2014 में नरेन्द्र मोदी ने हिन्दुओं को जातीयता से ऊपर उठकर एक सूत्र में पिरोने का कम किया जिसका परिणाम हिन्दुओं ने एक होकर वोट किया। इस प्रचंड बहुमत से घबराई कांग्रेस के लिए आने वाला समय और भी भयानक होता चला गया। उसके बाद के अनेक चुनावों में कांग्रेस की जातीयता की राजनीति औंधे मुंह गिरी और बीजेपी को बम्पर वोटिंग का फायदा हुआ हिन्दू एकता, हिन्दू वोट बैंक बनकर उभरने लगी। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़े राज्य में देखने को मिला जहाँ बीजेपी ने केवल और केवल हिंदुत्व के सहारे 325 सीटें पाकर सरे रिकार्ड तोड़ दिए। अब हिन्दू और मजबूती से उभरने लगा था जो कांगेस की आखों में खलना लाजमी था क्योंकि जबतक हिन्दू बंटा रहेगा तबतक ही कांग्रेस जीतेगी यह भारतीय राजनीति का सबसे सीधा गणित रहा है।

क्या विपक्ष जिग्नेश मेवानी-उमर खालिद जैसे अराजक तत्वों के सहारे 2019 की तैयारी कर रहा है?

सभी तरफ से हार का मुंह देख रही कांग्रेस जब राहुल को चाह कर भी जीता नहीं पायी तो गुजरात चुनाव में फिर एक बार कांग्रेस ने अपना पुराना दांव खेला। 22 साल के बीजेपी सरकार की एंटी इन्कम्बंसी का फायदा उठाने के लिए पूरी ताकत झोक हिन्दुओं को ओबीसी, दलित और पाटीदार जाती में बांटा और इसका फायदा भी कांग्रेस को मिला  लेकिन कांग्रेस फिर एक बार सरकार बनाने से चूक गयी लेकिन कांग्रेस को समझ आ गया की अगर 2019 में बीजेपी को हराना है तो हिन्दुओं को जातियों में बाँट कर आपस में लडाना होगा जिससे हिन्दू वोट बंटेगा जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। गुजरात से तीनों जातियों के युवा नेता के सहारे कांग्रेस ने अपना वोट प्रतिशत में इजाफा किया। इनमें से एक दलित नेता जिग्नेश मेवानी कांग्रेस का ही नहीं मीडिया का भी पोस्टर बॉय बनकर उभरा है। कन्हय्या कुमार के बाद जिग्नेश मेवानी ही वो चेहरा है जो कांग्रेस और विपक्ष के जातिवाद की आग को फैलाने में अहम भूमिका निभाएगा।

भीमा कोरेगांव के शौर्य दिवस कार्यक्रम में जिग्नेश मेवानी प्रमुख अतिथि था लेकिन कार्यक्रम से दो दिन पहले यानी 30 दिसंबर 2017 को उसकी सभा रखी गयी थी। सभा स्थल था पेशवाई का प्रतीक पुणे का शनिवारवाडा जहाँ जिग्नेश मेवानी ने अपना भाषण दिया। इस भाषण में जिग्नेश ने सरकार से लेकर प्रधानमंत्री मोदी, संघ और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक सभी पर आग उगली और हिन्दुओं पर भड़काऊ भाषण दिया। जिग्नेश के इस भाषण ने सारी हदें पार कर दी यह भाषण एक सभा कम बल्कि दलितों को उकसाने का एक षड्यंत्र लग रहा था। यह एक षड्यंत्र ही था की कार्यक्रम के 2 दिन पहले पुणे शहर के मुख्य परिसर में सभा लेना, उस भाषण में शब्दों का चुनाव बेहद शर्मनाक होना, दलितों को रोड पर उतरकर विरोध करने के लिए ललकारना यह सब किसी अनहोनी की ओर इशारा कर ही रहा था।

इससे पहले की महाराष्ट्र की फडनवीस सरकार कुछ कर पाती भीमा कोरेगांव के कार्यक्रम में यह घटना को अंजाम दिया गया। हालाँकि महाराष्ट्र सरकार ने इसके जांच के आर्डर दे दिए है लेकिन बड़ी मुश्किल से इस पर कण्ट्रोल पाया गया।

शनिवारवाडा में ली गयी जिग्नेश की सभा पर संशय होना इसलिए भी जरूरी लगता है क्योंकि दलितों के इस कार्यक्रम में जिग्नेश मेवानी के अलावा “भारत तेरे टुकड़े होंगे” का मास्टरमाइंड उमर खालिद जिग्नेश के साथ मौजूद था। अब सवाल यह उठता है की दलित समाज के कार्यक्रम में उमर खालिद को किस मकसद से बुलाया गया था। उसको पुणे के इस कार्यक्रम में बुलाने के पीछे का मकसद क्या था? उमर खालिद पर देशद्रोह का केस चल रहा है ऐसे देशद्रोह के आरोपी को किसी कार्यक्रम में अतिथि बनना एक बड़े घटना को अंजाम देने की आशंका का होना लाजमी है। जेएनयु में उमर खालिद और कन्हय्या कुमार में देश को अन्दर से तोड़ने की एक नाकाम कोशिश की थी। उमर खालिद के तार कश्मीर के पत्थर बाजों के साथ भी जुड़ते पाए गए थे ऐसे में भीमा कोरेगांव के तार भी जेएनयु से लेकर गुजरात की जातिगत राजनीति और कांग्रेस का इतिहास से जुड़ते दिखाई देते है।

कांग्रेस और पूरा विपक्ष अपने फायदे के लिए इस घटना को बड़ा कर इसे संसद तक लेकर जायेगा और इस आग में तेल डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। 2019 चुनाव को कुछ महीने ही बचे है ऐसे में विपक्ष इस तरीके की हर घटना को बढ़ावा देकर हिन्दुओं को जातियों में जल्द से जल्द बांटना होगा जिससे 2019 में जातिगत राजनीति से निकले वोटों को कैश किया जा सके। अगर इसके पीछे की राजनीति यही है तो आने वाले दिनों में यह घटना और भी बड़ी होने के आशंका है और अगर ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल भीमा कोरेगांव में दलितों संघटनों से मुलाकात करने जाते है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए । जहाँ एक ओर 2018 का साल देश को एक नए मुकाम पर ले जायेगा, एक नए कीर्तिमान बनाने की दिशा में कदम रखेगा वहीँ देश को अराजक और देशविरोधी तत्वों की इस तरह की घटना का साक्षी भी बनना होगा। उम्मीद है मोदी सरकार इस बात को समझते हुए आने वाले समय में विपक्ष की इस चाल को पहले से भांप कर कुछ कड़े कदम उठाये जिससे समाज को तोड़ने की मंशा को नाकाम किया जा सकें।

Tags: उमर खालिदकांग्रेसकोरेगांवजिग्नेश मेवानीदलितपेशवाब्राह्मण
शेयर952ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

तो क्या बंद होने वाला है एनडीटीवी?

अगली पोस्ट

मिलिए शहरी नक्सली गैंग से जिन्होंने पुणे में दलितों के नाम पर अपना उल्लू सीधा किया

संबंधित पोस्ट

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन
मत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

9 August 2025

आज घटित हुई एक छोटी सी घटना इस लेख का कारण बनी। कई दिनों की लंबी यात्रा के बाद पिछले कल गाज़ियाबाद पहुंचा था। परिवार...

भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?
इतिहास

भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

8 August 2025

अगले कल अर्थात शनिवार 9 अगस्त को 'विश्व मूलनिवासी दिवस', विश्व के कुछ हिस्सों मे मनाया जाएगा। वामपंथियों ने, 'फॉल्ट लाईन चौडी करने' की रणनीति...

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी
भारत

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

5 August 2025

स्वतंत्रता के बाद से देश में कई आंदोलन हुए। इसी कड़ी में तीन ऐसी यात्राएं हैं, जिन्होंने देश की तस्वीर तो बदली ही, ऐसी सरकार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Legal Expert: Inside Sanjay Kapoor's Rs 18,000 Cr property Distribution

Legal Expert: Inside Sanjay Kapoor's Rs 18,000 Cr property Distribution

00:10:19

From jewellery to petroleum, know all about key exports at risk under Trump's 50% tariffs

00:04:28

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

00:20:21

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

00:05:52

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited