कांग्रेस को कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले एक और झटका लगा है। दरअसल, अब जेडी(एस) के साथ उसका गठबंधन लगभग असंभव हो गया है। ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है जो सत्ता में बने रहने के लिए व्यर्थ प्रयास कर रही है।
दोनों पार्टियों के बीच काफी समय से तनातनी है जो अब और बढ़ती हुई नजर आ रही है। हालांकि, इस तथ्य से सभी वाकिफ हैं कि दोनों ही पार्टी के नेता एक दूसरे को एक आँख नहीं भाते और ये बात तब और साफ हो गयी जब एक रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जेडी (एस) के अनुभवी नेता देवगौड़ा के खिलाफ व्यक्तिगत आरोपों की ‘चिट’ पढ़ डाली थी। राहुल गांधी ने देवेगौड़ा को बीजेपी की ‘बी’ टीम भी कहा था और उन्हें अपने धर्मनिरपेक्ष प्रमाणपत्र को साबित करने के लिए भी कहा था। पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा इस तरह की टिप्पणियों के बाद आक्रोशित हो गये थे और फिर पूरे प्रभाव के साथ उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने राहुल गांधी को क्षेत्र में सावधान रहने के लिए चेतावनी दी थी और ये भी कहा था कि वो इस तरह के गैर-जिम्मेदार बयानों को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करेंगे। यहां तक कि देवगौड़ा ने राहुल गांधी को अनुभवहीन कहा था और उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष में परिपक्वता की कमी है।
राहुल गांधी द्वारा आकस्मिक और अपमानजनक बयान पर देवगौड़ा ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा और उनके प्रधानमंत्री पद के दौरान समर्थन वापस लेने के लिए विश्वासघाती बताया। दरअसल, देवगौड़ा ने ये साफ़ कर दिया है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं उठता और वो विपक्षी बेंच पर बैठना ज्यादा पसंद करेंगे। पीएम मोदी को “उत्तरी आयात” कहने से लेकर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गैर-जिम्मेदार बयान देने तक कांग्रेस ने एक के बाद एक गलती करने की श्रृंखला को बरकरार रखा है।
पीएम मोदी ने स्थिति को अच्छी तरह से भांप लिया था और फिर सही समय पर कांग्रेस के खिलाफ जवाबी हमले शुरू कर दिए। देवगौड़ा के प्रति सहानुभूतिपूर्ण विचार प्रकट करते हुए पीएम मोदी ने चुनावी सभाओं में कर्नाटक के सम्मानित नेता देवगौड़ा जी का अपमान करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की गंभीर आलोचना की। पीएम मोदी ने देवेगौड़ा जी के लिए सम्मानीय शब्दों प्रयोग किया और उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद एक सीमा होती है जिसे कभी पार नहीं करना चाहिए।
पीएम मोदी द्वारा की गयी तारीफ को देवगौड़ा ने कम करने की कोशिश की लेकिन देवगौड़ा पीएम मोदी की तारीफ से पिघल गये थे तभी तो कोशिशों के बावजूद भी वो कांग्रेस के प्रति क्रोध और बीजेपी के प्रति अपने नर्म दृष्टिकोण को नहीं छुपा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीएम ने जो कहा है वही काफी है। उन्होंने याद किया कि कैसे उन्होंने मोदी सत्ता में आने की संभावना पर राजनीति छोड़ने की शपथ ली थी। हालांकि, जब देवगौड़ा अपना इस्तीफा पत्र देने गये थे तब पीएम मोदी ने सभी राजनीतिक मतभेदों को भुला दिया और स्पष्ट किया कि ‘हम राजनीतिक अभियानों के गर्म माहौल में जो भी कहते हैं उसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए’। पीएम मोदी द्वारा मित्रवत इशारे के पल को याद करते हुए उन्होंने साफ संकेत दिया कि कर्नाटक चुनाव के बाद भी जेडी(एस)-कांग्रेस गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।