उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम मंदिर के पक्ष में दृढ़ता से सामने आये हैं। श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणि रामदास जी छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास के 80 वें जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या पहुंचे थे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दौरान राम मंदिर के मुद्दे को लेकर मुखर थे। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या में ‘संत सम्मेलन’ को सम्बोधित करने के दौरान योगी ने कहा, ‘भगवान राम ब्रह्माण्ड के स्वामी हैं। जाहिर है कि अयोध्या पर उनकी कृपा रही है ऐसे में अयोध्या में मंदिर का निर्माण होगा और इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।‘
राम मंदिर कब बनाया जायेगा इस सवाल के साथ कई संतों ने सीएम योगी को घेरने की कोशिश की। सीएम योगी ने उनसे धैर्य रखने के लिए कहा और याद दिलाया कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। उन्होंने कहा, “आप सभी (संतो) को ये नहीं भूलना चाहिए कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। राम मंदिर के निर्माण से पहले हमें सभी तथ्यों को ध्यान में रखना होगा। इस मामले में मैं संतों की भावनाओं को समझता हूं और जितने लोग यहां बैठे हैं वो सभी इस मुद्दे के प्रति समानुभूति रखते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए। राम मंदिर निश्चित तौर पर यहीं बनाया जायेगा।” सीएम के आश्वासन को बड़ी संख्या में वाहवाही मिली और ‘जय श्री राम’ के नारे गूंजने लगे। ये बयान बेहद महत्वपूर्ण है। योगी के आत्मविश्वास से ये स्पष्ट है कि कांग्रेस द्वारा उत्पन्न की जा रहीं कई बाधाओं के बावजूद राम मंदिर को बनवाने के लिए कार्य तेजी से चल रहा है और बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को लेकर गंभीर है।
सीएम योगी ने वर्षों से अयोध्या की उपेक्षा करने और बिजली और जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं को न प्रदान करने के लिए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को फटकार लगाई। उन्होंने बताया कि वो कैसे पूर्व मंत्रियों के विपरीत अयोध्या और राम मंदिर के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम योगी ने कहा, “पिछले 15 वर्षों में कितने मुख्यमंत्रियों ने अयोध्या का दौरा किया है? अयोध्या वर्षों से उपेक्षित रहा है। यहां बिजली और जल आपूर्ति बुनियादी सुविधाओं की कमी है। यहां स्वछता मुख्य मुद्दा था। यहां तक कि सरयू आरती भी पूर्व सरकार द्वारा बंद करवा दी गयी थी। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से बदलाव आना शुरू हुआ है और सरयू आरती एक बार से फिर से शुरू हो गई है।“
उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर पाखंड के शर्मनाक प्रदर्शन पर भी हमला किया। उन्होंने कांग्रेस के पाखंडों पर जोरदार हमला किया और कहा, “एक तरफ वो कोर्ट में याचिका दायर करते हैं और ये सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि सुनवाई 2019 से पहले न हो सके। वहीं दूसरी तरफ, वो कहते हैं कि बीजेपी इस दिशा में कुछ भी नहीं कर रही है। अंततः ये बीजेपी हो या कोई और सरकार इस दिशा में संवैधानिक तरीके से समाधान के लिए प्रयास किये जायेंगे।”
ये पहली बार है जब राज्य के पास एक ऐसा मुख्यमंत्री है जो राम मंदिर के मुद्दे को लेकर स्पष्ट हैं और ये सुनिश्चित करने के लिए वो अपने स्तर पर सर्वोत्तम प्रयास कर रहे हैं ताकि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द शुरू हो सके। ऐसे में यदि अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट के अपेक्षित फैसले के ठीक बाद राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया जाता है तब इसे लेकर किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा।