रुद्र हनुमान के बाद, कलाकार करण आचार्य भगवान राम की तस्वीर के साथ आये वापस

करण आचार्य राम

देश भर में तेजी से वायरल हुए रूद्र हनुमान (गुस्से वाले हनुमान) की तस्वीर को बनाने वाले मैंगलोर के कलाकार करण आचार्य अब भगवान राम की एक खास तस्वीर के साथ वापस आ गये हैं।

करण आचार्य के द्वारा बनाई गयी भगवान राम की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इससे पहले उनके द्वारा रूद्र हनुमान की बनाई गयी तस्वीर सोशल मीडिया और देश की तमाम गाड़ियों की विंड शील्ड, टी-शर्ट आदि पर खूब देखा गया। रूद्र हनुमान की कलाकृति हमेशा से जो छवि हनुमान की चित्रित की जाती रही है उससे काफी अद्वितीय थी। यहां तक कि पीएम मोदी ने रूद्र हनुमान की तस्वीर का उल्लेख किया था और ” मैंगलूर का गौरव” कहकर करण आचार्य के कला की सराहना की थी और कांग्रेस द्वारा करण आचार्य पर उनकी कला के लिए हमले की धज्जियां उड़ा दी थी। ये सब कर्नाटक के चुनावी अभियान के दौरान शुरू हुआ था जब कर्नाटक का विधानसभा चुनाव अपने चरम पर था।

कलाकार करण आचार्य अपनी पत्नी पूजा, भाई गुरुदीप और दोस्त हेविश के साथ मिलकर परिधि मीडिया वर्क्स नाम से एक कंपनी चलाते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की तस्वीर को लेकर अपने विचार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, “एक महीने पहले मैंने भगवान राम की तस्वीर को तैयार किया था और अब इसे टी-शर्ट पर प्रिंट कर लोगों के बीच लाने का विचार कर रहा हूं।”

गुरुवार को बेंगलुरू में उनकी टी-शर्ट लांच की गयी थी और शहर में इसे लेकर काफी उत्साह देखा गया। सोशल मीडिया पर इस दूसरी तस्वीर को लेकर काफी चर्चा शुरू हो गयी है। करण आचार्य ने कहा कि, हमने गुरुवार को बेंगलुरू में श्री राम की तस्वीर वाली टी-शर्ट लांच की थी। “रामायण मास का पालन करने वालों के लिए इससे जुड़ी एक तस्वीर मैंने सोशल मीडिया पर भी शेयर की थी। इस तरह की प्रतिक्रिया की मुझे उम्मीद नहीं थी।” करण आचार्य ने भगवान राम की सौम्य तस्वीर बनाने के पीछे का करण आचार्य बताते हुए कहा, “मैंने भगवान राम की जो तस्वीर बनाई है वो उस समय के भावशून्यता को दर्शाता है जब वो रावण का वधं करने जा रहे थे।’

इस कलाकृति पर एक नजर डालें:

ऋषि वाल्मीकि ने रामायण के युद्ध के क्षण को निम्नलिखित दो श्लोकों में वर्णन किया है:

स रावणाय संक्रुद्धो भृशमायम्य कार्मुकम् |
चिक्षेप परमायत्तः शरं मर्मविदारणम् ||

कुपित होकर श्री राम ने अपने धनुष की प्रत्यंचा खींची और रावण की ओर लक्ष्य करके एक मर्मभेदी बाण का संधान किया

स वज्र इव दुर्धर्षो वज्रिबाहुविसर्जितः |
कृतान्त इव चावार्यो न्यपतद्रावणोरसि ||

वह बाण जो इंद्र के हाथों से प्रहार किये वज्र के समान अमोघ था और यम के पाश के सदृश अकाट्य था, वो रावण के मर्मस्थल पर जा लगा

ये कहने की जरूरत नहीं है कि भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्री राम का जन्म लंका के राजा और राक्षस रावण को मारने के लिए हुआ था। इस तस्वीर में श्री राम के सौम्य दृश्य, उनके उड़ते बाल और केंद्रित आंखों के जरिये श्री राम के उस भाव को दिखाया गया है, जब वह रणभूमि में रावण का वध करने जा रहे थे।

करण आचार्य ने बताया की जब उन्होंने रूद्र हनुमान की तस्वीर लॉन्च की थी तब उनके मन में कोई स्वार्थ हित की भावना नहीं थी लेकिन कई कंपनियों ने बिना उनकी अनुमति के इस तस्वीर से खूब लाभ कमाया। इस बार करण आचार्य ने उम्मीद जताई है कि इस बार कंपनियां तस्वीर का इस्तेमाल करने से पहले उनसे अनुमति ले इसके लिए उन्होंने कॉपीराइट सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है और जल्द ही इसका पंजीकरण भी हो जाएगा। करण आचार्य को उम्मीद है कि भविष्य में बेहतर व्यवसाय सुनिश्चित करने के लिए कंपनियां अपनी इच्छा से उनके पास आयेंगी।

भविष्य में अपनी अगली योजना के बारे में बताते हुए करण आचार्य ने बताया कि अब वो माता सीता की तस्वीर पर काम करने की योजना बना रहे हैं। करण आचार्य ने कहा कि, “कई लोगों ने मुझे भगवान नरसिंह और भगत सिंह की तस्वीर बनाने का सुझाव दिया है लेकिन मैं अब सीता की तस्वीर पर काम करने की सोच रहा हूं और इससे मैं नारी शक्ति पर जोर देना चाहता हूं।”

ऐसी पीढ़ी जो इंस्टाग्राम और म्यूजिक के पीछे भागती है उस भीड़ में करण आचार्य सबसे अलग खड़े हुए नजर आते हैं। हिंदू धर्म की मूल जड़ों से विमुख हो रहे किशोरों को वापस उनके धर्म की ओर लाने का ये बहुत ही शानदार तरीका है। ये कहना गलत नहीं होगा कि सुपरमैन से हनुमान तक का ये बदलाव सुचारू रहा और बढ़िया प्रतिक्रिया भी मिली है। उम्मीद करते हैं कि भगवान श्री राम की इस तस्वीर को भी बेहतरीन प्रतिक्रिया मिले।

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