तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार को विधानसभा भंग करने का फैसला किया और इसी के साथ समय से पूर्व चुनाव होने का रास्ता साफ़ हो गया है। हैदराबाद में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी जिसमें ये फैसला लिया गया और राज्यपाल ने भी इसपर अपनी मुहर लगा दी है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अपने बयान में राहुल गांधी को ‘देश का सबसे बड़ा मसखरा’ बता दिया और कहा कि वो जितनी बार हमारे राज्य में आयेंगे हम उतनी ज्यादा सीटें जीतेंगे।
Everyone knows what Rahul Gandhi is…the biggest buffoon in the country. Whole country has seen how he went to Mr Narendra Modi and hugged him, the way he is winking. He is a property for us, the more he comes (to Telangana) the more seats we will win: K Chandrashekhar Rao pic.twitter.com/PjAD4rXr9C
— ANI (@ANI) September 6, 2018
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने अपने बयान में कहा, “सभी जानते हैं राहुल गांधी क्या हैं, देश के सबसे बड़े मसखरे। पूरे देश ने देखा, वो किस तरह पीएम नरेंद्र मोदी के पास गए और उन्हें गले लगाया, और फिर किस तरह आंख मारी। वो हमारे लिए संपत्ति की तरह हैं जितनी ज़्यादा बार वो तेलंगाना आएंगे, हम उतनी ही ज़्यादा सीटें जीतेंगे।” केसीआर ने अपने बयान से कांग्रेस की रणनीतियों पर जोरदार प्रहार किया है जो 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी को पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करना चाहती है। ये बयान दर्शाता है कि आज के राजनीतिक परिदृश्य में राहुल गांधी किस तरह के सम्मान का आनंद उठा रहे हैं। सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि राज्यों के विपक्षी दल भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेते और न ही उनपर प्रत्यक्ष रूप से हमला करने से डरते हैं। विपक्षी दल किसी नेता को कितनी गंभीरता से लेते हैं वो एक राजनेता के कद को दर्शाता है। राहुल गांधी को विपक्षी पार्टियां राज्य स्तर पर भी खतरा नहीं मानती। तेलंगाना के गठन के बाद से ही केसीआर राज्य में सत्ता में है और समय से पूर्व चुनाव होने पर ही उन्हें कांग्रेस से कोई डर नहीं है जबकि तेलंगाना कांग्रेस ने इस फैसले की आलोचना शुरू कर दी है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख प्रवक्ता श्रवण दासोजु ने कहा, ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी पार्टी और टीआरएस अध्यक्ष राव के बीच ‘संदिग्ध समझौता’ हुआ है यही वजह है कि राज्य में समय से पूर्व चुनाव करवाना चाहते हैं।
केसीआर और टीआरएस भले ही प्रत्यक्ष रूप से एनडीए का समर्थन नहीं कर रहे लेकिन समय समय पर एनडीए का समर्थन किया है। राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव के दौरान केसीआर ने एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन किया था। ऐसा तब हुआ जब एनडीए उम्मीदवार जेडीयू नेता थे और तब नितीश कुमार को केसीआर को समर्थन के लिए कहा था। बीजेपी तेलंगाना में अपने दम पर कुछ सीट जीतना चाहती है और अगर इन दोनों पार्टियों के बीच कोई भी गठबंधन होता है तो राज्य में कांग्रेस के हाथ में कुछ नहीं आएगा। केसीआर ने राज्य में समय से पूर्व चुनाव की घोषणा करके न सिर्फ कंग्रेस के हाथ से राज्य में समर्थन हासिल करने का अवसर छीन लिया है बल्कि अपने बयान से टीआरएस की मजबूती को भी सामने रखा है और संयुक्त विपक्ष में शामिल न होने का भी संकेत दे दिया है।