राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू हो चुकी है। इस दौरान चर्चा का विषय, ‘भारत का भविष्यः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण’ है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। पहले दिन ही धार्मिक नेता, फिल्म कलाकार, खेल हस्तियां, उद्योगपति व विभिन्न देशों के राजनयिक व अन्य क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हुए। इस कार्यक्रम के जरिये आरएसएस देश के सभी लोगों को बताना चाहता है कि वो सिर्फ देश का हित चाहता है और उसी दिशा में कार्यरत है। साथ ही इस दौरान आरएसएस के दृष्टिकोण को भी मोहन भगवत ने सामने रखा। इस दौरान मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि, ” हमलोग स्पष्ट रूप से हिंसा के ख़िलाफ़ हैं। विविधता के प्रति सम्मान ही भारत की शक्ति है।” इस कार्यक्रम में नवाज के साथ-साथ अन्नू कपूर, मनीषा कोईराला, अन्नू मलिक जैसे स्टार्स नजर आये। यही नहीं फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री जो अक्सर सिनेमा की पार्टियों से भी दूरी बना कर रखती हैं वो भी इस कार्यक्रम में नजर आयीं। हालांकि, इस कार्यक्रम में नवाजुद्दीन सिद्दीकी का आना सभी के लिए आश्चर्य की बात थी क्योंकि हमेशा से ही आरएसएस पर अल्पसंख्यक विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में नवाज का इस कार्यक्रम में आना सभी के लिए हैरान कर देने वाली बात थी।
Delhi: Actors Manisha Koirala, Ravi Kishen,Annu Kapoor and others at RSS's 'Bhavishya ka Bharat' lecture series pic.twitter.com/54M4aGLwMp
— ANI (@ANI) September 17, 2018
सोमवार को जब नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दिल्ली में आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने मुलाकात की तो सभी की प्रतिक्रिया अलग अलग थी कोई कह रहा था कि नवाज अपनी फिल्म ‘मंटो’ का प्रमोशन करने गए थे तो कोई इसे ढोंग बता रहा था। वास्तव में नवाज को अपने फिल्म प्रमोशन के लिए न आरएसएस की कोई जरूरत नहीं है और न ही उन्हीं उनकी कोई दिलचस्पी नजर आती है। नवाज ने न सिर्फ मोहन भागवत से मुलाक़ात की बल्कि बातचीत भी। यही नहीं मोहन भागवत ने नवाज के काम की तारीफ भी की। ये दर्शाता है कि आरएसएस अल्पसंख्यकों की विरोधी नहीं है साथ ही वो अन्य विचारधारों का भी सम्मान करता है जिन्होंने देश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और निभा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अपना विजन रखते हुए स्पष्ट किया कि देश के निर्माण में जिन लोगों ने भी भूमिका अदा की संघ ने हमेशा उनका स्वागत किया है। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए देश की आजादी में कांग्रेस के योगदान की भी प्रशंसा की और कहा कि, “देश में कांग्रेस के रूप में बड़े स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई, जिसने कई महान व्यक्तित्व दिए।”
Congress ke roop mein ek bada andolan (freedom movement) sare desh mein khada hua, usmein bhi anek sarvasv tyagi mahapurush jinki prerna aaj bhi hamari jeevan ki prerna mein kaam karti hai aise paeda hue: RSS Chief Mohan Bhagwat at RSS's lecture series in Delhi, earlier today. pic.twitter.com/Z1MJUftk7S
— ANI (@ANI) September 17, 2018
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान न करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि संघ भारत के तिरंगे का सम्मान करता है और भगवा ध्वज को गुरु मानता है। स्वयंसेवक संघ हर साल भगवा ध्वज को अपने गुरु दक्षिणा देते हैं जिससे ये संगठन चलता है।
गौर हो कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निमंत्रण भेजे जाने की भी चर्चा थी लेकिन कांग्रेस ने ऐसा कोई निमंत्रण मिलने की बात से इंकार किया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव पहले ही इस कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर चुके हैं। इससे पहले राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित किया था। कांग्रेस के विपरीत आरएसएस ने हमेशा ही गैर संघ सदस्यों का स्वागत किया है उन्हें अपने कार्यक्रम में निमंत्रण देकर खुले विचारों को दर्शाता रहा है। यही वजह थी कि सिर्फ प्रणब दा ने कार्यक्रम में हिस्सा ही नहीं लिया बल्कि संघ के संस्थापक और देश के प्रति निस्वार्थ भावना से सेवा के लिए संघ की सराहना भी की थी। प्रणब दा का बयान उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बिल्कुल रास नहीं आया था।
वास्तव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस कार्यक्रम के जरिये उन लोगों को संदेश देना चाहता है जो आरएसएस की विचारधारा पर सवाल करते हैं कि वो अन्य क्षेत्रों के लोगों और विचारों का सम्मान नहीं करता है।