यूएस ओपन 2018 के महिला एकल वर्ग के फाइनल मैच में 23 ग्रैंड स्लैम जीतने वालीं सेरेना विलियम्स को हार मिली। जापान की 20 वर्षीय नाओमी ओसाका ने फाइनल मुकाबले में सेरेना विलियम्स पर 6-2, 6-4 से हराकर ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम कर लिया। ये मैच खत्म हो चुका है लेकिन फिर भी चर्चा में बना हुआ है क्योंकि मैच के दौरान सेरेना विलियम्स ने अंपायर को कुछ ऐसा कह दिया जिससे विवाद खड़ा हो गया है। मैच के दौरान नाओमी ओसाका ने सेरेना को हराया और इस हार के गुस्से में सेरेना ने अपना रैकेट तक तोड़ दिया और अंपायर को ‘चोर’ भी कहा। मैच तो खत्म हो गया लेकिन ये विवाद सुर्ख़ियों में छाया हुआ है।
सेरेना विलियम्स के कोच पैट्रिक मॉरटोगलु मैच के दौरान सेरेना को कुछ इशारे कर रहे थे जिसे देखते हुए नियमों का उल्लंघन करने के लिए अंपायर ने चेतावनी दी। इसके बाद सेरेना पर फाइनल मैच के दूसरे सेट के दौरान अपने कोच से इशारों में मदद लेने पर मैच के अंपायर पुर्तगाल के कार्लोस रामोस ने अंक का दंड लगाया था। इसपर सेरेना ने अपना आपा खो दिया और अंपायर पर ही उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर कर दिया। बाद में कोच पैट्रिक मॉरटोगलु स्वीकार किया कि उन्होंने यूएस ओपन फाइनल में सेरेना की मदद (कोचिंग) की थी। ऐसे में अंपायर ने सेरेना पर मैच के दौरान जो पेनाल्टी लगाई थी वो सही था क्योंकि यहां नियमों का उल्लंघन हुआ था।
इस मैच के दौरान दूसरी बड़ी गलती सेरेना ने तब की जब अपने गुस्से में उन्होंने अपना रैकेट जमीन पर फेंक दिया और अंपायर को अपशब्द कहा। उनका ये व्यवहार मैच के दौरान नियमों का उल्लंघन था। भीड़ ने अपनी पसंदीदा खिलाड़ी के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया और अंपायर को वापस जाने के लिए कहने लगे। अंक का दंड लगने पर सेरेना ने चिल्लाते हुए कहा, “मैं जीतने के लिए बेईमानी नहीं करती। मेरी एक बेटी है और मैं सच के लिए खड़ी होती हूँ। मैंने कभी बेईमानी नहीं की।” सेरेना यही नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा आज के बाद तुम मेरे किसी भी मैच का हिस्सा नहीं बनोगे। तुम झूठे हो और इसके लिए तुम्हें मुझसे माफी मांगनी चाहिए। तुमने मुझसे मैच का एक अंक छीन लिया और इसलिए तुम ‘चोर’ भी हो।“ इसके बाद अंपायर ने नियमों के उल्लंघन करार देते हुए सेरेना पर पेनाल्टी लगा दी थी।
You cannot continue to degrade a person and expect them not to finally pounce back. @serenawilliams has consistently displayed perseverance and grace but she is not to be made a fool of. “Let this be a remind to all… I don’t cheat to win, I’d rather lose.” #usopen pic.twitter.com/5Vwlebh7yx
— Ryan Jamaal Swain (@RyanJamaal) September 8, 2018
यहां हैरान कर देने वाली बात ये थी कि वामपंथी प्रभुत्व वाली मीडिया हाउस ने सच नहीं दिखाया बल्कि सेरेना का पक्ष लिया और अंपायर को कट्टरपंथी कहा जिसने खिलाड़ी के साथ भेदभाव किया। जबकि अंपायर ने कुछ भी गलत नहीं किया था। अंपायर ने सिर्फ नियमों का पालन करते हुए एक खिलाड़ी पर पेनाल्टी लगाई थी जिसने मैच के मैदान में अंपायर को अपशब्द कहा और चिल्लाई थी।
ये पहली बार नहीं था जब सेरेना विलियम्स जब विवादों में फंसी हैं वो पहले भी इस तरह के विवाद में फंस चुकी हैं। साल 2009 में किम क्लाइस्टर्स के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में भी सेरेना ने चेयर अंपायर के खिलाफ अपशब्द कहे थे।
सेरेना आने वाले समय में भी तो अपने करियर का 24 वां और माँ बनने के बाद से अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीतकर वो सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बन सकती थीं। ये दुखद है कि उन्होंने हार को बर्दाश्त न कर पाने की क्षमता को सामने रख दिया और अंपायर ही झला उठीं। वो एक बड़ी खिलाड़ी हैं और उन्हें इस बात भी अनुभव होगा कि खेल के मैदान में हमेशा जीत नहीं होती और खेल के दौरान खेल की भावना मन में रहनी चाहिए। हालांकि, सेरेना को अपने किये की सजा मिल गयी है। टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स पर अमेरिकी ओपन के आयोजक ने टेनिस नियमों का उल्लंघन करने के लिए 17,000 डॉलर (लगभग 12।5 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है।