कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जनता के समर्थन से बीजेपी में काफी उत्साह है और यकीन है कि दक्षिण राज्यों में वो अपनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करने में सफल होगी। ऐसे में स्वामी परिपूर्णानंद दक्षिण के आंध्र और तेलंगाना जैसे राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के लिए नयी उम्मीद बनकर अपने शहर लौट आये हैं। हैदराबाद में जोर-शोर से परिपूर्णानंद का स्वागत किया गया।
स्वामी परिपूर्णानंद आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा में स्थित श्रीपीठम मठ के महंत हैं। मंगलवार (4 सितम्बर) को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं समेत बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्री राम’ के नारों के साथ स्वामी परिपूर्णानंद स्वागत किया। परिपूर्णानंद करीब दो महीने बाद लौटे हैं। परिपूर्णानंद का प्रवेश तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद में प्रतिबंधित कर दिया था और उनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था। हिंदू देवताओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए फिल्म आलोचक काठी महेश को शहर से बाहर करने के दो दिन बाद ये कार्रवाई की गयी थी। हालांकि, अगस्त में आंध्र-तेलंगाना उच्च न्यायालय ने ये आदेश रद्द कर दिया. हैदराबाद से बाहर निकाले जाने पर परिपूर्णानंद ने पाने बयान में कहा, “गुंडों और राष्ट्र-विरोधी तत्वों की बजाय उन्हें बाहर किया गया। इस तरह कि स्थिति पाकिस्तान में भी नहीं है। ये तेलंगाना की सत्तारूढ़ सरकार के ‘हिंदू विरोधी’ रुख को दर्शाता है।” अपनी वापसी पर स्वामी ने हाथ हिलाते हुए कहा, “मैं धर्म के लिए मरने के लिए तैयार हूं। और सभी हिंदुओं को एकजुट करूँगा।”
खबरों की मानें दक्षिण में आरएसएस परिपूर्णानंद को ‘दक्षिण का योगी आदित्यनाथ’ मानता है। दक्षिण तेलंगाना में जहां जनसांख्यिक घनत्व (लगभग 20 % मुस्लिम आबादी है) उसे देखते हुए बहुतायत हिंदू समुदाय को एकजुट करने में स्वामी परिपूर्णानंद की भूमिका अहम हो सकती है। स्वामी परिपूर्णानंद आदिवासियों में काफी लोकप्रिय हैं और सभी हिंदू उनका सम्मान करते हैं। ऐसे में वो हिंदुओं को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाकर बीजेपी के प्रयासों में और तेजी ला सकते हैं। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी विधायक उप्पल ने अपने एक बयान में परिपूर्णानंद के राजनीति में प्रवेश को लेकर एक बयान में कहा था , “मैं पहले ही तेलंगाना विधानसभा के अंदर बोल चुका हूं कि हमें योगी आदित्यनाथ जैसा नेता चाहिए। समय निर्णय करेगा कि स्वामी परिपूर्णानंद कब राजनीति में आएंगे। ये फैसला उच्चतम स्तर पर लिया जाना चाहिए।“ इस बयान के बाद से अटकलों का दौरा शुरू हो गया है कि दक्षिण के राज्यों में बीजेपी के लिए चुनावी मैदान में उतर सकते हैं और उन्हें लोकसभा चुनाव या हैदराबाद की किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है। हाल ही में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने परिपूर्णानंद से मुलाकात की थी और उनके राजनीति में आने की बात कही। वहीं, स्वामी परिपूर्णानंद के स्वागत में पहुंचे बीजेपी के विधायक एनवीएसएस प्रभाकर ने भी अपने बयान से उनके राजनीति में आने के संकेत दिए थे। जी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी उन्हें सिंकदराबाद या मलकानगिरी लोकसभा सीट या फिर कारवान या चंद्रयानगुट्टा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की सोच रही है।
अगर स्वामी परिपूर्णानंद दक्षिण में हिंदुओं के बीच लोकप्रिय हैं। उनके लाखों अनुयायी हैं और वाहन के लोगों में उनके लिए सम्मान की भावना है। अगर उन्हें राजनीति के मैदान में उतारा जाता है तो ये तय है कि कर्नाटक की तरह ही तेलंगाना में भी बीजेपी को अपने मतदाता आधार में बढ़त मिलेगी और राज्य में बीजेपी की स्थिति में भी सुधार होगा। तेलंगाना को योगी आदित्यनाथ जैसे नेता की जरूरत है ऐसे में राज्य एक लिए स्वामी परिपूर्णानंद से बेहतर और कोई नजर नहीं आता।