रिपब्लिक टीवी द्वारा कराए गये एक स्टिंग ऑपरेशन में आम आदमी पार्टी का असली चेहरा सामने आ गया है। इस स्टिंग में खालिस्तान आतंकवादी संगठन द्वारा आम आदमी पार्टी को फंडिंग का दावा किया गया है। दल खालसा जिसपर एक बार प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है, इसके सदस्य गुरुचरण सिंह इस स्टिंग में दावा किया है कि 2017 में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में न सिर्फ आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार किया बल्कि फंडिंग भी की थी। रिपब्लिक टीवी पर रात दस बजे हुए एक बहस के दौरान उसये बात स्वीकार की। जब अर्नब गोस्वामी गुरुचरण से सवाल किया कि उसके समूह ने आम आदमी पार्टी को फंड दिया था या नहीं इसपर गुरुचरण सिंह ने जवाब देते हुए कहा, “आम आदमी पार्टी सिर्फ एक जरिया थी। ये एक बेकार पार्टी है जो पंजाब में भी असफल साबित हुई। हम आम आदमी पार्टी के जरिये चुनावी व्यवस्था में खामियों को उजागर करना चाहते थे। आप के पास सिर्फ 90 ही सीटें हैं वो अपना वजूद खो चुकी है।”
#KhalistanSting | After being stung on camera, member of Dal Khalsa reiterates funding AAP during Punjab elections 2017https://t.co/hCrVWZkkvs
— Republic (@republic) October 3, 2018
दल खालसा ग्रुप भारतीय संविधान में निष्ठा नहीं रखता है। पिछले साल फरवरी में खालसा दल के प्रवक्ता कंवरपाल सिंह ने कहा था कि, “हम भारतीय व्यवस्था के तहत चुनावों का बहिष्कार करते हैं।” कंवरपाल सिंह ने आगे कहा था, “हम स्वतंत्र, संप्रभु पंजाब के हिमायती हैं। हम चाहते हैं कि सिखों को आत्मनिर्णय का अधिकार दिया जाए।”
जब गुरुचरण से दोबारा फंडिंग को लेकर सवाल किया गया तो उसने कहा, “मैं इससे इंकार नहीं कर रहा, मैं मना नहीं कर रहा। हमने उन्हें एक उपकरण की तरह इस्तेमाल किया। मैं इससे इंकार नहीं करता। ये पूरी व्यवस्था ही फ्रॉड है।”
रिपब्लिक टीवी द्वारा किये गये स्टिंग ऑपरेशन में उसने कहा, “पंजाब को देखो। आप सिर्फ 95 सीट ही जीत पाई। हमने जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए प्रचार किया था और पार्टी को फंड भी दिया था जिससे चुनाव प्रचार पर गहरा प्रभाव पड़े। और इससे फर्क भी पड़ा। लोगों ने आप के लिए वोट किया लेकिन वो EVM की वजह से नहीं जीत पाए।”
ये स्टिंग ऑपरेशन आम आदमी पार्टी के खिलाफ पक्का सबूत है जो साफ़ करता है कि आम आदमी पार्टी भारत-विरोधी ताकतों से मिली हुई है। पाकिस्तान और आईएसआई खालिस्तानी आतंकियों की मदद कर भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी द्वारा खालिस्तानी ग्रुप का समर्थन करने का मतलब ये है कि पाकिस्तान परोक्ष रूप से आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रहा है। गुरुचरण ने बार बार ये दोहराया कि EVM और आम आदमी पार्टी ने भी वही किया। केजरीवाल ने भी बताया था कैसे EVM को हैक किया जा सकता है। यही नहीं आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने तो दिल्ली के विधानसभा में इस प्रक्रिया को विस्तार से करके भी दिखाया था। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या आप खालिस्तान ग्रुप और उसके समर्थकों के इशारों पर चलता है?
वैसे ये पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी का जुड़ाव देश-विरोधी ताकतों के साथ सामने आया है। आम आदमी पार्टी के नेताओं पर अक्सर ही खालिस्तान अलगाववादियों के प्रति सहानुभूति के आरोप लगते रहे हैं। पंजाब में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करने के लिए राज्य में पार्टी का नेतृत्व खुलेआम अलगाववादी तत्वों का समर्थन कर रहा है। पिछले महीने आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता सुखपाल खैरा ने खालिस्तान के लिए एक जनमत संग्रह का समर्थन किया था। खैरा ने कहा था, “मैं सिख जनमत संग्रह 2020 आंदोलन का समर्थन करता हूं क्योंकि पीड़ित सिखों को अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ न्याय मांगने का अधिकार है।“ आम आदमी पार्टी से निलंबित सांसद डॉक्टर धर्मवीर गांधी भी खालिस्तान की मांग के लिए सिख फॉर जस्टिस की ओर से प्रस्तावित रेफरेंडम-2020 के समर्थन कर चुके हैं।
आम आदमी के भले के लिए बनी पार्टी आज अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश विरोधी ताकतों का साथ दे रही है। जहां बीजेपी सरकार देश और उसकी अखंडता के लिए खालिस्तानी आंतकवाद को बढ़ावा देने वाले बलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का ये रुख शर्मनाक है।