सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में 10-50 महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध को हटा दिया था जिसके बाद से केरल में इस फैसले को लेकर विरोध हो रहा है। इस मामले में केरल सरकार रवैया काफी गैर-जिम्मेदाराना और लापरवाह देखने को मिल रहा है। भगवान अय्यपा के के भक्तों के प्रति केरल सरकार का रुख बेहद शर्मनाक रहा है जिस वजह से मंदिर एक युद्ध का मैदान बन गया है जहां हिंसा, विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
सबरीमाला के द्वार खोलने की तैयारी के समय हिंदू अपने धर्म की मान्यता को बरकरार रखने के लिए दृण दिखे और मंदिर के बाहर एकजुट हो गए ये सुनिश्चित करने के लिए उनके धर्म के खिलाफ कोई भी महिला प्रवेश न कर सके। सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महिलाओं के पक्ष में बताया जा रहा है लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि इस विरोध प्रदर्शन में ज्यादातर महिलाएं ही शामिल हैं जो इस फैसले का विरोध कर रही हैं। महिला श्रद्धालु पूरे जोश के साथ भगवान अय्यपा के प्रति अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए लड़ रही हैं वहीं इस बीच कुछ ‘एक्टिविस्ट’ जो हिंदू धर्म की नहीं है और न ही हिंदू धर्म की मान्यताओं से कोई मतलब है वो जबरदस्ती मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी। ये एक्टिविस्ट वो लोग हैं जो मुस्लिम, ईसाई धर्म और कम्युनिस्ट थे जिनके अंदर भगवान अयप्पा के लिए कोई भक्ति भावना नहीं थी और न ही उनके मन में हजारों वर्षों से चली आ रही हिंदू धर्म की मान्यता के लिए कोई सम्मान है।
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा, रिपोर्टर कविता जक्कल और मैरी स्वीटी मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थीं। केरल पुलिस ने इन्हें मंदिर में प्रवेश करने में मदद भी की।
Women who have attempted to enter #Sabarimala temple-
1. Libi – Xtian, Atheist
2. Suhasini Raj – Atheist, Hindu hater
3. Kavitha Jakkal – Xtian
4. Rehana Fatima – Muslim
5. Mary Sweety – Xtian— Iva (Modi Ji Ka Parivar) (@MsKaushik_) October 19, 2018
Mary Sweety, Fathima and commie Kavita are the ONLY three women who want to enter the temple. If this is not a victory of the #ReadyToWait movement, I don’t know what is! #savesabarimala https://t.co/t7u0a5usVk
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) October 19, 2018
Rehana Fatima, Kavita Jhakkal, Mary Sweety are desperate to enter #Sabrimala
Petitioner for entry of women was Naushad.
Ab bhi na samjhe to kya samjhe!— Gunja (@GeeKayTalks) October 19, 2018
अब सवाल ये उठता है कि ईसाई और मुस्लिम महिलाएं मंदिर में क्यों प्रवेश करना चाहती थीं? क्या ये कोई टूरिस्ट स्थान है? वास्तव में ये महिलाएं पूजा करने से ज्यादा धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने के इरादें से आयी थीं। इनकी ये हरकत दर्शाती है कि उनके अंदर हिंदू धर्म या उससे जुड़ी मान्यताओं के प्रति कोई सम्मान की भावना नहीं रखती हैं। अगर इन महिलाओं को समान अधिकार के लिए लड़ने की बात कह रही हैं तो इन्हें पहले अपने धर्म से इसकी शुरआत करनी चाहिए जहाँ धर्म के नाम पर महिलाओं के प्रति असमानता देखने को मिलती रही है। उन्हें जिन मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है उसके खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए। रेहाना को तीन तलाक, निकाह-हलाला और भेदभाव वाली प्रथाओं के खिला आवाज उठानी चाहिए। अपने धर्म में महिलाओं के प्रति हो रहे व्यवहार के प्रति चिंता व्यक्त करने की बजाय उन्हें हिंदू धर्म की महिलाओं की चिंता खा रही है। मैरी स्वीटी को उन नन के लिए लड़ना चाहिए जो चर्च के बिशप द्वारा रेप की शिकार हुई हैं उनके न्याय की लड़ाई में उन्हें उनका साथ देना चाहिए। उन्हें इसके खिलाफ भी लड़ना चाहिए कि क्यों ईसाई धर्म में एक बिशप या पॉप पुरुष ही क्यों हो सकता है महिलाएं क्यों नहीं? लेकिन नहीं इन्हें सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबन्ध से ज्यादा परेशानी है।
इन तथाकथित वुमेन एक्टिविस्ट को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश से कोई लेना देना नहीं है ये सिर्फ हिन्दू धर्म की परंपराव को धूमिल करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ये उनके निम्न स्तर के प्रयास हैं। रेहाना फातिमा ने शुक्रवार को मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी जिसकी वजह से वो चर्चा में है लेकिन ये कोई पहली बार नहीं इससे पहले भी वो खबरों में आ चुकी हैं। इससे पहले कोझिकोड के एक प्रोफेसर के बयान का विरोध करते हुए फातिमा ने अपने स्तनों को तरबूज से ढक फेसबुक की अपनी फोटो पोस्ट की थी जिस वजह से वो काई चर्चा में थीं। 2014 में फातिमा ने मॉरल पोलिसिंग के खिलाफ ‘किस ऑफ लव’ प्रोग्राम में भाग लिया था तब उनके सहयोगी फिल्म निर्माता मनोज के श्रीधर ने किस करते हुए फेसबुक पर एक वीडियो भी शेयर किया था। इसके अलावा भी रेहाना का नाम कई विवादों से जुड़ चुका है।
https://twitter.com/AgentSaffron/status/1053132057881251845?s=19
https://twitter.com/AgentSaffron/status/1053155284481392640?s=19
Dear NEPOTISM AND DYNASTY TV @ndtv do you REALLY want to know ‘who is a Ayyappa devotee’? Someone who doesn’t share a cover pic insulting Hindu icons like in picture 2. The pic was shared by Rehana Fatima as a cover pic on 18th April 2018. Do your research morons! pic.twitter.com/oZRpOzFl5t
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) October 20, 2018
Rehana Fatima was the main organizer for Kiss of love in Kerala and renowned communist Nut case . Athiest as she claims now she has become Aiyappa Bhaktha.
She s Climbing Hill with the support of Police Goons. #SaveSabarimala pic.twitter.com/FZAplVDq3h— Girish Bharadwaj (@Girishvhp) October 19, 2018
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को विरोध प्रदर्शन के समय कानून और नियमों का पालन करने के लिए सख्त चेतावनी दी थी। अब केंद्र सरकार ने तीन दक्षिणी राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के एडवाइजरी जारी कर दिया है। इसमें केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इन तीन राज्यों को सोशल मीडिया और इंटरनेट सेवाओं के जरिये फैलाए जा रहे ‘प्रतिकूल’ मैसेज पर भी नजर रखने को कहा है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अपने इस एडवाइजरी में कहा है, “कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाया जाए और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए जाए।”
केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किये गये एडवाइजरी से भी केरल सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी तभी अगर उन्होंने पहले ही भक्तों की श्रद्धा के भाव का सम्मान किया होता तो आज इस तरह की हिंसा नहीं देखने को मिलती।
"Women should be allowed to enter Sabarimalai."
But women devotees don't want to break the tradition of temple. They are ready to wait.
"No, they want to visit"
Who are they ?
"Maria and Fatima".
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) October 19, 2018