महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के खिलाफ पहली बार साल 2017 में अमेरिका में एक कैंपेन शुरू हुआ था जब हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे व्हाईंस्टीन के खिलाफ अभिनेत्री रोज मैक्गोवन ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद मैक्गोवन के आह्वान पर दुनियाभर की औरतें एकजुट हुईं और #Metoo कैंपेन की शुरुआत हुई थी। इस कैंपेन की गूंज इस बार भारत में जोर शोर से सुनाई दे रही है। बॉलीवुड हो या कॉमेडी की दुनिया या मीडिया हर जगह से महिलाओं का एक बड़ा अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न को लेकर खुलकर बोल रहा है। लिबरल्स के चेहरों से नकाब हट रहा है। अब महिलाओं को अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के बारे में खुलकर बोलने में कोई शर्म नहीं है। इसी तरह के एक मामले में लेफ्ट-लिबरल के मुखपत्र द वायर के सह-संस्थापक सिद्धार्थ भाटिया पर भी पूर्व महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं और अपने आरोपों में महिलाओं ने जो कहा है वो हैरान कर देने वाला है।
इसकी शुरुआत Huffpost India की पूर्व उप संपादक रितुपर्णा चटर्जी के एक ट्वीट से हुई जिसमें उन्होंने #MeToo कैंपेन के जरिये सामने आ रहे यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामले पर चिंता व्यक्त की और कहा कि “मैं हैरान हूं कि जो नाम सामने आ रहे हैं वो मेरे काफी जाने-मने नाम है।“ रितुपर्णा चटर्जी के ट्वीट का रिप्लाई करते हुए रीमा सान्याल ने जो जवाब दिया वो बेहद चौंका देने वाला है:
Come on @ranjona , speak up, you were @bombaywallah Sidharth Bhatia's deputy in DNA. How many times did his lick lower lip seeing bra straps of young women in office!?!
— Bharti Shukla (@right2livelife) October 7, 2018
How many inboxes must be filled with Feminist Liberal Uncle, The Wire founder, @bombaywallah's literary pleadings to bed young colleagues? Should we expose him, too? @neetakolhatkar @ranjona @TheRestlessQuil @rishibagree @seemantinibose
— Reema Sanyal (@domeofthedevil) October 7, 2018
इसके बाद सिद्धार्थ भाटिया के खिलाफ आरोपों की झड़ी लग गयी। यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद हद तो तब हो गयी जब अपने ही ऊपर लगाये गये आरोपों वाले ट्वीटस को लिखे करते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा करना कूल लगता है। इस बात खुलासा रीमा सान्याल ने अपने ट्वीट में किया।
Wow, look, he is even liked the tweet. Shamelessness takes a new level
— Reema Sanyal (@domeofthedevil) October 7, 2018
लेफ्ट-लिबरल के मुखपत्र द वायर के सह-संस्थापक सिद्धार्थ भाटिया ऊपर कुछ और अंदर कुछ और है और हैं। उनके इस ढोंग का खुलासा उन्हीं के द्वारा साल 2013 में किये एक ट्वीट से साफ़ हो गया जिसमें वो महिलाओं के साथ हो रहे बुरे बर्ताव को लेकर बॉलीवुड की आलोचना कर रहे हैं जबकि खुद इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं।
वास्तव में ये लेफ्ट लिबरल द वायर के सह-संस्थापक सिद्धार्थ भाटिया के ढोंग को दर्शाता है जो इस ट्वीट थ्रेड से सामने आ गया है। रीमा सान्याल के ट्वीट से साफ़ है कि सिद्धार्थ भाटिया फेमिनिस्ट का ढोंग करते हैं और अब उनके इस ढोंग के लिए यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
ऊपर कुछ और अंदर कुछ और बस यही सच है The Wire का ….!!!#MeToo#MeTooIndia @rohini_sgh pic.twitter.com/d226p3ATJE
— धनंजय (@Dhananjayaneja) October 7, 2018
यदि सिद्धार्थ भाटिया के खिलाफ लगाये गये ये आरोप अगर सच हैं तो आने वाले दिनों में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। महिला सशक्तिकरण का राग अलापने वाले सिद्धार्थ पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। उनका एजेंडा भी स्टैंडअप कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती, क्विंट के रिपोर्टर मेघनाद बोस, अनुराग वर्मा और अन्य से कुछ अलग नहीं था जिनका दोहरा रुख #Metoo कैंपेन से सामने आया है। हालांकि, इस मामले में अभी तक लेफ्ट-लिबरल गैंग ने चुप्पी सधी हुई है और इस मामले पर कुछ भी नहीं बोल रहे।
पहले से अमित शाह के बेटे पर झूठे आरोपों के लिए दवायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एमके वेणु और अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। ऐसे में अब यौन उत्पीड़न के मामले के सामने आने के बाद सिद्धार्थ भाटिया की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। पत्रकारिता का स्तर तो पहले ही गिर रहा था अब ये आरोप मीडिया हाउस में महिलाओं की स्थिति को दर्शाया है। विडम्बना ये है कि इन मीडिया संस्थानों की चारदीवारी महिला पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है और ये पत्रकार महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं।